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आज का विचार - आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
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जिनेन्द्र देव की वाणी , जिसे पूर्वाचार्यो ने प्राकृत संस्कृत भाषा में निबद्ध किया था, उसी का आचार्य विद्यासागर जी द्वारा हिंदी भाषा में अनुदित पद्यानुवादजैन गीता (समणसुत्तं) कुन्दकुन्द का कुन्दन (समयसार) -
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दिनांक :- २६ फरवरी २०२४
परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य पूज्य निर्यापक श्रमण ज्येष्ठ श्रेष्ठ मुनि श्री समय सागर जी महाराज ससंघ डोंगरगढ़ में विराजमान है ।
उनके अलावा लगभग सभी निर्यापक संघ एवं पूज्य मुनि संघ का मंगल विहार चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ से डोंगरगढ़ सिटी की ओर हुआ।आज आहारचर्या :- डोंगरगढ़ नगर में ।।
संभावित मुनि संघ एवं विहार दिशा
संत शिरोमणि आचार्य भगवन श्री १०८ विद्यासागरजी महाराज के परम प्रभावक शिष्य★ निर्यापक श्रमण मुनिवरश्री १०८ योगसागरजी महाराज
★ निर्यापक श्रमण मुनिवरश्री १०८ समतासागरजी महाराज
★मुनिवरश्री १०८ पूज्यसागरजी महाराज
★ मुनिवरश्री १०८ महासागरजी महाराज
★मुनिवरश्री १०८ निष्कंपसागर जी महाराज
★मुनिवरश्री १०८ निस्सीमसागर जी महाराज
★ऐलकश्री १०५ निश्चय सागरजी महाराज
★ऐलकश्री १०५ धैर्य सागरजी महाराजससंघ का मंगल विहार अभी अभी चंदगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ से हुआ
◆आज आहारचर्या :- डोंगरगढ़ नगर में ।।
◆विहार दिशा :- राजेन्द्र नगर/ अमरकंटक की ओर
संत शिरोमणि आचार्य भगवन श्री १०८ विद्यासागरजी महाराज के परम प्रभावक शिष्य★ निर्यापक श्रमण मुनिवरश्री १०८ प्रसादसागरजी महाराज
★मुनिवरश्री १०८ अजितसागरजी महाराज
★ मुनिवरश्री १०८ चंद्रप्रभसागरजी महाराज
★मुनिवरश्री १०८ निरामयसागर जी महाराज
★ऐलकश्री १०५ विवेकानंद सागरजी महाराजससंघ का मंगल विहार अभी अभी चंदगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ से हुआ
◆आज आहारचर्या :- डोंगरगढ़ नगर में ।।
◆विहार दिशा :- बालाघाट की ओरसूचना इसी लिंक पर अपडेट की जाएगी
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जन्म का उत्सव तो सभी मानते हैं, किंतु जो मरण का उत्सव मनाते हैं वह मौत को भी जीत जाते है। जैन परम्परा में मरण को जीतने की इसी कला को समाधिमरण कहते है।
छत्तीसगढ़ की धर्मनगरी डोगरगढ़ चंद्रगिरी दिगंबर तीर्थक्षेत्र पर समाधि साधनारत दिगंबर जैनाचार्य 108 श्री विद्यासागर जी महाराज ने दिनांक 18 फरवरी 2024 के ब्रम्हमुहूर्त में जीवन की इसी श्रेष्ठतम समाधि अवस्था को प्राप्त किया। मानों एक क्षण के लिए समय का चक्र थम गया। भाजपा के केंद्रीय अधिवेशन दिल्ली में आज कार्यवाही प्रारंभ होने के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान जेपी नड्डा जी ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, आदि उपस्थित सभी विशिष्ट महानुभावों को यह दुखद सूचना देकर गुरुदेव के प्रति मौन श्रद्धांजलि अर्पित कराई। इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र जी मोदी ने कहा की समाधि की सूचना मिलने के बाद उनके भक्त और हम सभी शोक में है और हम सब भी शोक में हैं और मेरे लिए तो यह व्यक्ति गत बहुत बड़ी क्षति है। इस समय वह गुरुदेव अपना अपना छोटा सा संघ लिए आत्मा साधना में लिए लीन रहते थे। जबकि उनके द्वारा दीक्षित हजारों शिष्य, शिष्याएं समूचे देश विहार कर रहे है। समाचार फैलते ही समूचे देश के श्रद्धालुओं, भक्तों की भीड़ गुरुदेव के अंतिम दर्शन करने उमड़ पड़ी। मध्यान्ह काल 1 बजे गुरुदेव की विमान यात्रा प्रारंभ होते ही लाखों नयन अश्रुपूरित हो उठे।मुख्य मंत्री मोहन यादव के निर्देशन से आए चेतन कश्यप :केबिनेट मंत्री सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय ने किए अंतिम दर्शन
"जैनम जयति शासनम, वंदे विद्यासागरम" के उद्घोषों के साथ ही मुनिसंघ के साथ विमान यात्रा अंतिम संस्कारस्थली पर पहुंची। मुनीसंघ के द्वारा किए गए अंतिम धार्मिक अनुष्ठान, भक्तिपाठ संपन्न होते ही प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी विनय भैया जी द्वारा दाह संस्कार की विधि संपन्न की गई। देश के प्रसिद्ध श्रावक श्रेष्ठि श्रीमान अशोक जी पाटनी(R.K.मार्बल) किशनगढ़, प्रभात जी मुंबई, राजा भैया सूरत, अतुल सराफ पूना, विनोद बड़जात्या रायपुर, प्रमोद कोयला दिल्ली, पंकज जी पारस चैनल दिल्ली, दिलीप घेवारे ठाणे, किरीट भाई मुंबई, चंद्रगिरी तीर्थक्षेत्र कमेटी से किशोर जी जैन, चंद्रकांत जैन, सुधीर जैन छुईखदान आदि सभी ट्रष्टिगण उपस्थित थे।हम सबके प्राणदाता, जीवन निर्माता गुरुदेव ने विधिवत सल्लेखना बुद्धिपूर्वक धारण कर ली थी और जागरूक अवस्था में उन्होंने आचार्य पद का त्याग करते हुवे 3 दिन का निर्जल उपवास करते हुवे प्रत्याख्यान किया था। अखंड मौन धारण करके उन्होंने अपनी यह समाधि साधना संपन्न की।
इस अवसर पर प्रतिभामंडल की समस्त ब्रह्मचारिणी बहने चंद्रगिरी क्षेत्र रामटेक, तिलवारा जबलपुर, ललितपुर एवम इंदौर की विशेष उपस्तिथि के साथ विभिन्न प्रदेशों से भी श्रद्धालुजन आए। ब्रम्हचारी भैया, ब्रम्हचारी बहनें, समस्त गौशलाओ के कार्यकर्तगण, पुर्नायु, शांतिधारा, हथकरघा, भाग्योदय के कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे। ब्राम्ही विद्या आश्रम की बहने, श्राधिका आश्रम, उदासीन आश्रम इंदौर की बहने, ब्रम्हचारी समस्त ब्रम्हचारी भैया आदि इस अवसर पर विशेष रूप से विभिन्न प्रदेशों की समाज एवम कार्यकर्ता के संगठन उपस्थित रहे। गुरुदेव के संघ जहां जहां विराजमान थे आर्यिका संघ जहां जहां विराजमान थे, के द्वारा गुरुदेव के श्रीचरणों में अपनी विनयांजलि अर्पण की।
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"प्रिय सदस्यों,
आपसे अनुरोध है कि 'वतन की कमान' प्रतियोगिता के पोस्टर को मंदिरों में लगाकर इस महत्वपूर्ण अभियान में अपना सहयोग दें। आपका यह कदम इस प्रतियोगिता के प्रचार में बहुत मदद करेगा और और अधिक लोगों को इसमें भाग लेने के लिए प्रेरित करेगा। आइए, मिलकर हम भारतीय शिक्षा की दिशा में एक सार्थक योगदान दें और अपने देश को ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करें।
आपके प्रयास से यह प्रतियोगिता और भी व्यापक हो सकेगी, और हम सभी मिलकर गुरुजी की इस भावना को साकार कर पाएंगे।"
याद रखें, जितना बड़ा पोस्टर, उतनी अधिक दृश्यता।
इस कार्य को करने वाले दस भाग्यशाली लोगों को एक विशेष उपहार दिया जाएगा। हम एक लकी ड्रॉ के माध्यम से इन दस विजेताओं का चयन करेंगे। पोस्टर लगाने के बाद, उसके साथ अपनी फोटो खींचें और इस पोस्ट के जवाब में अपलोड करें। फोटोग्राफ साझा करने की अंतिम तिथि 18 जनवरी 2024 है। विजेताओं के नाम 20 जनवरी 2024 को घोषित किए जाएंगे।
आचार्य श्री जी का कहना है कि हर भारतीय इस अमूल्य पुस्तक का अध्ययन करे। आपकी सहायता से यह ज्ञान अनेकों तक पहुंचेगा, और आपका प्रयास ही हमें सबसे बड़ा उपहार है। साथ ही, हम आपके उत्साहवर्धन के लिए विशेष उपहार भी प्रदान कर रहे हैं।"
"जो पहले पांच लोग इस अभियान में सक्रिय रूप से कदम बढ़ाएंगे, उन्हें निश्चित रूप से विशेष उपहार प्रदान किया जाएगा। आपकी प्रेरणा और सहयोग से प्रत्येक मंदिर में 'वतन की कमान' प्रतियोगिता की जानकारी पहुंचाई जा सकेगी।"
सभी 15 लोगों को हतकरघा / हस्तशिल्प के उत्पाद प्रदान किए जाएंगे
पोस्टर के साथ फोटो निम्न लिंक पर अपलोड करें
https://vidyasagar.guru/gallery/category/89-1
पोस्टर डाउनलोड करें
CDR File
Watan ki kaman cdr @ sourabh bhiya.cdr
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♦️आहारचर्या*♦️
_रायपुर_
_दिनांक 20/12/2023_
*आगम की पर्याय,महाश्रमण युगशिरोमणि १०८ आचार्य श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के आहार कराने का सौभाग्य _श्रीमान नरेंद्र जी जैन गुरुकृपा परिवार नय मंदिर के मूलनायक पुण्यर्जक परिवार (छ.ग.)_* एवं इनके परिवार को प्राप्त हुआ है।इनके पूण्य की अनुमोदना करते है।
💐🌸💐🌸
*भक्त के घर भगवान आ गये*
🌹🌹🌹🌹
*_सूचना साभार-:ब्र.विवेक भैया जी (बजरंग) बंडा_*
🌷🌷🌷
*सूचना प्रदाता-:*
🏔️🏔️🏔️🏔️🏔️🏔️🏔️🏔️🏔️
*अंकुश जैन बहेरिया
*प्रशांत जैन सानोधा- Read more...
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🙏🙏🙏जयजिनेन्द्र । सम्यक दर्शन । सादर प्रणाम! गुरुदेव आचार्य श्री विद्यासागर वेबसाइट बहुत उपयोगी है । हम इस वेबसाइट द्वारा धर्म, साहित्य, भजन ,पूजा ,धर्म समाचार, प्रतिष्ठा महोत्सव, आचार्य श्री की प्रवचन, गीत, कई तरह विभिन्न प्रकार के विषयो की जानकारी मिलते है । अतः यह वेबसाइट जैन धर्म की सागर है । श्री सौरभ जी को हमारी बधाई ।bhut hi accha website h or guru ke dura dhrm ki prabhavna hoti rhe......Bahut acche website heiGreat workAacharyashri Maharaj shri shri Vidyasagar ji maharaj k pravachan Youtube k channel Kundal pur mahotsav 2022 par upload nhi ho rahe hai bas bade baba ki shanti dhara he upload ho rahi hai Kripaya help kareGreat initiativeबहुत ही शानदार ज्ञानवर्धक साईट का निर्माण किया है और हम सभी को इसका पूर्ण लाभ उठाना चाहिए.आचार्य श्री और संघ के अन्य महाराज की आहार चर्या की फोटो और वीडियो डालें डेली प्लीज.Very very goodएकलव्यों के लिए, जो आपने किया है प्रयास अतुलनीय एवं प्रशंसनीय है बना रहे गुरु कृपा इसी प्रकार आप पर - हम सभी पर निर्बाध ... प्रणाम !! नमोस्तु आचार्यश्री ! मम गुरुवर , एवं प्रसादसागर जी महाराज के चरणों में वंदन बारंबार ... Saurabh ji ko hardik shubhkamnayen ! गुरुवर मेरे ! हुआ पूर्ण एक साल आज ही के दिन बकरीद के मौके पर भाव बने थे जब संयम मार्ग में बढ़ने के मिला था आपसे आशीर्वाद करा था संकल्प पहली प्रतिमा का ... गुरुवर ! जरुरी इस इस मौके पर करूँ पेश आपके समक्ष लेख…🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼आचार्य श्री जी के अवतरण दिवस पर उनके श्री चरणों में कोटि कोटि नमोस्तु अर्पित करते हैं। नमोस्तु गुरु देव। नमोस्तु गुरु देव। नमोस्तु गुरु देव।*Acharya Guruvar Vidhyasagar Jee Maharaj Ko Paschimi Uttar Pradesh Laane Ki Ek Vishesh Aur Adbhut Pehal Shantinath Yuva Sangh Asoda House Meerut Dwaara* Kaun Kehta Hai Ke Acharye Shri Vidhyasagar Jee Maharaj Paschimi Uttar Pradesh Nahi Aana Chahte? Agar Aap Bhi Yahi Sochte Hain Toh Yeh Video Dekhiye, Unki Muskuraahat Dekhkar Aapko Khud Samajh Ajaayega Ki Woh Kya Chahte Hain. Shantinath Yuva Sangh Ka Utsaah Evam Akalpniye Tareeka Dekhiye Apne Guruwar Ko Manane Ka. Poori tarah se jut gaye h…बहुत ही बढ़िया साइट बनायी है इस साइट के माध्यम से मुझे बहुत ही ज्ञान की प्राप्ति हुयी मैनें दूसरों को भी ज्ञान के बारे में बताया सौरव भाई का बहुत बहुत धन्यवाद साइट बनाने के लिये गुरूदेव की पूरी जानकारी मिलती है"सब के सब बहुत ही उपयोगी है । ये वेबसाइट पर सभी को एकत्रित होना चाहिए । ताकि सभी लोगो को फायदा होगा । कार्यक्रम और कार्य कर्ताओं को बधाई ।कृपया करके 26 July 2019 का प्रवचन भी upload कर दीजिए।Very very nice appThis app is very helpful in getting information regarding vihar's and also for swadhyaya. Your quiz's are commendable because they help us to learn new things and gives us knowledge of our Dharam.जय हो आचार्य विद्यासागर मुनि महाराज की, इस वेबसाइट से मुझे काफी कुछ सीखने को मिला, स्वाध्याय को तो एक अलग ही ढंग से प्रस्तुतु किया है, जैसे की हमारे ही मन के प्रश्नो का कोई उत्तर दे रहा हो. वेबसाइट पर प्रतियोगिताएं हैं जो काफी सहज ढंग से बनायीं गयी है . इसके इलावा मुनि श्री की भक्ति में आत्मा लवलीन करने वाले भजन से तो मन गदगद हो गया. और मैं व्यक्त करना चाहूँ तो भी इसकी प्रशंशा नहीं सकता. ऐसा लगता है, इस वेबसाइट में सब कुछ समां गया है -
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संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज
ये ऐसे संत है जिनका जीवन एक सम्पूर्ण दर्शन है जिनके आचरण में जीवों के लिए करुणा पलती है जिनके विचारों में प्राणी मात्र का कल्याण आकर लेता है,जिनकी देशना में जगत अपने सदविकास का मार्ग प्रशस्त करता है |आप निरीह, निस्पृह वीतरागी है फिर भी आपके विचार भारतीयता के प्रति अगाध निष्ठा, राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यपरायणता से ओतप्रोत है आपका चिंतन प्राचीन भारतीय हितचिंतको दार्शनिको एवं संतो का अनुकरण करते हुए भी मौलिक है |आचार्य महाराज तो ज्ञानवारिधी है और उनके विचारों को संकलित करना छोटी सी अंजुली में सागर को भरने का असंभव प्रयास करना है|
रास्ता उनका, सहारा उनका, मैं चल रहा हूँ दीपक उनका, रौशनी उनकी मैं जल रहा हूँ प्राण उनके हर श्वास उनकी मैं जी रहा हूँ
From Wikipedia Acharya Shri Vidyasagarji Maharaj (born 10 October 1946) is one of the best known modern Digambara Jain Acharya(philosopher monk). He is known both for his scholarship and tapasya (austerity). He is known for his long hours in meditation. While he was born in Karnataka and took diksha in Rajasthan, he generally spends much of his time in the Bundelkhand region where he is credited with having caused a revival in educational and religious activities. Know more about him
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