काया की नाव में पले हैं माया की छाँव में छले हैं हम तो ........निरे अनजान ठहरे इतने विचार कहाँ हों गहरे नहरों से पूछे या लहरों से कहाँ से आती कहाँ जाती ...... ये लहरें ? लहरों पर लहरें हैं क्या ? लहरों में लहरें