श्रुत संवर्धन ज्ञान संस्कार शिविरों में बह रही है संस्कार और ज्ञान की गंगा स्थानीय स्तर पर 12 को तथा सामूहिक समापन 13 को करगुवां जी झाँसी में होगा नई बस्ती, अटा मंदिर और जखौरा, तालबेहट में चल रहे हैं ज्ञान संस्कार शिविर ललितपुर। परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के संयम स्वर्ण महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में परम पूज्य सराकोद्धारक आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से श्रुत संवर्धन संस्थान, मेरठ के तत्वावधान में श्रुत संवर्धन ज्ञान संस्कार शिक्षण शिविर टीकमगढ़- झांसी-ललितपुर के विभिन्न अंचलों में 4 से 13 जून 2018 तक बड़े ही उत्साह से आयोजित हो रहे हैं।
केंद्रीय शिविर समिति के संयोजक मनीष शास्त्री ने बताया कि उक्त शिविरों में ज्ञान दर्पण भाग 1, 2 छहडाला, भक्तामर स्त्रोत, तत्वार्थ सूत्र, द्रव्य संग्रह आदि की कक्षाएं संचालित हो रही हैं साथ में ही रात्रि में अनेक प्रेरणादायक सांस्कृतिक आयोजन और अनेक धार्मिक प्रतियोगिताएं हो रही हैं । जनपद के ललितपुर नगर में नई बस्ती स्थित आदिनाथ जैन मंदिर में श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर जयपुर से आये विद्वान आशीष शास्त्री मबई और शुभम शास्त्री के निर्देशन में शिविर अनेक गतिविधियों के साथ चल रहा है वहीं अटा जैन मंदिर में पंडित ज्ञानचंद्र जैन शास्त्री, राहुल शास्त्री और राजेन्द्र शास्त्री शिविर में अध्यापन करा रहे हैं। स्थानीय संयोजक श्रीमती वीणा जैन, सचिन जैन शास्त्री, अनूप जैन सहयोग प्रदान कर रहे हैं। दोनों जैन मंदिरों के प्रबंधकगण आयोजन में अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वाह कर रहे हैं।दोनों स्थानों पर पूजन प्रशिक्षण में बच्चे उत्साह से सम्मलित हो रहे हैं। जैन मंदिर जखौरा जैसे छोटे स्थान पर शिविरार्थियों का उत्साह देखते बनता है। यहाँ सभी आयु वर्ग के लोग रुचिपूर्वक शिविर का लाभ उठा रहे हैं।प्रतिदिन रात्रि में आयोजित विविध धार्मिक प्रतियोगिताओं में लोग बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। यहाँ पर रहित शास्त्री शाहगढ़ और भुवनेश शास्त्री बूंदी प्रशिक्षण दे रहे हैं। तालबेहट में जैन मंदिर में पीयूष शास्त्री टीकमगढ़ और अभिषेक शास्त्री बालाघाट के निर्देशन में शिविर में बड़ी संख्या में शिविर का लाभ उठा रहे हैं। पूज्य आर्यिका संभवमती माता जी का मङ्गल सान्निध्य भी मिल रहा है। अध्यापन कराने के लिए श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर जयपुर, श्रमण ज्ञान भारती मथुरा, स्याद्वाद महाविद्यालय बनारस आदि के वरिष्ठ विद्वान, नवोदित विद्वान एवं ब्रह्मचारी भैया, ब्रह्मचारिणी दीदी एवं वरिष्ठ विद्वान अध्यापन कार्य संपादित कर रहे हैं।
केंद्रीय शिविर समिति के सह निर्देशक डॉ सुनील संचय ने बताया कि परम पूज्य आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज की प्रेरणा से सन 2000 से 12 राज्यों के 1000 स्थानों पर ये शिविर आयोजित हो चुके हैं। श्रुत संवर्धन ज्ञान संस्कार शिक्षण शिविर एक बार फिर बुंदेलखंड के विभिन्न अंचलों में आयोजित हो रहे हैं। पाश्चात्य संस्कृति से लुप्त होते नैतिक संस्कार, विलुप्त होते आदर्शों को पुनः जीवित करने के लिए इन शिक्षण शिविरों का आयोजन होता आ रहा है । शिविर का स्थानीय स्तर पर समापन 12 जून को किया जाएगा तथा 13 जून को एक साथ सभी शिविरों का सामूहिक समापन समारोह आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य में दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र करगुवां जी झाँसी में आयोजित होगा। जिसमें सभी प्रशिक्षक विद्वानों का सम्मान, शिविर के प्रतिभाशाली शिविरार्थियों और स्थानीय संयोजकों को सम्मानित किया जाएगा। इस दौरान अनेक गणमान्य अतिथियों की गरिमामय उपस्थिति रहेगी।
शिविर समिति के संयोजक चेतन शास्त्री बंडा और सुनील शास्त्री नागौद ने बताया कि इन शिविरों के माध्यम से पाश्चात्य की ओर बड़ रही युवा पीढ़ी को नैतिक शिक्षा देकर उन्हें संस्कारित करना उद्देश्य है। मानव जीवन में संस्करों का बडा महत्व है. संस्कार संपन्न संतान ही गृहस्थाश्रम की सफ़लता और समृध्दि का रहस्य है. प्रत्येक गृहस्थ अर्थात माता-पिता का परम कर्तव्य बनता है कि वे अपने बालकों को नैतिक बनायें और कुसंस्कारों से बचाकर बचपन से ही उनमें अच्छे आदर्श तथा संस्कारों का ही बीजारोपण करें शिक्षण शिविर संचालन हेतु एक केंद्रीय समिति बनाई गई जिसमें परम संरक्षक श्री प्रदीप जैन आदित्य पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार ,श्री अनिल जैन विधायक निवाड़ी, कुलपति डॉक्टर शीतल चंद्र जयपुर, निर्देशक डॉक्टर श्रेयांश कुमारजैन बड़ौत, ब्र. अनीता दीदी , ब्र. मनीष भैया, प्रवीण जैन झांसी ,कपिल मलैया सागर ,सह निर्देशक डॉक्टर निर्मल शास्त्री हटा , डॉक्टर सुनील संचय ललितपुर, परामर्श प्रमुख श्री अनिल जैन दिल्ली ,राकेश जैन दिल्ली ,अजित शास्त्री अलवर, निरीक्षक समिति पंडित रमेश जैन शास्त्री जोबनेर, राजेंद्र जैन महावीर सनावद, रिषभ जैन झांसी, राजीव जैन झांसी, अक्षय आलिया ललितपुर, रवि जैन बबीना, मुख्य संयोजक ब्र. जय कुमार जी निशान्त भैया टीकमगढ़, संयोजक मनीष शास्त्री शाहगढ़ ,चेतन जैन बंडा, सुनील प्रसन्न शास्त्री नागौद,क्षेत्रीय संयोजक राजेश जैन शास्त्री सेसई बनाये गए हैं। सभी शिविर स्थानों पर स्थानीय संयोजक बनाये गए हैं जो स्थानीय स्तर पर शिविर की गतिविधियों को देख रहे हैं।आयोजक श्रुत संवर्धन संस्थान मेरठ एवं संस्कृति संरक्षण संस्थान दिल्ली है।
नई बस्ती में शिविर के दौरान आशीष शास्त्री और शुभम शास्त्री ने कहा कि परिवाररुपी पाठशाला मे बच्चा अच्छे और बुरे का अन्तर समझाने का प्रयास करता है. जब इस पाठशाला के अध्यापक अर्थात माता-पिता, दादा-दादी संस्कारी होंगे, तभी बच्चों के लिए आदर्श उपस्थित कर सकते है. आजकल माता-पिता दोनों ही व्यस्तता के कारण बच्चों मे धैर्यपूरक सुसंस्कारों के सिंचन जैसा महत्वपूर्ण कार्य उपेक्षित हो रहा है. माता- पिता स्वय़ं को योग्य एवं सुसंस्कृत बनावें। इन शिविरों के माध्यम से जहॉ बच्चे संस्कारित होंगे वहीं उनके अभिभावक भी संस्कारित होंगे।
आर्यिका अनुनयमति जी ,श्वेत मति जी