पलकें ही पलकें बिछाऐगें जिस दिन मेरे गुरुवर घर आएँगे-2
हम तो हैं गुरुवर के जन्मों से दीवाने रे-2
मीठे-2 भजन सुनाऐगें-2
जिस दिन................
घर का कोना-कोना मैंने फूलों से सजाया
तोरण द्वार सजाए घी का दीपक जलाया-2
भक्ति के रस में नहाएगें-2
जिस दिन मेरे गुरुवर घर आएँगे
पलकें................
पलकें. अब तो एक ही लगन लगी है प्रेम सुधा बरसा दो
जनम-जनम की मैली चादर अपने रंग रंगा दो-2
जीवन को सफल बनाऐंगे-2
जिस दिन मेरे गुरुवर घर आएँगे
पलकें................