बहती ज्ञान की धार, गुरुवर तुम्हारे द्वार
विद्यासागर महाराज, तुम तो मेरे गुरुवर हो
तुमही तो मेरे गुरुवर हो
मन में ज्ञान भरा वचनों में ज्ञान भरा।
जीवन में ज्ञान भरा तुम तो मेरे गुरुवर हो
तुमही तो मेरे गुरुवर हो
बहती ज्ञान.. संसार तो है नश्वर, संसार में क्या रहना
जो साथ में न जाये, क्या साथ उसके रहना
दो ऐसी ज्योति हमको, कर दो मेरा उद्धार
बहती ज्ञान................
ये दुनिया काम न आए, तेरे ज्ञान में सच्चाई
इसलिए छोड़ के दुनिया, तेरी ओर खिंची चली आई
ऐ गुरुवर मेरे गुरुवर, कर दो मेरा उद्धार ।
बहती ज्ञान..................
भटके जिया भव-भव में नहीं चैन पल भर पाये
नरकों में गिरकर देखो, ये कितना कष्ट उठाये
मिले तुमसे ज्ञान हमको, कर दो मेरा उद्धार
बहती ज्ञान की ..................