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भगवान् ऋषभदेव के जीवन पर आधारित पौराणिक उपन्यास
- मुनि श्री प्रणम्यसागरजी महाराज
यह उपन्यास युगुद्रष्टा को मुनि श्री प्रणम्यसागर जी महाराज ने भगवान् ऋषभदेव के जीवनचरित्र को सम्यक् रीति से प्रस्तुत किया है। इसमें भगवान् के पूर्व दश भवों का वर्णन संक्षिप्त एवं आधुनिक शैली में किया गया है। इसलिए यह उपन्यास भावपक्ष और कलापक्ष की दृष्टि से भी साहित्य जगत् की अमूल्य निधि है।