Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
अंतरराष्ट्रीय मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता 1 से 5 जून 2024 ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Vidyasagar.Guru

Administrators
  • Posts

    17,719
  • Joined

  • Last visited

  • Days Won

    589

 Content Type 

Forums

Gallery

Downloads

आलेख - Articles

आचार्य श्री विद्यासागर दिगंबर जैन पाठशाला

विचार सूत्र

प्रवचन -आचार्य विद्यासागर जी

भावांजलि - आचार्य विद्यासागर जी

गुरु प्रसंग

मूकमाटी -The Silent Earth

हिन्दी काव्य

आचार्यश्री विद्यासागर पत्राचार पाठ्यक्रम

विशेष पुस्तकें

संयम कीर्ति स्तम्भ

संयम स्वर्ण महोत्सव प्रतियोगिता

ग्रन्थ पद्यानुवाद

विद्या वाणी संकलन - आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रवचन

आचार्य श्री जी की पसंदीदा पुस्तकें

Blogs

Events

Profiles

ऑडियो

Store

Videos Directory

Everything posted by Vidyasagar.Guru

  1. *नेमावर से गौरझामर के बिहार के समय, बापौली धाम, फरवरी 2015* VID-20190327-WA0060.mp4 *आहार चर्या के लिए यह स्थान निश्चित किया गया था, महंत जी के विशेष आग्रह पर संघ सहित गुरु जी ने उस आश्रम के अंतरंग परिसर में प्रवेश किया एवं आहार हेतु उठने के पहले की जाने वाली भक्तियॉ वहीं पर बैठ कर सभी मुनि महाराजों ने की, इसी दौरान महंत जी सहित सभी शिष्यों ने आचार्य महाराज का पाद प्रक्षालन एवं पुष्पमाला आदि से भक्ति पूजन संपन्न किया।* *लाल वस्त्रों में जो स्वामी जी हैं उनका 12 वर्ष से मौन था एवं आश्रम परिसर से बाहर भी नहीं निकले थे परंतु गुरु जी से उन्होंने चर्चा की एवं छोड़ने आश्रम परिसर से बाहर भी निकले थे।* इस आश्रम में 50 गिर गाय हैं एवं उन कि सेवा में 12 व्यक्ति (4 व्यक्ति 8 घंटे के लिए) सेवा में रहते हैं (ताकि गोबर आदि के हो जाने पर तुरंत ही उसकी सफाई की जा सके) एवं ये स्वामी जी रात्रि 11:00 बजे से सुबह 3:00 बजे तक यहां ध्यान मुद्रा में स्वयं बैठते हैं। उस परिसर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। *वीतरागी संत के आगे सभी साधक गण नतमस्तक होते हैं* यह उस क्षण का एक दुर्लभतम वीडियो है (2:55 मिनट)।
  2. *नेमावर से गौरझामर के बिहार के समय, बापौली धाम, फरवरी 2015* VID-20190327-WA0060.mp4 *आहार चर्या के लिए यह स्थान निश्चित किया गया था, महंत जी के विशेष आग्रह पर संघ सहित गुरु जी ने उस आश्रम के अंतरंग परिसर में प्रवेश किया एवं आहार हेतु उठने के पहले की जाने वाली भक्तियॉ वहीं पर बैठ कर सभी मुनि महाराजों ने की, इसी दौरान महंत जी सहित सभी शिष्यों ने आचार्य महाराज का पाद प्रक्षालन एवं पुष्पमाला आदि से भक्ति पूजन संपन्न किया।* *लाल वस्त्रों में जो स्वामी जी हैं उनका 12 वर्ष से मौन था एवं आश्रम परिसर से बाहर भी नहीं निकले थे परंतु गुरु जी से उन्होंने चर्चा की एवं छोड़ने आश्रम परिसर से बाहर भी निकले थे।* इस आश्रम में 50 गिर गाय हैं एवं उन कि सेवा में 12 व्यक्ति (4 व्यक्ति 8 घंटे के लिए) सेवा में रहते हैं (ताकि गोबर आदि के हो जाने पर तुरंत ही उसकी सफाई की जा सके) एवं ये स्वामी जी रात्रि 11:00 बजे से सुबह 3:00 बजे तक यहां ध्यान मुद्रा में स्वयं बैठते हैं। उस परिसर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। *वीतरागी संत के आगे सभी साधक गण नतमस्तक होते हैं* यह उस क्षण का एक दुर्लभतम वीडियो है (2:55 मिनट)।
  3. ज्यादा आवाज करने वाला कौआ भी शांत रहता है, लेकिन हम लगातार बोलते रहते हैं संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह धीमे बोले और कम से कम बोले। ऐसा करके वह ध्वनि प्रदूषण को कम करने में अपना योगदान दे सकता है। वे नर्मदा के तिलवाराघाट तट पर स्थित दयोदय तीर्थ में धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। आचार्यश्री ने बताया कि पशु-पक्षी भी रात्रि में मौन रहते हैं। सबसे ज्यादा आवाज करने वाला कौआ भी शांत रहता है, लेकिन हम लगातार बोलते रहते हैं। मनुष्य यह भी नहीं सोचता कि उसके बोलने से किसी को कष्ट हो सकता है। धार्मिक आयोजन भी रात में किए जाते हैं, इससे लोगों को, खासतौर पर रोगियों को बहुत कष्ट होता है। मैं बहुत धीमे बोलता हूं, लेकिन सबको सुनाई देता है। आपको भी इसी तरह बोलना चाहिए। ऐसा करके वह ध्वनि-प्रदूषण को कम करने की दिशा में अपना योगदान दे सकता है। जिस तरह धूम्रपान करने से स्वयं को तो नुकसान होता ही है, दूसरे भी प्रभावित होते हैं, उसी तरह कोलाहल भी स्वयं के साथ-साथ दूसरों के लिए भी नुकसानदेह हो सकता है। मंगलवार को उनके दर्शन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह व सांसद राकेश सिंह सहित अन्य दयोदय पहुंचे।
×
×
  • Create New...