ज्यादा आवाज करने वाला कौआ भी शांत रहता है, लेकिन हम लगातार बोलते रहते हैं
ज्यादा आवाज करने वाला कौआ भी शांत रहता है, लेकिन हम लगातार बोलते रहते हैं
संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह धीमे बोले और कम से कम बोले। ऐसा करके वह ध्वनि प्रदूषण को कम करने में अपना योगदान दे सकता है। वे नर्मदा के तिलवाराघाट तट पर स्थित दयोदय तीर्थ में धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। आचार्यश्री ने बताया कि पशु-पक्षी भी रात्रि में मौन रहते हैं। सबसे ज्यादा आवाज करने वाला कौआ भी शांत रहता है, लेकिन हम लगातार बोलते रहते हैं। मनुष्य यह भी नहीं सोचता कि उसके बोलने से किसी को कष्ट हो सकता है। धार्मिक आयोजन भी रात में किए जाते हैं, इससे लोगों को, खासतौर पर रोगियों को बहुत कष्ट होता है। मैं बहुत धीमे बोलता हूं, लेकिन सबको सुनाई देता है। आपको भी इसी तरह बोलना चाहिए। ऐसा करके वह ध्वनि-प्रदूषण को कम करने की दिशा में अपना योगदान दे सकता है। जिस तरह धूम्रपान करने से स्वयं को तो नुकसान होता ही है, दूसरे भी प्रभावित होते हैं, उसी तरह कोलाहल भी स्वयं के साथ-साथ दूसरों के लिए भी नुकसानदेह हो सकता है। मंगलवार को उनके दर्शन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह व सांसद राकेश सिंह सहित अन्य दयोदय पहुंचे।
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