हम गरीबी मिटाने के वास्ते गरीबों को मिटा रहे हैं, धनी होने के वास्ते देश को कंगाल बना रहे हैं ठीक ही है हिंसा से हम कुछ भी अच्छा नहीं कर सकते, यदि हम कुछ अच्छा चाहते हैं तो हमको देश से हिंसा को निकालना होगा, जब तक हिंसा नहीं निकलेगी देश अपना सुधार नहीं कर सकता।