अनीति के व्यसन से बचिये, वित्त की होड़ को छोड़ दीजिए और वीतरागता प्राप्त करने का एक बार प्रयत्न कीजिए, जीवन में एक घड़ी भी वीतरागता के साथ जीना बहुत मायना रखता है और हजारों वर्ष तक राग-असंयम के साथ जीना कोई मायना नहीं रखता, सिंह बनकर एक दिन जीना भी श्रेष्ठ है किन्तु १०० साल तक चूहे बनकर जीने की कोई कीमत नहीं, सब कुछ छोड़ दीजिए-ख्याति, पूजा, लाभ, वित्त, वैभव, अपने आत्मवैभव की बात करिये अब।