लोग सनराइज' कहते हैं। 'सनबर्थ' कोई नहीं कहता और सनसेट सभी कहते हैं लेकिन सनडेथ कोई नहीं कहता, यह कितनी अच्छी बात है। यह हमें वस्तुस्थिति की ओर, वास्तविकता की ओर ले जाने में बहुत सहायक है। सनराइज अर्थात् सूर्य का उदय होना और सनसेट अर्थात् सूर्य का अस्त हो जाना। उदय होना, उगना कहा गया, उत्पन्न होना नहीं कहा गया। इसी प्रकार अस्त होना, डूबना कहा गया, समाप्त होना नहीं कहा गया। यही वास्तविकता है। आत्मा का जन्म नहीं होता और न ही मरण होता है। वह तो अजर-अमर है।