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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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  1. आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज द्वारा दिनांक - 10 फरवरी, 1987, मंगलवार, माघ शुक्ल बारस वि० सं० 2043, के पावन दिवस पर श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र नैनागिरिजी जिला - छतरपुर (म० प्र०) में क्षुल्लक दीक्षा प्रदान की गई, जिनके नाम निम्न प्रकार है - क्षुल्लक श्री नयसागरजी महाराज क्षुल्लक श्री गंभीरसागर जी महाराज क्षुल्लक श्री धैर्येसागर जी महाराज इस वर्ष माघ शुक्ल बारस की पावन तिथि दिनांक - 2 फरवरी, 2023 को हम सभी उपरोक्त क्षुल्लक जी के उत्कृष्ट श्रावक व्रतों की अनुमोदना करते है| 37 वें क्षुल्लक दीक्षा दिवस के पावन अवसर पर सभी (3) क्षुल्लक जी के पावन चरणों में कोटि कोटि नमन। 🙏 इच्छामि महाराज जी 🙏
  2. सोया नहीं करो, जागृत रहा करो ढंग बदलो, इससे सब कुछ बदल जाता है: आचार्यश्री आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ में शुक्रवार काे धर्म सभा में कहा कि जीवन में ढंग बदल लो, ढंग बदलने से सब कुछ बदल जाता है यह चेतन का परिणाम है पर इसे आप जड़ मानते हो इसी कारण हम जड़ यानी अज्ञानी हो गए हैं । आचार्य श्री ने कहा एक मणि होती है जिसके प्रभाव क्या होते हैं अगर प्रकाश नहीं भी हो तो वह चारों ओर प्रकाशित करती है। चंद्रमा जब आकाश में आता है तो उसका प्रकाश फैलता है चंद्रमा की शोभा बढ़ जाती है। चंद्रमा से धरती की सफेदी प्रभावित होती है उन मणियों को देख ले,जो काबिल है जो मणिका प्रकाशित हो रही है उससे शुद्ध जल टपकने लगता है यह क्यों होता है क्योंकि वह चंद्रकांत मणि होती है जो चंद्रमा से प्रभावित होकर के जल छोड़ देती है उसमें जल नहीं है जमीन में भी नहीं है लेकिन उसका प्रभाव होने से जल आने लगता है लेकिन धरती का कोई प्रभाव उस मणि पर नहीं पड़ता है चंद्रमा की जाति की मणि थी इसलिए जल निकला। आचार्य श्री ने कहा सोया नहीं करो जागृत रहा करो ढंग बदलो आप के बदलने से सब कुछ बदल जाता है बिंब जड़ माना जाता है जड़ मतलब अज्ञानी होना। जागृति होने का पुरुषार्थ करना चाहिए क्योंकि जागृति का केंद्र आत्म तत्व है इससे सभी शक्तियां जागृत हो जाएंगी आचार्य श्री का पूजन रामपुरा जिनालय, बालक हिलव्यू, बालक कांप्लेक्स, झांसी जैन समाज के बाहर से आए श्रावक श्रेष्ठियों ने किया। आचार्यश्री के प्रच्छालन प्रकाश जैन किया, आहारचर्या योगेश चंद जैन, भाग्योदय के ट्रस्टी मुकेश जैन ढाना संगीता जैन,सुनील, नीतू जैन, राजेश मनीषा जैन, कल्पना जैन, मीनू सुशील डबडेरा परिवार को प्राप्त हुआ इस माैके पर पूर्णमति माता और संघ की अन्य माताजी, ब्रह्मचारिणी रितु दीदी थी। सहस्त्र कूट जिनालय में प्रतिमा विराजमान कराने की घोषणा करने वालों का सिलसिला आज भी जारी रहा।
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