मानव काया को पुण्य का वैभव मिल जाना सुख का कारण नहीं होता: आचार्यश्री
भाग्योदय तीर्थ में संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने धर्मसभा में कहा कि देवों के पास भोजन नहीं होता, वे तो सिर्फ मानसिक भोजन करते हैं। भोजन करने वाले तो मनुष्य होते हैं जो अपने हाथ आपके सामने करते हैं। देवों के पास पंच आश्चर्य तो होते हैं परंतु आहार नहीं करते।
आचार्य श्री ने कहा भारतीय संस्कृति में मुनि बनने की संस्कृति अभी जीवित है। हम यहां भी अल्पसंख्यक हैं जो चीजें दुर्लभ होती हैं वह बढ़ नहीं सकती हैं अपितु कम होती जाती हैं। मुनि संख्या में अनंत नहीं हो सकते क्योंकि हम भगवान के निकट रहते हैं। आचार्य श्री ने कहा नवधा भक्ति के साथ पढ़गाहन करना चाहिए सौधर्म इंद्र बनने के बाद भी मुनि महाराज का पड़गाहन नहीं होना आप ने पंचकल्याणक में देखा होगा। सौधर्म इंद्र तांडव नृत्य तो कर सकता है और उसे उल्लास भी होता है इतना वैभव होने के साथ-साथ वह पड़गाहन के समय सामान्य व्यक्ति के साथ खड़ा होता है। नर काया को पुण्य का वैभव मिल जाना सुख का कारण नहीं होता। आचार्य श्री के पाद प्रक्षालन का अवसर संतोष जैन,सोनू जैन सीहोरा, मोना जैन इंदौर और दिनेश, आनंद बिलहरा परिवार को प्राप्त हुआ। वहीं सर्वतोभद्र जिनालय में बड़ी प्रतिमा विराजमान कराने वाले पदम जैन को परिवार सहित पाद प्रक्षालन का अवसर मिला। आचार्य श्री की आहारचर्या अनिल जैन , प्रदीप जैन, राजकुमार जैन, किरण जैन, ज्योति जैन,नीलू जैन, मधुर जैन, महक जैन,मिलन, युवराज आदि के चौके में हुई। आहारचर्या कराने वाले इस परिवार ने सर्वतो भद्र जिनालय के निर्माण में एक शिखर का निर्माण कराने की घोषणा की। इसके पूर्व यह परिवार एक मूलनायक भगवान की प्रतिमा विराजमान कराने की घोषणा कर चुका है। विजय जैन ने भी एक छोटी प्रतिमा सर्वतोभद्र जिनालय में विराजमान कराने की घोषणा की। रविंद्र जैन ने सर्वतो भद्र जिनालय के एक पिलर निर्माण के लिए 5 लाख की राशि देने की घोषणा की। वैश्य महासम्मेलन के पदाधिकारियों ने आचार्य श्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद लिया।
अंध मूक बधिर शाला के 51 बच्चों ने आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के दर्शन किए
सागर. दिगंबर जैन महिला परिषद की चंद्रप्रभु शाखा और विचार संस्था द्वारा शासकीय अंध मूक बधिर शाला के 51 बच्चों व शिक्षकों को भाग्योदय तीर्थ ले जाया गया। जहां आचार्य श्री विद्यासागर महाराज को बच्चों नारियल चढ़ाया और आशीर्वाद लिया। इस मौके पर संध्या रांधेलिया, मंजू ,कविता सेठ, अर्चना , अध्यक्ष मुक्ति, मंजरी, शिवानी ,विचार संस्था की आकांक्षा मलैया, सुनीता उपस्थित थीं। जिनेश जैन ने आश्रम को प्रिंटर के लिए दान राशि भी दी। रविवार को दोपहर से प्रवचन होंगे - आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के साथ भाग्योदय में 48 मुनि महाराज और 49 आर्यिका, माताजी विराजमान है । मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि बसंत पंचमी को सुबह 9 बजे आचार्यश्री की पूजन बुंदेली ढंग से जैन समाज ढाना, अंकुर कॉलोनी मकरोनिया और अन्य सभी श्रावक करेंगे। आचार्य श्री के रविवारीय प्रवचन दोपहर 2 बजे से बड़े पंडाल में होंगे ।