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वतन की उड़ान: इतिहास से सीखेंगे, भविष्य संवारेंगे - ओपन बुक प्रतियोगिता ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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  1. सागर तो सागर है और सागर में हमेशा ऐसा लगता है जैसे वह सागर से बाहर आ गया हो। मांगलिक और धार्मिक कार्यों में महोत्सव जैसा उल्लास आ जाता है। धार्मिक अनुष्ठान ऐसा है जो हमेशा ही हमें त्यौहार भी दिखाते रहते हैं। यह बात आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ में गुरुवार को धर्म सभा में कही। आचार्य श्री ने कहा धर्म तो धर्म है धर्म के कारण ही उल्लास होता है जब रात होती है तो 12 घंटे पता नहीं चलता, लेकिन सूर्योदय के साथ लगता है कि धर्म ही सब कुछ है। उल्लास के समय आपको इस बात का अनुभव होता है आप अभिव्यक्ति तो कर रहे हैं सम्यक दृष्टि जीव हमेशा हमेशा भावना भाता है किसी को सुख और किसी को दुख होता रहता है। सभी का दुख समाप्त हो जाए ऐसा सम्यक दृष्टि सोचते रहते हैं आचार्य श्री ने कहा मणियों को चमकते देखा है। मणि तो मणि होती है बस आंख खुली रहे तो उसकी चमक आती रहती है सम्यक दृष्टि जीव अपने दुख को भूल कर दूसरों का दुख दूर करने के बारे में सोचता जाता है। सम्यक दृष्टि जीव हमेशा हमेशा को मुक्त हो जाता है। आप लोग दो प्रकार की घड़ियों का अनुभव प्राप्त करते हैं दुख की घड़ी में अलग अनुभव होता है सुख की घड़ी में अलग लेकिन अपना दुख छोटा हो जाता है और दूसरों का दुख बड़ा हो जाता है दुख का अनुमान लगाने वालो सागर नहीं नदी बनो सागर तो एक ही स्थान पर ठहरा रहता है लेकिन नदी हमेशा बहती रहती है। दूर रहना चाहता था फिर भी सागर आना पड़ता है स्वयं की चिंता नहीं स्वयं का चिंतन करो। आचार्य श्री के पाद प्रक्षालन का अवसर मनीष जैन बुढ़ार को प्राप्त हुआ। इस दौरान डॉ वी सी जैन भोपाल, प्रकाश जैन ने शास्त्र भेंट किए। आचार्य श्री के पड़गाहन और आहार कराने का सौभाग्य वयोवृद्ध समाजसेवी गुलाब चंद जैन पटना परिवार को मिला उल्लेखनीय गुलाब जैन के गृहस्थ अवस्था की बेटी वर्तमान में आचार्य संघ में आर्यिका दृढ़मति माता है। पटना परिवार ने सर्वतो भद्र जिनालय के लिए एक बड़ी प्रतिमा विराजमान कराने की घोषणा की। सहस्त्रकूट जिनालय के लिए लगभग एक दर्जन से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रतिमा विराजमान कराने की घोषणा की। अमरकंटक में बन रहे सर्वोदय तीर्थ क्षेत्र में कार्य पूर्ण होने की जानकारी वहां से आए 400 से अधिक श्रद्धालुओं ने श्रीफल भेंट कर दी, पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव के लिए निवेदन किया । बीनाबारह जैन तीर्थक्षेत्र में कमेटी के पदाधिकारियों ने पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव कराने के लिए आचार्य श्री से सानिध्य देने आशीर्वाद मांगा। गौरझामर जैन पंचायत और दयोदय गौशाला समिति के सदस्यों ने आचार्य श्री को श्रीफल भेंट किया। मुनिश्री समय सागर महाराज की अगवानी आज सागर. संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के परम प्रभावक और जेष्ठ शिष्य मुनिश्री समय सागर महाराज की ससंघ अगवानी भाग्योदय तीर्थ परिसर में सुबह 8 बजे होगी। मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया की मुनिसंघ पिछले कुछ दिनों से खुरई में विराजमान था। शुक्रवार को आचार मुनिसंघ की अगवानी कृषि उपज मंडी गेट के सामने से शुरू होगी। मुनि संघ में कुल 14 मुनि महराज हैं।
  2. आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज द्वारा दिनांक - 25 फरवरी, 1993, सोमवार, माघ शुक्ल तृतीया, वि० सं० २०४९ (नंदीश्वरद्वीप पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान), श्री दिगः जैन अतिशय क्षेत्र पिसनहारी मढ़ियाजी, जबलपुर (म० प्र०) में 25 आर्यिका दीक्षायें प्रदान कीं
  3. आज रात्री विश्राम कंचन विहार में हेओगा कल 8 फ़रवरी आह्राचार्य भी यही होने की सम्भावना हैं
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