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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Vidyasagar.Guru

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  1. Vidyasagar.Guru
    बंटवारा 
     आकाश सबका
     दीवारें हमारी अपनी 
     नदी सबकी
     गागर हमारी अपनी
     धरती सबकी
     आँगन हमारा अपना
     विराट सबका
     सीमाएं हमारी अपनी
     
    Division
     The sky belongs
     To everyone,but
     Walls? They are our own.
     The river is for all.
     But vessels
     Are our own.
     The earth is for everyone.
     But courtyards
     Are our own.
     This limitless world
     Is for all. But boundries
     Are our own.
  2. Vidyasagar.Guru
    भाई तुम महान हो
     मैंने आकाश से कहा-
     तुम बहुत ऊँचे हो
     आकाश ने 
     मुस्कुराकर कहा-
     तुम मुझसे भी ज्यादा ऊँचे हो
     मैंने सागर से कहा-
     तुम खूब गहरे हो
     सागर ने लहराकर कहा-
     तुम मुझसे भी अधिक गहरे हो
     मैंने सूरज से कहा-
     सूरज दादा!
     तुम बहुत तेजस्वी हो
     सूरज ने हसंकर कहा -
     तुम मुझसे भी कई गुने तेजस्वी हो 
     मैंने आदमी से कहा-
     भाई तुम महान ही
     आदमी झट से बोला-
     तुम ठीक कहते हो!
     
    Man you are Great
     I said to the sky,
     ‘You are so high!’
     The sky smiled
     And said,’you are higher than me.’
     I said to the sea,
     ‘You are so deep.’
     The sea swelled up and said,
     ‘You are deeper than me.’
     I said to the Sun,
     ‘Dear Sun’
     You are so bright.’
     The Sun laughed and said,
     ‘You are many times
     Brighter than me.’
     I said to man,
     ‘Man, you are great.’
     Man said without 
     Hesitation,
     ‘You are so right.’
  3. Vidyasagar.Guru
    निसर्ग
     सूरज ने कहा-
     अपने द्वार खोलो
     मेरी रोशनी
     तुम्हारी होगी
     वृक्षों ने कहा-
     मेरे करीब बैठो
     मेरी छाया 
     तुम्हारी होगी
     नदियों ने कहा -
     मेरे किनारे आकर
     हाथ बढ़ाओ 
     मेरी बहती धारा 
     तुम्हारी होगी 
     मैंने ऐसा ही किया
     अब रोशनी मेरी है 
     छाया भी मेरी है
     मेरे जीवन की धारा 
     निर्बाध बहती है
     
    Offering
     The Sun said,
     ‘Open your door.
     My light is yours.’
     The trees said,
     ‘Sit near us.
     Our shade is yours.’
     The river said,
     ‘Come close and
     Touch me. My flowing
     Water is yours.’
     I did what they bid
     Me to do.
     Now the light is mine.
     The shade is mine.
     The river of my life
     Flows on smoothly.
  4. Vidyasagar.Guru
    उड़ान 
     नदी के ऊपर
     उड़ती चिड़िया ने
     आवाज़ दी
     नदी ने मुस्कुराकर कहा -
     बोलो चिड़िया
     चिड़िया ने 
     और ऊँची उड़ान ली
     पहाड़ के ऊपर 
     उड़ती चिड़िया ने
     आवाज़ दी 
     पहाड़ ने धीरे से कहा-
     बोलो चिड़िया
     चिड़िया ने
     और ऊँचे उड़ते-उड़ते पुकारा
     पर आवाज़ खो गयी
     चिड़िया लौट आयी है
     वह कहती है
     कि अपनी आवाज़ 
     अपने तक आती रहे 
     इतना ही 
     ऊँचे उड़ना
     
    Flight
     The bird called the river
     As it flew above it.
     The river smiled
     And said,’Speak, Bird.’
     The bird flew higher.
     Flying above the cliff
     The bird called.
     The cliff said softly,
     ‘Speak, Bird.’
     The bird
     Flew higher and higher.
     Its voice got lost.
     The bird has returned now
     To say,
     Fly only as high 
     As the reach of
     Your own call.’
  5. Vidyasagar.Guru
    मुखौटे
     अपने बच्चों को डराने धमकाने
     हमने कुछ डरावने चेहरे
     अपने लिए
     बनवाए थे
     बच्चे कुछ दिन
     डरते रहे 
     फिर असलियत जानकर 
     हँसते रहे
     अब बच्चे 
     बड़े हो गए हैं
     हमारे चेहरे लगाकर
     हमें ही डरा रहे हैं!
     
    Masks
     To scare our children 
     We made some scary
     Masks.
     The children were frightened
     For a while.
     When they got wise about the masks,
     They smiled.
     The children are 
     No longer small.
     They frighten us now
     Wearing our masks.
  6. Vidyasagar.Guru
    भगवान
     भगवन कितना बड़ा है
     मैंने
     एक बच्चे से पूछा
     उसने दोनों हाथ फैलाये 
     और जैसे
     मुझे समझाया
     कि इतना बड़ा
     तब सचमुच
     मुझे भी लगा 
     कि जितना जिसके 
     जीवन में समा जाए 
     भगवान उतना ही बड़ा!
     
    GOD
     I asked a child,
     ‘How big is God?’
     The child smiled
     And stretched both
     His arms wide.
     The child wanted me to learn
     The vastness of God,
     And then I knew
     That God is only as big
     As your own life’s grasp.
  7. Vidyasagar.Guru
    घोंसला
     मैंने चिड़िया को
     घोंसला बनाते देखा है
     मैंने उसे
     दाना चुगते 
     और झट से
     आकाश में 
     उड़ते देखा है
     मैं चाहता हूँ
     कि चिड़िया 
     मुझे भी
     यह सब सिखाए
     कि किस तरह 
     जमीन से 
     जुड़े रहकर 
     आकाश में उड़ा जा सकता है, 
     कि किस तरह
     असीम आकाश में 
     उड़ने का अहसास 
     एक घोंसले में 
     रहकर भी
     जीवित रखा जा सकता है!
     
    Nest
     I have watched the bird
     Make its nest.
     I have watched the bird 
     Gather grain and then
      fly away far in the sky.
     I wish the bird would teach me
     How to remain
     Connected to the earth
     While in flight, and
     How to keep alive
     A sense of the sky,
     While in the nest.
  8. Vidyasagar.Guru
    विश्वास
     मैंने पूछा
     चिड़िया से
     कि आकाश
     असीम है
     क्या तुम्हें अपने
     खो जाने का 
     भय नहीं लगता ?
     चिड़िया कहती है
     कि वह
     अपने घर 
     लौटना जानती है!
     
    Faith
     I asked the bird,
     ‘The sky is vast,
     Are you not afraid
     Of getting lost?’
     The bird said,
     ‘I Know how to return
     To my own perch.’
  9. Vidyasagar.Guru
    बारिश
     चिड़िया 
     भीग जाती है 
     जब बारिश आती हैं
     नदी
     भर जाती है
     जब बारिश आती है
     धरती 
     गीली हो जाती है
    पर बहुत मुश्किल हैं
     इस तरह 
     आदमी का
     भीगना और
     भर पाना 
     आदमी के पास 
     बचने का 
     उपाय है न!
     
     
    Rain
     The bird gets drenched
     When it rains’
     The river overflows.
     The earth is soaked
     When it rains
     But for man
     When it rains,
     It is hard
     To get drenched,
     Hard to overflow.
     Man knows
     How to escape.
  10. Vidyasagar.Guru
    अकिंचन
     देने के लिए
     मेरे पास 
     क्या है
     सिवाय इस अहसास के
     कि कोई
     खाली हाथ
     लौट न जा
     
    The One With Nothing
    What do I have
    To give?
    Except this
    That no one may
    Go without
    Something.
  11. Vidyasagar.Guru
    केवल ज्यादा पैसों की बोली लगाने से कुछ नहीं होता, तनाव को कम करने के लिए दान देते हैं। जबकि तन को दूर करने के लिए दान दिया जाता है। यह उद्गार राष्ट्रीय जैन संत आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने देवरी के दिगंबर जैन मंदिर परिसर में व्यक्त किए। आचार्य श्री विद्यासागर महाराज सुबह गोपालपुरा से देवरी नगर पहुंचे जहां देवरी जैन समाज द्वारा धूमधाम से अगवानी की गई। इसके बाद आहार चर्या का सौभाग्य नन्हे भाई जैन परिवार को मिला।
     
    प्रवचन के दौरान आचार्यश्री ने कहा कि आप लोग केवल देहरी पर रह रहे हैं इसलिए भीतर की बात समझ में नहीं आती है, देहरी घर के बाहर रहती है। जैसे बीना जी अतिशय क्षेत्र की देहरी देवरी है और अभी में देहरी पर आया हूं। उन्होंने कहा जब भीतर पहुंचो तभी भगवान से परिचय होता है। देहरी के बिना मंदिर में प्रवेश नहीं होता। आप लोग शांतिनाथ भगवान की ओर जा रहे हैं, इसलिए देहरी के बिना नहीं पहुंचा जा सकता है। आप लोगों को अपना कल्याण करना है तो भीतर जाना होगा। केवल जाने के लिए ज्यादा पैसाें की बोली लगाने से कुछ नहीं होता है। तनाव को टेंशन को कम करने के लिए लोग दान देते हैं तन को दूर करने के लिए दान दिया जाता है।

    राष्ट्रीय जैन संत आचार्य श्री विद्यासागर महाराज देवरी नगर से दोपहर 3 बजे ससंघ बिहार करते हुए शाम करीब 5 बजे अतिशय क्षेत्र बीना बारह पहुंचे। जहां उन्होंने गजरथ स्थल का मुआयना किया एवं बीना बारह में चल रहे मंदिरों का निर्माण कार्य और प्रतिमाओं का अवलोकन किया। शोभायात्रा में अखिलेश जैन, तेजी राजपूत, मयंक चौरसिया नपाध्यक्ष, प्रमोद जैन, ऋषभ जैन, रजनीश जैन, गौरव पांडे, विनीत, अभय, विनोद, कमल, मुकेश जैन ढाना, आकाश, अप्पू चौधरी, नीरज जैन, कल्लू बड़कुल आदि शामिल रहे। 
  12. Vidyasagar.Guru
    केशलोंचअपडेट - श्री बीना बारह जी
    दिनाँक - 22 फरवरी 2019, शुक्रवार
    आज श्री अतिशय क्षेत्र बीना बारह जी में विश्व वंदनीय आचार्य भगवन श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज एवं
    मुनि श्री श्रमण सागर जी मुनि श्री निश्छल सागर जी मुनि श्री सन्धान सागर जी के केशलोंच हुए |
     





     
  13. Vidyasagar.Guru
    राष्ट्रीय हथकरघा संगोष्ठी संपन्न हुई 16 17 फरवरी को सागर भाग्योदय तीर्थ परिसर में दिगंबराचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में दो दिवसीय राष्ट्रीय जेल हथकरघा संगोष्ठी संपन्न हुई करीब 20,000 की जनता द्वारा कार्यक्रम को सराहा गया 16 फरवरी की प्रातः मध्यप्रदेश शासन की लघु एवं कुटीर उद्योग मंत्री श्री हर्ष यादव द्वारा दीप प्रज्वलन की कार्रवाई संपन्न की दिल्ली तिहाड़ जेल से आए हुए डीआईजी श्री एसएस परिहार द्वारा जेल हथकरघा में बन रही साड़ियों की खूब सराहना की और तिहाड़ जेल में यथा शीघ्र प्रारंभ करने के लिए आचार्य श्री जी से निवेदन किया अनुबंध करने की तैयारी पूर्व में कर चुके है उत्तर प्रदेश के एआईजी जेल द्वारा भी आगरा जेल मिर्जापुर जेल और बनारस जेल में हथकरघा से साड़ियां बनवाने के लिए गुरु जी से निवेदन किया गया मुंबई से आए श्री प्रशांत टैक्सटाइल इंजीनियर जेल अधीक्षक द्वारा साड़ियों के नागपुर जेल में बनवाने के लिए गुरु जी से अनुरोध किया गया इसी प्रकार हरियाणा छत्तीसगढ़ और झारखंड से जेल अधिकारी आए हुए थे
     
    17 फरवरी को पर्यटन मंत्री श्री सुरेंद्र सिंह बघेला द्वारा दीप प्रज्वलन की कार्रवाई की अपने गुरु जी को विश्वास दिलाया मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की जहां जहां भी संपत्ति है वहां वहां हाथ करघा का  वस्त्र विक्रय किया जाएगा आचार्य श्री की प्रेरणा से चल रहे हथकरघा सेंटर की ब्र. अनुराग भैया ब्र. रुबी दीदी प्रतिभा मंडल की ब्र. नीरज दीदी एवं श्री प्रदीप पड़ा द्वारा भी हथकरघा संबंधी वक्तव्य दिया गया इस कार्यक्रम से भारतवर्ष में जागृति आई और लोगों का रुझान हाथ करघा के लिए बढ़ा केंद्रीय जेल सागर के अधीक्षक  श्री राकेश भांगरे द्वारा सागर जेल में  संचालित हाथ करघा की जानकारी दी जेलर श्री मदन कमलेश डिप्टी जेलर श्री नागेंद्र चौधरी द्वारा  कार्यक्रम को सफल बनाने में  महत्वपूर्ण योगदान दिया कार्यक्रम का संचालन डॉ रेखा जैन डीएसपी द्वारा किया गया सम्मान की कार्रवाई डॉक्टर नीलम जी ब्रह्मचारी राजा भैया द्वारा की गई

    सक्रिय सम्यक दर्शन सहकार संघ संस्था की ओर से ब्रह्मचारी सुनील भैया ने विशेष धन्यवाद दिया दिल्ली से आए हुए श्री चमन लाल जी जैन श्री एस के जैन रिटायर्ड आईपीएस एवं श्री एनसी जैन मॉडल टाउन को क्योंकि आपके ही सद् प्रयासों तिहाड़ जेल  के अधिकारी आए थे इसी प्रकार उत्तर प्रदेश जेल के अधिकारी श्री विनय कुमार जी जैन को विशेष रूप से धन्यवाद ज्ञापित किया बारामती से आए श्री अतुल काका जी को एवं श्रीमती संगीता भाभी को मुंबई राज्य के अधिकारियों को जोड़ने में अहम भूमिका रही इसी प्रकार हरियाणा से आए हुए श्री अजय कुमार जैन एडवोकेट जनरल को हरियाणा जींद के अधिकारी श्री अनिल कुमार जी को लाने में सहयोग करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया श्री राजा भैया सूरत श्री प्रभात मुंबई विनोद बड़जात्या रायपुर श्री सुधीर जी छुई खदान इत्यादि अनेक गणमान्य नागरिक जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में तन मन धन से सहयोग किया था एवं भाग्योदय तीर्थ के ट्रस्टी गण और सकल दिगंबर जैन समाज को साधुवाद किया l डॉ रेखा जैन ने बताया कि पिछले वर्ष की तरह इस बार भी जेल के बंदियों द्वारा राखी और रुमाल रक्षाबंधन के लिए तैयार किए जाएंगे और पूरे भारतवर्ष में ही नहीं विदेशों में भी जेल के बंदियों की सद्भावना राखी और रूमाल एवं साड़ियां उपलब्ध रहेगी विक्रय हेतु और अति शीघ्र तिहाड़ जेल दिल्ली और उत्तर प्रदेश की जेलों में गुरुदेव की कृपा पहुंचेगी बंदी जन वहां भी काम करेंगे l
  14. Vidyasagar.Guru
    आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने गौरझामर में एक धर्म सभा के दौरान कहा कि रंग देखकर भी रंग बदल जाता है। दान देने वालों को देख कर दान देने के भाव भी बन जाते हैं। छोटे-छोटे बच्चे जिन्हें हम चिल्लर पार्टी कहते हैं। उन्होंने भी हमारी अगवानी की है। खूब जयकारा लगाया है। बहुत पुण्यात्मा जीव होंगे। आचार्यश्री ने कहा छोटे-छोटे बच्चे सर्दी में भी सुबह से हमारा नाम लेकर जयकारा लगाते हैं। 

    उन्होंने कहा कि मूक पशुओं की रक्षा के लिए आपके ग्राम में गौशाला बनकर तैयार हुई है। आप लोगों को अच्छे ढंग से उसकी देखभाल करना है। ऐसा मौका कम लोगों को मिलता है जो मूक पशुओं की सेवा करें। आचार्यश्री की अगवानी गौरझामर केसली सुरखी, रहली, चांदपुर, सागर, महाराजपुर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र सहित बीना बारह क्षेत्र कमेटी के पदाधिकारियों ने की। गौरझामर में विराजमान आर्यिका विज्ञानमति माताजी ने भी ससंघ आचार्य भगवन की अगवानी की और तीन परिक्रमा लगा कर आचार्य श्री को नमोस्तु किया और आशीर्वाद लिया। आर्यिका विज्ञानमति माताजी इन दिनों गौरझामर में विराजमान हैं। 

    आचार्यश्री ससंघ पहुंचे गोपालपुरा, गुरूवार को देवरी में अगवानी 

    गौरझामर में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज की बुधवार की आहारचर्या के बाद आचार्य संघ का दोपहर 1.30 बजे बिहार देवरी की ओर हो गया। 8 किलोमीटर चलकर रात्रि विश्राम ग्राम गोपालपुरा में हुआ। गुरूवार सुबह 8.30 बजे देवरी में अगवानी होगी। आहारचर्या भी देवरी में ही होने की संभावना है। गौरझामर में आचार्यश्री की आहार चर्या का सौभाग्य ब्रह्मचारी मयूर भैया, अशोक बजाज, ब्रह्मचारी राहुल, भैया रविंद्र जैन को मिला। गौरझामर में आचार्य श्री के पाद प्रच्छालन करने का सौभाग्य जबलपुर निवासी कमला जैन, सविता जैन, प्रिंस गुलशन जैन, अखिलेश नवाब स्नेहा जैन, हर्ष केजल जैन को मिला। आचार्य श्री को शास्त्र भेंट जिनेंद्र जैन, नीलेश जैन ने किया। दान में प्राप्त राशि को दयोदय गौशाला गौरझामर में देने की घोषणा की गई गौशाला के अध्यक्ष कलू चौधरी ने बताया पूरी गौशाला तैयार हो गई है गौशाला की 5 एकड़ जमीन जिनेश जैन, दिलीप जैन, अमर जैन द्वारा दी गई है। कार्यक्रम का संचालन मुकेश जैन ढाना ने किया। 
  15. Vidyasagar.Guru
    सागर के सुरखी कस्बे में मंगलवार काे आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने धर्मसभा में कहा की यदि मन में छोड़ने के भाव हैं तो बिल्कुल भी विलंब नहीं करना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में आपके द्वारा छोड़ने के भाव जल्दी बन जाते हैं। शहरों में यह काम देर में होता है 

    आचार्य श्री ने कहा दक्षिण में छोटे-छोटे बच्चों को झबला पहनाया जाता है। उसमें बटन नहीं होते, चैन नहीं होती, लेकिन एक धागा होता है। उस धागे को खींच दो और छोड़ दो तो वह टाइट हो जाता है या थोड़ा खुल जाता है। इससे बच्चों को दिक्कत नहीं होती है। यही हाल सुरखी में देख रहा हूं थोड़ा सा खींचा और दान देने के भाव आप लोगों के बढ़ गए। जब धार्मिक अनुष्ठान होता है तो निश्चित रूप से छोड़ने के भाव होते हैं ग्रामीण जन सीधे-साधे होते हैं। व्यापारी वस्तु तो देते हैं पर मुद्रा लेते हैं। संतोषी व्यक्ति आकुलता नहीं करता,जो आकुलता रखता है वह बिन मतलब के बंध का कारण बनता है। 

    चितौरा से आचार्यश्री ससंघ पहंचे सुरखी 

    चितौरा से आचार्य संघ का विहार मंगलवार काे सुबह 7 बजे हुआ। 12 किमी बिहार कर आचार्य संघ सुरखी पहुंचा। जहां आचार्य श्री का पूजन भक्ति भाव से हुअा। आचार्यश्री का प्रक्षालन सुरेंद्र,अरविंद,महेश,कमल पठा परिवार और सुरेंद्र जैन, संभव जैन चिताैरा परिवार ने किया। आचार्य श्री की आहार चर्या का सौभाग्य ब्रम्हचारी मयूर भैया, मुकेश बड़कुल, राकेश बड़कुल, मनोज जैन परिवार को प्राप्त हुआ। बड़कुल परिवार ने सर्वतोभद्र जिनालय भाग्योदय तीर्थ में एक बड़ी प्रतिमा विराजमान कराने की बात कही। अाचार्य श्री ने दोपहर बाद गौरझामर की ओर विहार किया। रात्रि विश्राम बरकोटी तिराहे पर हुआ। 

    मंगलवार काे 9 मुनि महाराज और 58 आर्यिका माता जी की दीक्षा दिवस विभिन्न स्थानों पर मनाया गया। सुरखी में अरविंद बड़कुल की पुत्री रुपाली जैन ने आचार्यश्री के समक्ष आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लिया। 20 फरवरी को आचार्य संघ की गौरझामर मैं अगवानी आर्यिका विज्ञानमति माता ससंघ करेंगी। गौरझामर में नई गौशाला का उद्घाटन आचार्य संघ के सानिध्य में हाेने की संभावना है। 
  16. Vidyasagar.Guru
    संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर महाराज का ससंघ मंगल विहार साेमवार काे दोपहर भाग्योदय से बीना-बारहा की ओर हुआ। वह यहां 24 दिन विराजमान रहे। आचार्य श्री दाेपहर 1.30 बजे संत भवन से निकले और मंदिर पहुंचे, वहां से सीधे सुभाष नगर हाेते हुए राहतगढ़ बस स्टैंड, विजय टॉकीज, मस्जिद, तीन बत्ती से परकोटा,बसस्टैंड, गोपालगंज, लाल स्कूल होकर जिला पंचायत चौराहा से विश्वविद्यालय पहुंचे। वहां से बम्हाेरी चौराहा होते हुए चितौरा गांव पहुंचे। जहां रात्रि विश्राम किया। 

    21 किमी की दूरी आचार्यश्री ने पौने चार घंटे में पूरी की : भाग्याेदय से चिताैरा तक 21 किलोमीटर की दूरी आचार्य संघ ने पौने 4 घंटे में पूरी की और बीच में कहीं भाी विश्राम नहीं किया। 19 फरवरी को आचार्य संघ की आहार चर्या चितौरा से 13 किलोमीटर दूर ग्राम सुरखी में होने की संभावना है। मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया आचार्य संघ गौरझामर, देवरी होकर बीना बारह पहुंचेगा ।गौरझामर में मुनि विमल सागर महाराज के आशीर्वाद से रहली रोड पर दयोदय गौशाला का निर्माण कार्य हुआ है। उसमें भी समाज के लोग आचार्य संघ का आशीर्वाद चाहते हैं। 

    शिष्य और शीशी को डांट लगाना चाहिए: आचार्यश्री 

    आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ में बिहार के पूर्व धर्मसभा में कहा डांट नहीं लगाते हैं तो शीशी लुड़क जाती है और उसके अंदर जो दवा होती है वह कोई काम की नहीं रहती, शिष्य को भी यदि हम डांट नहीं लगाएं तो वह भी बिगड़ जाता है अतः शिष्य और शीशी को हमेशा डांट लगाना चाहिए। इससे पहले सुबह आचार्य श्री ने कहा जो साधन होता है कभी-कभी वही साधन बाधक बन जाता है ऐसा हम लोगों के प्रमाद के कारण होता है थोड़ा तो डांट अवश्य लगना चाहिए और यदि नहीं लगाते हैं तो गड़बड़ हो जाती है उन्होंने कहा अभिभावकों, शिक्षकों, शिक्षिकाओं को ध्यान से बच्चों को डांट लगाना चाहिए ताकि बच्चे ठीक तरीके से रहें और पढ़ें। उन्होंने कहा प्रतिभा स्थली के बच्चे 12वीं के बाद बाहर निकलने वाले हैं। योग्य शिक्षा के बाद वह बाहर पढ़ाई करेंगे लेकिन आप लोग लक्ष्य की ओर बढ़ोगे तो स्वर्ण अवसर प्राप्त होगा। आचार्य श्री ने कहा के बच्चों को ऐसी डांट लगाओ जाे उसे महसूस हो जाए लेकिन पश्चाताप ना करना पड़े। आचार्य श्री का पूजन प्रतिभा स्थली जबलपुर के बच्चों, दीदियों, पजनारी कमेटी बंडा, जैन समाज सानाैधा, मंगलगिरी कमेटी , गौरा बाई मंदिर कमेटी सहित समाज के सभी सदस्यों ने की। इस अवसर पर बड़ी मूर्ति लेने वाले पुण्यार्जक अरविंद जैन अब्बू ,पीसी नायक, निखिल नायक, मनोज जैन ऋषभ लालो, डॉ विशाल जैन, प्रियेश जैन तथा महेंद्र जैन और ब्रह्मचारी राजेश भैया ने सर्वतो भद्र जिनालय में एक बड़ी मूर्ति विराजमान कराने की घोषणा की। वहीं सर्व ब्राहम्ण समाज संगठन ने महाराज जी को श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया। इस दाैरान जिला अध्यक्ष पं देवीप्रसाद दुबे, कस्तूरी दुबे, प्रतिभा, डॉ अनिल तिवारी, अनिल दुबे, गोलू रिछारिया, एके शर्मा, कपिल पचौरी उपस्थित थे। 
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    विहार अपडेट 
    आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज संसंघ का शान्तिधाम, बीनाबारह जी से हुआ मंगल विहार..!! सम्भावित दिशा - रहली पटनागंज  दिनांक - 13 मार्च 2019  रात्रि विश्राम - सिंगपुर गंजन 10 km कल की आहारचर्या - अनन्तपूरा  
    विश्व वंदनीय आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज (ससंघ), बीना बारहा में विराजमान हैं। बीना बारहा सागर (Railway Station Code : SGO) से 45 किमी की दूरी पर है। 
     
    विहार अपडेट 
     
    दिनांक : 20 फरवरी 2019 2:00 p.m.
    संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ का विहार गौरझामर से देवरी की ओर हुआ|
     
    ◆रात्रि विश्राम - देवरी से 8 किलोमीटर पहले गोपालपुरा स्कूल में होगा | 
    21 फरवरी को देवरी में आहार चर्या होगी|
     
    दिनांक : 19 फरवरी 2019   1:35 p.m.
    आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का विहार गौरझामर की ओर हुआ। (दूरी 15 कि.मी.) 

    ◆ रात्रि विश्राम - बरकोटी तिग्गड़ा (दूरी - 11 कि.मी. गौरझामर) (5 कि.मी. बरकोटी से)
     
    दिनांक : 18 फरवरी 2019   1:50 p.m.
    आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी ससंघ का भाग्योदय तीर्थ सागर से अभी अभी विहार हुआ |
     
    ◆ रात्रिविश्राम- ग्राम-दून 18km
    ◆ कल की आहरचर्या- ग्राम- चितौरा 05km संभावित
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    पिछले दिनों से हथकड़ी से हथकरघा की ओर बढ़ रहे हाथों की चर्चा है। जिसका शंखनाद केंद्रीय जेल सागर से हुआ और पूरे देश को आकर्षित कर रहा है। युवा पीढ़ी को हस्तक्षेप की बजाय हस्तकला में निपुण बनना होगा। कभी-कभी अनावश्यक हस्तक्षेप हमें हथकड़ी पहनने पर मजबूर कर देता है। हथकरघा से बने वस्त्र पहनने से हम न्याय व शांति प्रिय बन जाते हैं। यह बात आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ में आयोजित राष्ट्रीय हथकरघा संगोष्ठी के समापन पर कही। उन्होंने कहा कि जब देश में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में हिंदी बोलने पर दंड दिया जाता हो तो हम नए भारत का निर्माण कैसे कर सकते हैं। इससे पहले संगोष्ठी के दूसरे दिन का शुभारंभ प्रदेश के पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने किया। 

    उन्होंने कहा कि शासन की पर्यटन बेवसाइट पर आचार्यश्री के प्रकल्पों मंदिर व हस्तकला केंद्रों को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा। जहां-जहां आपके चरण पड़ते हैं, वहां हमेशा सकारात्मक परिवर्तन आ जाता है। ब्रह्मचारी संजीव भैया ने कहा कि हथकरघा के वस्त्र मंहगे हो सकते हैं लेकिन आपके स्वास्थ्य से बढ़कर नहीं हैं । आदिवासी इलाकों में चल रहे चरखा प्रशिक्षण का कार्य देख रहीं नीरज दीदी ने कहा कि आचार्यश्री की भावना से 1999 में प्रतिभामंडल का उदय हुआ, जिसमें आज 300 बहने समर्पण भाव से कार्य कर रही हैं। रविशंकर वार्ड सागर में संचालित हथकरघा के संचालक प्रदीप जैन ने कहा कि हथकरघा कुटीर उद्योग के क्षेत्र में सागर देश में अलग स्थान बनाने जा रहा है। संगोष्ठी में रूबी दीदी ने कहा कि यदि पावरलूम पांच परिवारों को रोजगार देता है तो उतने उत्पादन के लिए हथकरघा सौ परिवारों को रोजगार देता है। संचालन डॉ. रेखा जैन ने एवं आभार ब्रह्मचारी सुनील भैया ने माना। इस माैके पर न्यायाधीश अरविंद जैन, एमके जैन , शुभम मोदी, जेलर मदन कमलेश, डिप्टी जेलर नागेंद्र चौधरी, महेश बिलहरा, प्रकाश बहेरिया, आनंद स्टील, वीरेंद्र मालथौन, डॉ. नीलम जैन अादि मौजूद थे। 
    भास्कर संवाददाता | सागर 

    पिछले दिनों से हथकड़ी से हथकरघा की ओर बढ़ रहे हाथों की चर्चा है। जिसका शंखनाद केंद्रीय जेल सागर से हुआ और पूरे देश को आकर्षित कर रहा है। युवा पीढ़ी को हस्तक्षेप की बजाय हस्तकला में निपुण बनना होगा। कभी-कभी अनावश्यक हस्तक्षेप हमें हथकड़ी पहनने पर मजबूर कर देता है। हथकरघा से बने वस्त्र पहनने से हम न्याय व शांति प्रिय बन जाते हैं। यह बात आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ में आयोजित राष्ट्रीय हथकरघा संगोष्ठी के समापन पर कही। उन्होंने कहा कि जब देश में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में हिंदी बोलने पर दंड दिया जाता हो तो हम नए भारत का निर्माण कैसे कर सकते हैं। इससे पहले संगोष्ठी के दूसरे दिन का शुभारंभ प्रदेश के पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने किया। 

    उन्होंने कहा कि शासन की पर्यटन बेवसाइट पर आचार्यश्री के प्रकल्पों मंदिर व हस्तकला केंद्रों को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा। जहां-जहां आपके चरण पड़ते हैं, वहां हमेशा सकारात्मक परिवर्तन आ जाता है। ब्रह्मचारी संजीव भैया ने कहा कि हथकरघा के वस्त्र मंहगे हो सकते हैं लेकिन आपके स्वास्थ्य से बढ़कर नहीं हैं । आदिवासी इलाकों में चल रहे चरखा प्रशिक्षण का कार्य देख रहीं नीरज दीदी ने कहा कि आचार्यश्री की भावना से 1999 में प्रतिभामंडल का उदय हुआ, जिसमें आज 300 बहने समर्पण भाव से कार्य कर रही हैं। रविशंकर वार्ड सागर में संचालित हथकरघा के संचालक प्रदीप जैन ने कहा कि हथकरघा कुटीर उद्योग के क्षेत्र में सागर देश में अलग स्थान बनाने जा रहा है। संगोष्ठी में रूबी दीदी ने कहा कि यदि पावरलूम पांच परिवारों को रोजगार देता है तो उतने उत्पादन के लिए हथकरघा सौ परिवारों को रोजगार देता है। संचालन डॉ. रेखा जैन ने एवं आभार ब्रह्मचारी सुनील भैया ने माना। इस माैके पर न्यायाधीश अरविंद जैन, एमके जैन , शुभम मोदी, जेलर मदन कमलेश, डिप्टी जेलर नागेंद्र चौधरी, महेश बिलहरा, प्रकाश बहेरिया, आनंद स्टील, वीरेंद्र मालथौन, डॉ. नीलम जैन अादि मौजूद थे। 

    केंद्रीय जेल में 108 हथकरघा से 1600 कैदी जुड़ेंगे राेजगार से, जेल से छूटने पर हर कैदी काे मिलेगा एक हथकरघा 

    सागर | केंद्रीय जेल सागर में हथकरघा केंद्र शुरू किए जाने के उपलक्ष्य में भाग्योदय तीर्थ में अाचार्यश्री विद्यासागर महाराज के ससंघ सानिध्य में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का रविवार को समापन हो गया। समापन सत्र में देश के विभिन्न राज्यों से आए जेल अधिकारियों ने अपने-अपने यहां के अनुभव शेयर किए। केंद्रीय जेल सागर के जेल अधीक्षक राकेश बांगरे ने बताया कि सागर जेल में वर्तमान में करीब 1600 बंदी हैं। यह जेल में लग गए 108 हथकरघा के माध्यम से रोजगार से जुड़ेंगे। इतना ही नहीं अब यह भी निर्णय लिया गया है कि जो भी कैदी अपनी सजा पूरी होने के बाद रिहा होगा उसे एक हथकरघा दिया जाएगा। जिससे वह अपना और अपने परिवार का भरण-पाेषण कर सके। साथ ही वापस अपराध की दुनिया में कदम रखने के लिए भी विवश न होना पड़े। उन्होंने स्पष्ट किया कि हथकरघा केंद्र शुरू करने के पीछे जेल की कोई आय बढ़ाने का इरादा नही है। बल्कि कैदियों में श्रम की भावना पैदा कर आजीविका चलाने का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आचार्यश्री की प्रेरणा और आशीर्वाद से सागर जेल का हथकरघा केंद्र प्रदेश ही नहीं देश में आर्दश का केंद्र होगा। उन्होंने कहा कि जेलों में हथकरघा और गौशाला का संचालन तो लगभग शुरुआती दौर से हो रहा है। सागर जेल के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि 1843 मेें सागर की जेल बनी थी जो कि 1999 में केंद्रीय जेल के रूप में तबदील हुई। केंद्रीय जेल में वर्तमान 1600 बंदी हैं। जो कि सागर संभाग के तीन जिलों की 10 जेलों से आये है। सागर में मेरी पदस्थापना के बाद आचार्यश्री की प्रेरणा से 27 लूम शुरू किए थे। उस समय इनमें 50 आजीवन कारावासी ही इन हथकरघा को चला रहे थाे, अब सबकाे प्रशिक्षण देने का काम किया जाएगा। खजुराहो में हुई संगोष्ठी के बाद विशाल क्षेत्र में 108 हथकरघे दानदाताओं के सहयोग से शुरू किए गए हैं। जो कैदियों के जीवन में बदलाव में मील का पत्थर साबित होंगे। इस दौरान अन्य राज्यों के जेल अधिकारियों ने भी अपने यहां इसी पैटर्न पर काम करने की बात कही। 

    जेल अधीक्षक बोले- बंदियों में आ रहा है बदलाव, इधर लाेगाें ने लिया हथकरघा के वस्त्र पहनने का संकल्प 

    केंद्रीय जेल सागर के जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने जेल में हथकरघा की स्थापना व विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आचार्य महाराज की कृपा से जो सकारात्मक बदलाव हमारे बंदी भाईयों में आया है। उसे देखकर विभिन्न जेलों के अधिकारियों ने सराहा एवं अनुसरण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सागर जेल में रात्रि भोजन का निषेध हो गया जिससे बंदियों के स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ रहा है। संगोष्ठी के प्रवक्ता वीरेंद्र मालथौन ने बताया कि जब सूती कपड़ों पर मटन येलो का घोल दिखाकर कपड़े को दिखाया तो अनेक लोगों ने हथकरघा वस्त्र पहनने का संकल्प लिया। रविवारीय सभा में आचार्य संघ की उपस्थिति में उपस्थित जन समुदाय ने पुलवामा में हुए शहीदों के सम्मान में दो मिनिट का मौन किया गया। 
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    केंद्रीय जेल सागर में हथकरघा केंद्र का उद्घाटन कार्यक्रम शनिवार को भाग्योदय तीर्थ परिसर में हुआ। 

    आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने कहा कि विदेशी लोगो ने भारत को जाना पहचाना है पर भारत के लोगों ने अपने स्वयं के इतिहास काे नहीं जाना है। शील मर्यादा का पालन विदेशी वस्त्रों से कभी संभव नहीं है हथकरघा के वस्त्रों के माध्यम से इसका पालन कर सकते हैं। इसी में आप स्वस्थ रहोगे और इसी में परमार्थ भी करोगे। उन्होंने कहा कि आज्ञाकारी एक लड़का अच्छा है आज्ञा देने वाले कई लड़कों से। मनोरंजन की सामग्री ने भारत को श्रम से दूर कर दिया है। संतान आपकी स्वाश्रित हो पराश्रित नहीं अन्यथा आप को ही सिर दर्द रहेगा। हथकरघा मात्र निर्वाह नहीं निर्माण है। बेटे को लाड़-प्यार में पिता कुछ नहीं सिखा सकता है कुछ सिखाना है तो एश-अाे आराम से उसे दूर रखना होगा। 

    दो दिवसीय राष्ट्रीय हथकरघा एवं हस्तकला संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए ग्रामोद्योग एवं कुटीर मंत्री हर्ष यादव ने प्रदेश सरकार द्वारा हथकरघा व हस्त कला में किए जा रहे कार्यों एवं योजना की विस्तृत चर्चा एकांत में आचार्यश्री से की। यादव ने कहा कि शिल्पकला एवं हस्तशिल्प को नए आयाम देना ही हमारा लक्ष्य है। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि ऐसे हथकरघा केंद्र प्रदेश की अन्य जेलों में तो खुले हीं, बाहर भी खाेले जाएं ताकि लाेग राेजगार से जुड़ सकें। मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में आचार्यश्री जैसा चाहेंगे, वैसा हम करेंगे। अाचार्यश्री की आज्ञा शिरोधार्य है। 

    आचार्यश्री बोले : शिक्षा के केंद्र वर्तमान में नाैकर पैदा करने वाले गोदाम बन गए हैं :
    आचार्य श्री ने कहा कि जीवन उपयोगी शिक्षा ही सच्ची शिक्षा है। ईंट गारा से बनाए गए भवनों को शिक्षा का केंद्र मानना हमारी बड़ी भूल है। नेताओं से उद्घाटन करा लिया और विद्यालय चालू हो गया। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में कुछ समय पूर्व एक बड़े प्रशासनिक अधिकारी ने बताया था वर्तमान की शिक्षा की हालत ऐसी हो गई है इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त इंजीनियर बने 80% किसी काम के नहीं है और बाकी के 10 से 20% इंजीनियर विदेश में जाकर नौकरी कर अपनी अच्छी शिक्षा का उपयोग कर रहे हैं। अाचार्यश्री ने बताया कि भोपाल के आसपास बड़े-बड़े विद्यालयों एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों के संचालकों ने जब उनसे वहां प्रतिभास्थली खोलेने काे कहा हमने जवाब दिया कि हम संस्कारधाम की बात करते हैं यह तो बड़े-बड़े गोदाम बने हैं। 

    प्रतिभास्थली में हम बीजाक्षर सिखाते हैं। यहां तो बीज ही चौपट हो जाएगा। यहां मात्र नौकरी को लेकर पढ़ाया जा रहा है यानी नौकर तैयार किए जा रहे हैं। आचार्य संघ में 105 पिच्छी विराजमान हैं इनमें 48 मुनि महाराज और 57 आर्यिका माताजी हैं यह जानकारी मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने दी। 

    तिहाड़ में 16 हजार कैदी, उनके राेजगार के लिए 32 फैक्ट्रियां अाैर 35 सेक्टर 

    सागर| डीअाईजी एसएस परिहार ने संगोष्ठी में बताया कि दिल्ली तिहाड़ जेल में चलाई जा रही सुधारात्मक व्यवस्था में हमने दक्षिणा अाफ्रीका के राष्ट्रपति स्वर्गीय नेल्सन मंडेला रुल्स काे फालाे किया है। यह रुल्स उन्हाेंने जेल में रहते हुए कैदियाें के हाव-भाव, अादत अादि में सुधार लाने के लिए बनाए थे। मंडेला के 122 रुल्स हैं। सुधार के लिए तिहाड़ जेल में 63 एनजीअाे काम करते हैं। हमारे जेल के कैदी सप्ताह में दाे दिन अपने परिवार जनाें से विडियाे कालिंग के जरिए रुबरु हाेते हैं। लीगल काउंसिलिंग, मंथली न्यूज लेटर सहित जेल में चल रहे 65 तरह के सुधार कार्यक्रमाें का प्रजेंटेशन मंच पर प्राेजेक्टर से किया।जेल में 32 फैक्टरी अाैर 36 सेक्टर हैं। तिहाड़ में 16 हजार कैदी है। इनमें से 6000 डिप्रेशन के शिकार है। इन्हे डिप्रेशन से उबारने 35 टीचर याेगा कराते हैं। डीअाईजी परिहार ने अंत में आचार्य श्री को संघ सहित तिहाड़ जेल आने का निमंत्रण दिया। ब्रम्हचारी सुलभ भैया मुंबई ने बताया कि हथकरघा पूर्ण रूप से शाकाहारी पद्धति से बनाए जाते हैं । हस्तशिल्प कला का प्रशिक्षण दे रहे आगरा के उद्योगपति आशीष जैन ने भी संबोधित किया। भाग्याेदय में मंच पर जेल अधीक्षक राकेश बांगरे, जेलर मदन कमलेश अाैर नागेन्द्र चौधरी , आशीष जैन आगरा के साथ जेल में हथकरघा भवन का निर्माण करने वाले ऋषभ जैन मोकलपुर का सम्मान किया गया। संचालन ब्रम्हचारिणी डॉ. रेखा जैन ने किया । 

    कार्यक्रम में पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया , विधायक शैलेन्द्र जैन , अाईएएस राहुल जैन, महेश बिलहरा, सहित विभिन्न शहराें से अाए समाजसेवी उपस्थित थे । संचालन ब्रम्हचारिणी डॉ. रेखा जैन ने किया । भाग्याेदय तीर्थ परिसर में सलाखों से स्वावलंबन की ओर नाटक का मंचन किया गया। 

    प्रवक्ता वीरेन्द्र मालथौन के अनुसार रविवार को सुबह आठ बजे तीसरा सत्र, जबकि दोपहर दो बजे से समापन सत्र की शुरुअात होगी। इस दाैरान आचार्यश्री के विशेष रविवारीय प्रवचन भी हाेंगे। रात में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के जीवन पर केंद्रित विद्योदय फ़िल्म प्रदर्शित की गर्इ। 
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    सोया नहीं करो, जागृत रहा करो ढंग बदलो, इससे सब कुछ बदल जाता है: आचार्यश्री
     

     
    आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ में शुक्रवार काे धर्म सभा में कहा कि जीवन में ढंग बदल लो, ढंग बदलने से सब कुछ बदल जाता है यह चेतन का परिणाम है पर इसे आप जड़ मानते हो इसी कारण हम जड़ यानी अज्ञानी हो गए हैं । 

    आचार्य श्री ने कहा एक मणि होती है जिसके प्रभाव क्या होते हैं अगर प्रकाश नहीं भी हो तो वह चारों ओर प्रकाशित करती है। चंद्रमा जब आकाश में आता है तो उसका प्रकाश फैलता है चंद्रमा की शोभा बढ़ जाती है। चंद्रमा से धरती की सफेदी प्रभावित होती है उन मणियों को देख ले,जो काबिल है जो मणिका प्रकाशित हो रही है उससे शुद्ध जल टपकने लगता है यह क्यों होता है क्योंकि वह चंद्रकांत मणि होती है जो चंद्रमा से प्रभावित होकर के जल छोड़ देती है उसमें जल नहीं है जमीन में भी नहीं है लेकिन उसका प्रभाव होने से जल आने लगता है लेकिन धरती का कोई प्रभाव उस मणि पर नहीं पड़ता है चंद्रमा की जाति की मणि थी इसलिए जल निकला। 

    आचार्य श्री ने कहा सोया नहीं करो जागृत रहा करो ढंग बदलो आप के बदलने से सब कुछ बदल जाता है बिंब जड़ माना जाता है जड़ मतलब अज्ञानी होना। जागृति होने का पुरुषार्थ करना चाहिए क्योंकि जागृति का केंद्र आत्म तत्व है इससे सभी शक्तियां जागृत हो जाएंगी 

    आचार्य श्री का पूजन रामपुरा जिनालय, बालक हिलव्यू, बालक कांप्लेक्स, झांसी जैन समाज के बाहर से आए श्रावक श्रेष्ठियों ने किया। आचार्यश्री के प्रच्छालन प्रकाश जैन किया, आहारचर्या योगेश चंद जैन, भाग्योदय के ट्रस्टी मुकेश जैन ढाना संगीता जैन,सुनील, नीतू जैन, राजेश मनीषा जैन, कल्पना जैन, मीनू सुशील डबडेरा परिवार को प्राप्त हुआ इस माैके पर पूर्णमति माता और संघ की अन्य माताजी, ब्रह्मचारिणी रितु दीदी थी। सहस्त्र कूट जिनालय में प्रतिमा विराजमान कराने की घोषणा करने वालों का सिलसिला आज भी जारी रहा। 

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    हमें वस्तु स्थिति को स्वीकार करना चाहिए, इससे लोगों का भ्रम दूर हो जाता है. आचार्य विद्यासागर
    आप लोगों को कुछ बातों के ऊपर विश्वास नहीं होता है, अथवा समझ में नहीं आता है। कार्य देखकर कहने लगते हो कि देव चमत्कार है या कोई जादू टोना है या फिर शंका होने लगती है हमें वस्तुस्थिति को स्वीकार करना चाहिए उसे दृढ़ श्रद्धान करके अपना लेना चाहिए वस्तुस्थिति की जानकारी होने पर लोगों का भ्रम दूर हो जाता है। यह बात भाग्याेदय में विराजमान आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने गुरुवार काे धर्म सभा में कही। आचार्य श्री ने कहा की दो महिलाएं थी। एक कर्म सिद्धांत पर भरोसा करती थी तो दूसरी महिला थोड़ा यूं ही पर विश्वास करती थी एक दिन महिला ने देखा एक राजा पहले हाथी पर फिर घोड़े पर सवार होता है फिर पालकी पर सवार होता है और जब वह पालकी से उतरता है तो दो चार लोग उसके पांव दबाने लग जाते हैं तो दूसरी सखी पहली से कहती है यह क्या नाटक हो रहा है। पांव तो उनके दबाने चाहिए जिन्होंने पालकी उठाई है यह कब थके, यह चले ही नहीं कहां से थक गए होंगे। 

    आचार्य श्री ने कहा कि कर्म सिद्धांत को जाने वाली महिला ने कहा कि यह पूर्व में मुनि महाराज थे उस समय उन्होंने कठिन तप किया था भूमि पर शयन किया था उपवास किए थे गाड़ी में नहीं बैठे कभी पैदल विहार करते रहै। आचार्य श्री ने कहा यहां से स्वर्ग में जाते हैं वहां थकना आदि कुछ नहीं होता है फिर एक एक देव के अनेक सेवक होते हैं जो दिन-रात सेवा ही करते रहते हैं किंतु सम्यक दृष्टि उन सब में कभी रुचि नहीं लेता है जैसे-जैसे अध्यात्म के निकट पहुंचते हैं वैसे वैसे भोग विलास पैर चूमने आती है। 
     
    आचार्य श्री का पूजन क्षमा सागर महिला मंडल ने किया। आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन हुअा। 
    सहस्त्र कूट जिनालय के लिए प्रतिमा विराजमान करने की घोषणा कर्इ लाेगाें द्वारा की गर्इ। कार्यक्रम का संचालन मुकेश जैन ढाना और सुरेंद्र मालथोन ने किया 
     

     
    सहस्त्र कूट जिनालय का भूमि पूजन किया गया 
    भाग्योदय तीर्थ परिसर में आचार्य श्री के आशीर्वाद से बनने वाले सर्वतोभद्र जिनालय के सामने स्थित सहस्त्रकूट जिनालय का भूमि पूजन गुरुवार को दोपहर 3.30 बजे आचार्य श्री के ससंघ सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी विनय भैया ने कराया। सहस्त्रकूट जिनालय में 1008 प्रतिमाएं विराजमान होना हैं। जिनमें 12 प्रतिमाएं बड़ी अाैर शेष 996 छोटी प्रतिमाएं विराजमान होंगी। सहस्त्रकूट जिनालय के निर्माण के लिए प्रेमचंद संध्या जैन सौरभ रूही जैन गौरव अनामिका और नीरज पायल जैन के परिवार में नीव से लेकर शिखर तक का निर्माण कराने की घोषणा की है। इसी परिवार ने आज शिलान्यास की प्रथम शिला विधि विधान के साथ रखी इस अवसर पर सर्वतोभद्र जिनालय और निर्माण कमेटी के सभी सदस्य उपस्थित थे । कुल 97 मुनि महाराज और माता जी के सानिध्य में यह शिलान्यास हुआ। 
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    हथकरघा पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी 16,17 फरवरी काे भाग्योदय तीर्थ में, देश के कई राज्यों के जेल अधिकारी आएंगे
     
    आचार्य विद्यासागर महाराज की स्वर्णिम योजना हथकरघा एक सामाजिक क्रांति को राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान करने अाैर जेल में रह रहे कैदियों के पुनर्वास के लिए भाग्योदय तीर्थ में आचार्य संघ के सानिध्य में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का 16 अाैर 17 फ़रवरी को आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम प्रभारी ब्रम्हचारी डॉ. रेखा जैन, प्रवक्ता वीरेन्द्र मालथौन ने बताया कि संगोष्ठी में दिल्ली, हरियाणा , उत्तर प्रदेश , झारखंड , महाराष्ट्र , छत्तीसगढ़ के साथ मध्यप्रदेश के वरिष्ठ जेल अधिकारी इस संगोष्ठी में शामिल होंगे। 

    योगेश जैन ने बताया कि समारोह में पूर्व राष्ट्रपति भारत र| प्रणव मुखर्जी , केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह , मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ अन्य राज्यों के गृह व जेल मंत्रियों को आमंत्रित किया गया है। डॉ नीलम जैन अाैर डॉ राजा जैन का कहना है कि कार्यक्रम चार सत्रों में अायाेजित किया जाएगा। पहले दिन 16 फरवरी काे उद्घाटन सत्र के बाद प्रथम सत्र में हथकरघा से होने वाले लाभ व वस्त्रों का प्रदर्शन होगा । दूसरे दिन 17 फरवरी काे दूसरे सत्र में क़ैदियों को हो रहे मानसिक अाैर आर्थिक लाभ की जानकारी अाैर पुनर्वास, कौशल योजना के लाभ के बारे में चर्चा हाेगी इसी दिन समापन सत्र भाी होगा । 

    संगाेष्ठी हथकरघा क्षेत्र में उद्यम स्थापित करने वाले युवा व्यवसायियों को भी आमंत्रित किया गया ।आचार्य श्री की प्रेरणा व आशीर्वाद से हर गांव काम, हर हाथ काम योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे वस्त्रों को श्रमदान नाम दिया गया है। जेल अधीक्षक राकेश बांगरे अाैर जेलर मदन कमलेश के साथ केन्द्रीय जेल के सभी अधिकारी भी जेल की व्यवस्थाओं अाैर हथकरघा केन्द्र की व्यवस्था में लगे हुए हैं। 
     
    पूजन करते समय सावधान रहे, चावल का एक कण भी नीचे नहीं गिरना चाहिए : आचार्यश्री 
     
    सागर | आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने बुधवार काे भाग्योदय परिसर में धर्मसभा में कहा कि पूजा में जिस समय जो अर्ध्य चढ़ाना चाहिए वह चढ़ाएं, इससे कर्मों की निर्जरा होती है। पूजन करते समय हमेशा सावधानी बरतना चाहिए। चावल का एक कण भी नीचे नहीं गिरना चाहिए। आचार्य श्री ने कहा भक्ति कैसे करना है। पूजन कैसे करना है। यह आपको मन लगाकर करना चाहिए। पूजन करना आपको अच्छे तरीके से सीखना पड़ेगा। अर्ध और बिखराते हैं गली गली, ऐसा नहीं होना चाहिए। समय का अपव्यय नहीं करना चाहिए बल्कि समय का उपयोग अच्छे कामों में करना चाहिए। एक मेंढक की कहानी सुनाते हुए आचार्य श्री ने कहा कि एक कुएं में 1 मेंढक रहता था उसने ऊपर दो व्यक्तियों की आवाज सुनी कि आज यहां पर भगवान आ रहे हैं उसका भी मन हुआ दर्शन करने का और वह कुएं से बाहर आकर जिस तरफ लोग जा रहे थे वह उसी तरफ बढ़ता गया लेकिन छोटा होने से किसी वाहन ने उसके ऊपर से निकाल दिया और उस मेंढक की यात्रा समाप्त हो गई। 
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    संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय परिसर में आयोजित धर्मसभा में कहा कि पूजा कैसे की जाती है। जिस समय जो अर्घ चढ़ाना चाहिए वह चढ़ाएं, इससे कर्मों की निर्जरा होती है। पूजन करते समय हमेशा सावधानी बरतना चाहिए और चावल का एक कण भी नीचे नहीं गिरना चाहिए।
     
    आचार्य श्री ने कहा भक्ति कैसे करना है पूजन कैसे करना है यह आपको मन लगाकर करना चाहिए। पूजन करना आपको अच्छे तरीके से सीखना पड़ेगा। अर्घ चढ़ाते हैं और बिखराते हैं गली गली, ऐसा नहीं होना चाहिए। समय का अपव्यय नहीं करना चाहिए, बल्कि समय का उपयोग अच्छे कामों में करना चाहिए।
     
    हमेशा नीचे देखकर चलना चाहिए
     
    एक मेंढक की कहानी सुनाते हुए आचार्य श्री ने कहा कि एक कुएं में 1 मेंढक रहता था उसने ऊपर दो व्यक्तियों की आवाज सुनी कि आज यहां पर भगवान आ रहे हैं। उसका भी मन हुआ दर्शन करने का और वह कुएं से बाहर आकर जिस तरफ लोग जा रहे थे उसी तरफ बढ़ता गया, लेकिन छोटा होने से किसी वाहन ने उसके ऊपर से निकाल दिया और उस मेंढक की यात्रा समाप्त हो गई। आप लोग भी वाहनों से आते हैं हमेशा नीचे देख कर आप लोगों को चलना चाहिए। आप भागकर नहीं भगाकर आते हैं एक मेंढक भगवान के दर्शन की अभिलाषा के साथ कुएं से निकला था और बाद में मृत्यु के बाद वह देव बना ऐसा पुराणों में शास्त्रों में लिखा है।
     
    भाग्योदय में एमब्यूलेंस देने की घोषणा
     
    आचार्य श्री की पूजन मोराजी जैन समाज, चौधरन बाई मंदिर कमेटी, पथरिया जैन समाज, वर्णी कॉलोनी जैन समाज के लोगों को प्राप्त हुआ। बुधवार को आचार्य श्री की आहारचर्या और पढ़गाहन करने का सौभाग्य विमला बाई जैन, आनंद, मोना जैन, अजीत नीटू नेहा जैन को सौभाग्य मिला। इस अवसर पर अंजू जैन, बबली जैन, पूर्व विधायक सुनील जैन आदि को आहार देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आनंद जैन परिवार ने आहार दान के उपलक्ष्य में भाग्योदय तीर्थ अस्पताल को एक आधुनिक एंबुलेंस देने की घोषणा की।
     
    सहस्त्रकूट जिनालय का आज होगा शिलान्यास
     
    भाग्योदय तीर्थ परिसर में बनने बाले सर्वतो भद्र जिनालय का शिलान्यास समारोह गुरुवार को दोपहर 1ः30 बजे से आचार्य विद्यासागर महाराज के ससंघ सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य ब्र. विनय भैया विधि विधान से शिलान्यास कराएंगे। मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया आचार्य श्री के आशीर्वाद से भाग्योदय तीर्थ परिसर में सहस्त्रकूट जिनालय का निर्माण होने जा रहा है। जिनालय का निर्माण कराने प्रेमचंद संध्या जैन, सौरव रूही जैन, गौरव अनामिका जैन, नीरज पायल जैन, दिव्यांश और शुभंकर उपकार परिवार द्वारा नीव से लेकर शिखर तक का कार्य कराने का आशीर्वाद आचार्यश्री की आहार चर्या (28 जनवरी को) होने के बाद लिया था। गुरुवार को दोपहर 1ः30 बजे से प्राकृतिक चिकित्सालय की बिल्डिंग के बगल में यह शिलान्यास समारोह होगा। 15 फरवरी तक भाग्योदय पहुंचेगा आर्‌यिका संघ|
     
    आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर, मुनिश्री अनंत सागर, मुनिश्री धर्मसागर, मुनिश्री अचल सागर, मुनिश्री भाव सागर महाराज ससंघ श्री पार्श्‌वनाथ दिगंबर जैन मंदिर बरोदिया कला में विराजमान है। यहां आर्‌यिकाश्री पूर्णमति माताजी व 8 माता जी की आगवानी हुई। आर्‌यिका संघ ने श्री जी के दर्शन किए एवं संत निवास में विराजमान मुनि श्री विमल सागर जी ससंघ के दर्शन कर धार्मिक विषयों पर चर्चा की। आर्‌यिका संघ के बांदरी होते हुए 15 फरवरी को भाग्योदय तीर्थ सागर पहुंचने की संभावना है। उनके पैरों में छाले हैं फिर भी कदमों से पदयात्रा करते हुए प्रतिदिन 25 से 30 किलोमीटर लगभग बिहार चल रहा है।
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    इंडिया नहीं भारत बाेलाे का संदेश देने निकली दुपहिया वाहन रैली, 150 मिनट में पूरी की 11 किमी की परिक्रमा
     
    इंडिया नहीं भारत बाेलाे का संदेश देने मंगलवार दाेपहर डेढ़ बजे भाग्याेदय तीर्थ परिसर में आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का आशीर्वाद लेकर शहर में निकली दोपहिया वाहन रैली ने 11 किलोमीटर की परिक्रमा दाे घंटे तीस मिनट में पूरी की। मंगलवार का दिन युवाओं ने देश के नाम किया और करीब एक हजार दुपहिया वाहन पर सवार 1500 से अधिक युवाअाें अाैर वरिष्ठ जनाें ने “इंडिया नहीं भारत बोलो “ का संदेश शहर के लाेगाें काे दिया। रैली शहर के सभी सामाजिक संगठनों ने एक साथ मिल कर निकाली। भाग्योदय तीर्थ से हाथों में तिरंगा लेकर निकला ये कारवां भगवानगंज चाैराहे , गुजराती बाज़ार , कटरा नमकमंडी , परकोटा होते हुए सिविल लाईन पहुंचा फिर वहां से गोपालगंज तीन बत्ती , बड़ा बाजार , मोतीनगर चाैराहे के रास्ते से भाग्योदय तीर्थ पहुंचा। जहां अाचार्य श्री ने युवाओं से कहा कि अंग्रेज़ों की देन इंडिया नाम से देश को मुक्ति मिलना ही चाहिए। तभी हमारे देश की दशा व दिशा दोनों बदलेगी । रैली में अागे चल रहे डीजे की धुन पर युवा देश भक्ति के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। वीरेन्द्र मालथौन ने बताया कि भारत बोलो अभियान के अगले चरण में बुंदेलखंड से सैकड़ों चार पहिया वाहनों का क़ाफ़िला दिल्ली जाएगा। जहां इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया जाएगा। 

    इस रैली में जैन पंचायत, विप्र समाज, रोटरी क्लब, संजोग समिति, विश्व हिंदू परिषद, वैश्य महासम्मेलन, सोशल ग्रुप, विचार संस्था, जैन मिलन, धर्म रक्षा संगठन, भारत रक्षा मंच सहित 22 संगठनों के सैकड़ों सदस्यों ने भागीदारी की। रैली में देवी प्रसाद दुबे, अनिल दुबे, प्रकाश बहेरिया, सुरेन्द्र मालथौन, रिषभ मड़ावरा, शिवशंकर मिश्रा, पप्पू तिवारी, सूरज सोनी, डॉ. आज़ाद जैन, स्वतंत्र खिमलासा, अनिल नैनधरा, निकेश गुप्ता, सचिन, कपिल मलैया, विक्रम सोनी, मोनू, राम शर्मा, अनिल तिवारी, सुरेन्द्र पटना, महेश बाबा, सुकुमाल जैन, देवेन्द्र जैना, अजित नायक, मनोज लालो, अखिलेश समैया, रिषभ गढाकोटा, सोनू जैन, शालू जैन, डॉ. राहुल जैन, प्रदीप, अजय बंडा, मनीष दलपतपुर, अजय, शिवशंकर मिश्रा, पप्यू तिवारी, एके शर्मा, राम शर्मा, आशीष गोस्वामी, अरुण दुबे, हनी दुबे, दीपक वाजपेयी, रामकृष्ण गर्ग, मृदुल पन्या सहित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल थे। 

    क्यों चाहते हैं आचार्य श्री नाम में बदलाव : राशि बदल जाती है नाम से, इसलिए आचार्य विद्यासागर चाहते हैं कि भारत का नाम केवल भारत हो। क्योंकि इतिहास भारत का गौरवशाली है इंडिया का नहीं, दूध की नदियां भारत में बहती थीं इंडिया में नहीं। 

    इंडिया नहीं भारत बाेलाे का संदेश देने मंगलवार दाेपहर डेढ़ बजे भाग्याेदय तीर्थ परिसर में आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का आशीर्वाद लेकर शहर में निकली दोपहिया वाहन रैली ने 11 किलोमीटर की परिक्रमा दाे घंटे तीस मिनट में पूरी की। मंगलवार का दिन युवाओं ने देश के नाम किया और करीब एक हजार दुपहिया वाहन पर सवार 1500 से अधिक युवाअाें अाैर वरिष्ठ जनाें ने “इंडिया नहीं भारत बोलो “ का संदेश शहर के लाेगाें काे दिया। रैली शहर के सभी सामाजिक संगठनों ने एक साथ मिल कर निकाली। भाग्योदय तीर्थ से हाथों में तिरंगा लेकर निकला ये कारवां भगवानगंज चाैराहे , गुजराती बाज़ार , कटरा नमकमंडी , परकोटा होते हुए सिविल लाईन पहुंचा फिर वहां से गोपालगंज तीन बत्ती , बड़ा बाजार , मोतीनगर चाैराहे के रास्ते से भाग्योदय तीर्थ पहुंचा। जहां अाचार्य श्री ने युवाओं से कहा कि अंग्रेज़ों की देन इंडिया नाम से देश को मुक्ति मिलना ही चाहिए। तभी हमारे देश की दशा व दिशा दोनों बदलेगी । रैली में अागे चल रहे डीजे की धुन पर युवा देश भक्ति के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। वीरेन्द्र मालथौन ने बताया कि भारत बोलो अभियान के अगले चरण में बुंदेलखंड से सैकड़ों चार पहिया वाहनों का क़ाफ़िला दिल्ली जाएगा। जहां इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया जाएगा। 

    इस रैली में जैन पंचायत, विप्र समाज, रोटरी क्लब, संजोग समिति, विश्व हिंदू परिषद, वैश्य महासम्मेलन, सोशल ग्रुप, विचार संस्था, जैन मिलन, धर्म रक्षा संगठन, भारत रक्षा मंच सहित 22 संगठनों के सैकड़ों सदस्यों ने भागीदारी की। रैली में देवी प्रसाद दुबे, अनिल दुबे, प्रकाश बहेरिया, सुरेन्द्र मालथौन, रिषभ मड़ावरा, शिवशंकर मिश्रा, पप्पू तिवारी, सूरज सोनी, डॉ. आज़ाद जैन, स्वतंत्र खिमलासा, अनिल नैनधरा, निकेश गुप्ता, सचिन, कपिल मलैया, विक्रम सोनी, मोनू, राम शर्मा, अनिल तिवारी, सुरेन्द्र पटना, महेश बाबा, सुकुमाल जैन, देवेन्द्र जैना, अजित नायक, मनोज लालो, अखिलेश समैया, रिषभ गढाकोटा, सोनू जैन, शालू जैन, डॉ. राहुल जैन, प्रदीप, अजय बंडा, मनीष दलपतपुर, अजय, शिवशंकर मिश्रा, पप्यू तिवारी, एके शर्मा, राम शर्मा, आशीष गोस्वामी, अरुण दुबे, हनी दुबे, दीपक वाजपेयी, रामकृष्ण गर्ग, मृदुल पन्या सहित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल थे। 

    क्यों चाहते हैं आचार्य श्री नाम में बदलाव : राशि बदल जाती है नाम से, इसलिए आचार्य विद्यासागर चाहते हैं कि भारत का नाम केवल भारत हो। क्योंकि इतिहास भारत का गौरवशाली है इंडिया का नहीं, दूध की नदियां भारत में बहती थीं इंडिया में नहीं।
     

     
    भाग्योदय में विद्यासागर महाराज ने कहा मेथी में किसमिस डालोगे तो वह दवाई का काम करेगी
    सागर. संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ में मंगलवार को धर्मसभा संबोधित करते हुए कहा कभी- कभी अवसर के रूप में मेथी का उपयोग खाने में करना चाहिए, मेथी खाओगे और उसमें किसमिस और डाल दोगे तो उससे उल्टी नहीं होगी। और वह दवाई का काम करेगी और इससे स्वास्थ्य भी बहुत अच्छा होगा। आचार्य श्री ने कहा भिन्न-भिन्न माध्यम से हमारा परिणाम शुद्ध होता है। आप के परिणामों को बांधने के लिए पूजन,अभिषेक, जाप, विधान आदि हो जाते हैं पर यह सब उल्टी को रोकने का काम करते हैं। उन्होंने कहा मुनि महाराज उपदेश देकर आप को सिखाते हैं। उपाय आपको ढूंढना होगा, तब कार्य की प्राप्ति होगी। आचार्य श्री का पूजन पाएगा स्थित आदिनाथ मंदिर के महिला मंडल, काकागंज जैन समाज और महिला मंडल ने की। पाद प्रक्षालन सोमचंद जैन राजकुमार जैन और विधान चौधरी मानक चौक परिवार ने किया। आचार्य श्री की आहार चर्या ब्रह्मचारी दीपक भैया,ब्रह्मचारी अलका दीदी, कुसुम जैन, नीरज जैन,अनामिका के चौके में हुई। इस अवसर पर दीपक और उनके परिवार ने सहस्त्रकूट जिनालय के लिए दो प्रतिमाएं विराजमान कराने की घोषणा की। इसके अलावा सहस्त्रकूट जिनालय के लिए एक दर्जन से अधिक लोगों ने प्रतिमाएं विराजमान कराने की घोषणा की। 

    सागर. संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ में मंगलवार को धर्मसभा संबोधित करते हुए कहा कभी- कभी अवसर के रूप में मेथी का उपयोग खाने में करना चाहिए, मेथी खाओगे और उसमें किसमिस और डाल दोगे तो उससे उल्टी नहीं होगी। और वह दवाई का काम करेगी और इससे स्वास्थ्य भी बहुत अच्छा होगा। आचार्य श्री ने कहा भिन्न-भिन्न माध्यम से हमारा परिणाम शुद्ध होता है। आप के परिणामों को बांधने के लिए पूजन,अभिषेक, जाप, विधान आदि हो जाते हैं पर यह सब उल्टी को रोकने का काम करते हैं। उन्होंने कहा मुनि महाराज उपदेश देकर आप को सिखाते हैं। उपाय आपको ढूंढना होगा, तब कार्य की प्राप्ति होगी। आचार्य श्री का पूजन पाएगा स्थित आदिनाथ मंदिर के महिला मंडल, काकागंज जैन समाज और महिला मंडल ने की। पाद प्रक्षालन सोमचंद जैन राजकुमार जैन और विधान चौधरी मानक चौक परिवार ने किया। आचार्य श्री की आहार चर्या ब्रह्मचारी दीपक भैया,ब्रह्मचारी अलका दीदी, कुसुम जैन, नीरज जैन,अनामिका के चौके में हुई। इस अवसर पर दीपक और उनके परिवार ने सहस्त्रकूट जिनालय के लिए दो प्रतिमाएं विराजमान कराने की घोषणा की। इसके अलावा सहस्त्रकूट जिनालय के लिए एक दर्जन से अधिक लोगों ने प्रतिमाएं विराजमान कराने की घोषणा की।
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    आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ में साेमवार काे धर्मसभा में कहा कि जैन धर्म भाव प्रधान है मनुष्य भी पूजन करता है और त्रियंच भी पूजन करता है जिसके पास जल नहीं है तो वह समता पूर्वक शांति के साथ गुणानुवाद करता है। आचार्य श्री ने कहा महावीर भगवान और आदिनाथ भगवान के युग को नहीं बदला जा सकता है। पोशाक भले बदल जाएं पर सिद्धांत कभी नहीं बदलते आलंबन मेरे योग्य है वह करूंगा भीतरी भाव परख है तो धर्म उसी के परिणाम निकलता है 

    आचार्य श्री ने कहा हमारी यात्रा अखंड चलती है एक एक पग चलती है अपनी चाल से चले परंतु अपनी कोई चाल नहीं बनाए जो पहले चल कर गए हैं उसी पगडंडी का उपयोग करें उसी पर अच्छे से चलें सड़क पर हम चलना बंद कर दें तो उस पर घास उग आती है पर जो पगडंडी चलती रहती है उस पर घास नहीं होगी। आचार्य श्री का पूजन महिला परिषद वर्णी कॉलोनी को मिला। पार्षद संध्या जैन ने एक लाख रुपए की नगद राशि भाग्योदय मंदिर के निर्माण में दी। आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन प्रकाश चंद,विकास जैन, अभिषेक जैन सिल्लन परिवार, नरेश भाई संघवी मुंबई ने किया। सहस कूट जिनालय में 30 लाेगाें ने प्रतिमा विराजमान करने की घोषणा की। 

    भारत बोलो आंदोलन का शंखनाद, अाज शहर में निकलेगी वाहन रैली दोपहर एक बजे से 

    सागर | “हमें अपना भारत वापिस चाहिए “ यही संदेश लेकर सागर के सामाजिक संगठनाें के लोग आचार्यश्री विद्यासागर महाराज का संदेश “इंडिया नहीं भारत बोलो “ के नारे लगाते हुए पूरे शहर में वाहन रैली निकाल कर जनजागरण करेंगे। रैली संयोजक राजकुमार मिनी ने बताया कि रैली मंगलवार को दोपहर एक बजे भाग्योदय से प्रारंभ होकर भगवानगंज, राधा तिराहा, गुजराती बाज़ार, नमकमंडी, सिविल लाईन से गोपालगंज, बस स्टैंड, परकोटा, तीनबत्ती, बड़ा बाज़ार, मोतीनगर होती हुई भाग्योदय पहुंचेगी। रैली में शामिल होने के लिए आयोजन समिति ने एक विशेष टी शर्ट बनवाई है। जिससे कि सभी संगठन एक रूपता में इस रैली में शामिल हो सकें। आयोजकों ने अपील की है कि जो भी युवा अाैर वरिष्ठ जन इसमें शामिल होना चाहते हैं। वे दोपहर साढ़े बारह बजे भाग्योदय पहुंच अपना पंजीयन करा लें। वाहन रैली में जैन समाज के साथ ही अन्य सामाजिक संगठनाें से जुड़े लाेग भी शामिल रहेंगे। प्रकाश बहेरिया, सुरेन्द्र मालथौन, अनिल नैनधरा, देवीप्रसाद दुबे, पप्पू तिवारी, निकेश गुप्ता, जगन्नाथ गुरैया, सुरेन्द्र पटना, सुकुमाल नैनधरा सहित कर्इ संस्था प्रमुखों ने रैली में शामिल होने की अपील की है। 

    पूर्णमति माता का आगमन 15 को : सागर | आर्यिका पूर्णमति माता का बिहार झांसी से सागर की ओर चल रहा है। मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि झांसी में आर्यिका माता का चातुर्मास हुआ था। 15 फरवरी तक आर्यिका संघ के सागर पहुंचने की संभावना है। 
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