आचार्यश्री बोले : हथकरघा मात्र निर्वाह नहीं, निर्माण है मंत्री ने कहा : जेल के बाहर भी ऐसे केंद्र खोलेंगे ताकि रोजगार बढ़े
केंद्रीय जेल सागर में हथकरघा केंद्र का उद्घाटन कार्यक्रम शनिवार को भाग्योदय तीर्थ परिसर में हुआ।
आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने कहा कि विदेशी लोगो ने भारत को जाना पहचाना है पर भारत के लोगों ने अपने स्वयं के इतिहास काे नहीं जाना है। शील मर्यादा का पालन विदेशी वस्त्रों से कभी संभव नहीं है हथकरघा के वस्त्रों के माध्यम से इसका पालन कर सकते हैं। इसी में आप स्वस्थ रहोगे और इसी में परमार्थ भी करोगे। उन्होंने कहा कि आज्ञाकारी एक लड़का अच्छा है आज्ञा देने वाले कई लड़कों से। मनोरंजन की सामग्री ने भारत को श्रम से दूर कर दिया है। संतान आपकी स्वाश्रित हो पराश्रित नहीं अन्यथा आप को ही सिर दर्द रहेगा। हथकरघा मात्र निर्वाह नहीं निर्माण है। बेटे को लाड़-प्यार में पिता कुछ नहीं सिखा सकता है कुछ सिखाना है तो एश-अाे आराम से उसे दूर रखना होगा।
दो दिवसीय राष्ट्रीय हथकरघा एवं हस्तकला संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए ग्रामोद्योग एवं कुटीर मंत्री हर्ष यादव ने प्रदेश सरकार द्वारा हथकरघा व हस्त कला में किए जा रहे कार्यों एवं योजना की विस्तृत चर्चा एकांत में आचार्यश्री से की। यादव ने कहा कि शिल्पकला एवं हस्तशिल्प को नए आयाम देना ही हमारा लक्ष्य है। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि ऐसे हथकरघा केंद्र प्रदेश की अन्य जेलों में तो खुले हीं, बाहर भी खाेले जाएं ताकि लाेग राेजगार से जुड़ सकें। मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में आचार्यश्री जैसा चाहेंगे, वैसा हम करेंगे। अाचार्यश्री की आज्ञा शिरोधार्य है।
आचार्यश्री बोले : शिक्षा के केंद्र वर्तमान में नाैकर पैदा करने वाले गोदाम बन गए हैं :
आचार्य श्री ने कहा कि जीवन उपयोगी शिक्षा ही सच्ची शिक्षा है। ईंट गारा से बनाए गए भवनों को शिक्षा का केंद्र मानना हमारी बड़ी भूल है। नेताओं से उद्घाटन करा लिया और विद्यालय चालू हो गया। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में कुछ समय पूर्व एक बड़े प्रशासनिक अधिकारी ने बताया था वर्तमान की शिक्षा की हालत ऐसी हो गई है इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त इंजीनियर बने 80% किसी काम के नहीं है और बाकी के 10 से 20% इंजीनियर विदेश में जाकर नौकरी कर अपनी अच्छी शिक्षा का उपयोग कर रहे हैं। अाचार्यश्री ने बताया कि भोपाल के आसपास बड़े-बड़े विद्यालयों एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों के संचालकों ने जब उनसे वहां प्रतिभास्थली खोलेने काे कहा हमने जवाब दिया कि हम संस्कारधाम की बात करते हैं यह तो बड़े-बड़े गोदाम बने हैं।
प्रतिभास्थली में हम बीजाक्षर सिखाते हैं। यहां तो बीज ही चौपट हो जाएगा। यहां मात्र नौकरी को लेकर पढ़ाया जा रहा है यानी नौकर तैयार किए जा रहे हैं। आचार्य संघ में 105 पिच्छी विराजमान हैं इनमें 48 मुनि महाराज और 57 आर्यिका माताजी हैं यह जानकारी मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने दी।
तिहाड़ में 16 हजार कैदी, उनके राेजगार के लिए 32 फैक्ट्रियां अाैर 35 सेक्टर
सागर| डीअाईजी एसएस परिहार ने संगोष्ठी में बताया कि दिल्ली तिहाड़ जेल में चलाई जा रही सुधारात्मक व्यवस्था में हमने दक्षिणा अाफ्रीका के राष्ट्रपति स्वर्गीय नेल्सन मंडेला रुल्स काे फालाे किया है। यह रुल्स उन्हाेंने जेल में रहते हुए कैदियाें के हाव-भाव, अादत अादि में सुधार लाने के लिए बनाए थे। मंडेला के 122 रुल्स हैं। सुधार के लिए तिहाड़ जेल में 63 एनजीअाे काम करते हैं। हमारे जेल के कैदी सप्ताह में दाे दिन अपने परिवार जनाें से विडियाे कालिंग के जरिए रुबरु हाेते हैं। लीगल काउंसिलिंग, मंथली न्यूज लेटर सहित जेल में चल रहे 65 तरह के सुधार कार्यक्रमाें का प्रजेंटेशन मंच पर प्राेजेक्टर से किया।जेल में 32 फैक्टरी अाैर 36 सेक्टर हैं। तिहाड़ में 16 हजार कैदी है। इनमें से 6000 डिप्रेशन के शिकार है। इन्हे डिप्रेशन से उबारने 35 टीचर याेगा कराते हैं। डीअाईजी परिहार ने अंत में आचार्य श्री को संघ सहित तिहाड़ जेल आने का निमंत्रण दिया। ब्रम्हचारी सुलभ भैया मुंबई ने बताया कि हथकरघा पूर्ण रूप से शाकाहारी पद्धति से बनाए जाते हैं । हस्तशिल्प कला का प्रशिक्षण दे रहे आगरा के उद्योगपति आशीष जैन ने भी संबोधित किया। भाग्याेदय में मंच पर जेल अधीक्षक राकेश बांगरे, जेलर मदन कमलेश अाैर नागेन्द्र चौधरी , आशीष जैन आगरा के साथ जेल में हथकरघा भवन का निर्माण करने वाले ऋषभ जैन मोकलपुर का सम्मान किया गया। संचालन ब्रम्हचारिणी डॉ. रेखा जैन ने किया ।
कार्यक्रम में पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया , विधायक शैलेन्द्र जैन , अाईएएस राहुल जैन, महेश बिलहरा, सहित विभिन्न शहराें से अाए समाजसेवी उपस्थित थे । संचालन ब्रम्हचारिणी डॉ. रेखा जैन ने किया । भाग्याेदय तीर्थ परिसर में सलाखों से स्वावलंबन की ओर नाटक का मंचन किया गया।
प्रवक्ता वीरेन्द्र मालथौन के अनुसार रविवार को सुबह आठ बजे तीसरा सत्र, जबकि दोपहर दो बजे से समापन सत्र की शुरुअात होगी। इस दाैरान आचार्यश्री के विशेष रविवारीय प्रवचन भी हाेंगे। रात में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के जीवन पर केंद्रित विद्योदय फ़िल्म प्रदर्शित की गर्इ।
0 Comments
Recommended Comments
There are no comments to display.
Create an account or sign in to comment
You need to be a member in order to leave a comment
Create an account
Sign up for a new account in our community. It's easy!
Register a new accountSign in
Already have an account? Sign in here.
Sign In Now