हथकरघा पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी 16,17 फरवरी काे भाग्योदय तीर्थ में, देश के कई राज्यों के जेल अधिकारी आएंगे
हथकरघा पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी 16,17 फरवरी काे भाग्योदय तीर्थ में, देश के कई राज्यों के जेल अधिकारी आएंगे
आचार्य विद्यासागर महाराज की स्वर्णिम योजना हथकरघा एक सामाजिक क्रांति को राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान करने अाैर जेल में रह रहे कैदियों के पुनर्वास के लिए भाग्योदय तीर्थ में आचार्य संघ के सानिध्य में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का 16 अाैर 17 फ़रवरी को आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम प्रभारी ब्रम्हचारी डॉ. रेखा जैन, प्रवक्ता वीरेन्द्र मालथौन ने बताया कि संगोष्ठी में दिल्ली, हरियाणा , उत्तर प्रदेश , झारखंड , महाराष्ट्र , छत्तीसगढ़ के साथ मध्यप्रदेश के वरिष्ठ जेल अधिकारी इस संगोष्ठी में शामिल होंगे।
योगेश जैन ने बताया कि समारोह में पूर्व राष्ट्रपति भारत र| प्रणव मुखर्जी , केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह , मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ अन्य राज्यों के गृह व जेल मंत्रियों को आमंत्रित किया गया है। डॉ नीलम जैन अाैर डॉ राजा जैन का कहना है कि कार्यक्रम चार सत्रों में अायाेजित किया जाएगा। पहले दिन 16 फरवरी काे उद्घाटन सत्र के बाद प्रथम सत्र में हथकरघा से होने वाले लाभ व वस्त्रों का प्रदर्शन होगा । दूसरे दिन 17 फरवरी काे दूसरे सत्र में क़ैदियों को हो रहे मानसिक अाैर आर्थिक लाभ की जानकारी अाैर पुनर्वास, कौशल योजना के लाभ के बारे में चर्चा हाेगी इसी दिन समापन सत्र भाी होगा ।
संगाेष्ठी हथकरघा क्षेत्र में उद्यम स्थापित करने वाले युवा व्यवसायियों को भी आमंत्रित किया गया ।आचार्य श्री की प्रेरणा व आशीर्वाद से हर गांव काम, हर हाथ काम योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे वस्त्रों को श्रमदान नाम दिया गया है। जेल अधीक्षक राकेश बांगरे अाैर जेलर मदन कमलेश के साथ केन्द्रीय जेल के सभी अधिकारी भी जेल की व्यवस्थाओं अाैर हथकरघा केन्द्र की व्यवस्था में लगे हुए हैं।
पूजन करते समय सावधान रहे, चावल का एक कण भी नीचे नहीं गिरना चाहिए : आचार्यश्री
सागर | आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने बुधवार काे भाग्योदय परिसर में धर्मसभा में कहा कि पूजा में जिस समय जो अर्ध्य चढ़ाना चाहिए वह चढ़ाएं, इससे कर्मों की निर्जरा होती है। पूजन करते समय हमेशा सावधानी बरतना चाहिए। चावल का एक कण भी नीचे नहीं गिरना चाहिए। आचार्य श्री ने कहा भक्ति कैसे करना है। पूजन कैसे करना है। यह आपको मन लगाकर करना चाहिए। पूजन करना आपको अच्छे तरीके से सीखना पड़ेगा। अर्ध और बिखराते हैं गली गली, ऐसा नहीं होना चाहिए। समय का अपव्यय नहीं करना चाहिए बल्कि समय का उपयोग अच्छे कामों में करना चाहिए। एक मेंढक की कहानी सुनाते हुए आचार्य श्री ने कहा कि एक कुएं में 1 मेंढक रहता था उसने ऊपर दो व्यक्तियों की आवाज सुनी कि आज यहां पर भगवान आ रहे हैं उसका भी मन हुआ दर्शन करने का और वह कुएं से बाहर आकर जिस तरफ लोग जा रहे थे वह उसी तरफ बढ़ता गया लेकिन छोटा होने से किसी वाहन ने उसके ऊपर से निकाल दिया और उस मेंढक की यात्रा समाप्त हो गई।
0 Comments
Recommended Comments
There are no comments to display.
Create an account or sign in to comment
You need to be a member in order to leave a comment
Create an account
Sign up for a new account in our community. It's easy!
Register a new accountSign in
Already have an account? Sign in here.
Sign In Now