पूजन हमेशा सावधान और मन लगाकर करना चाहिए - आचार्य श्री
संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय परिसर में आयोजित धर्मसभा में कहा कि पूजा कैसे की जाती है। जिस समय जो अर्घ चढ़ाना चाहिए वह चढ़ाएं, इससे कर्मों की निर्जरा होती है। पूजन करते समय हमेशा सावधानी बरतना चाहिए और चावल का एक कण भी नीचे नहीं गिरना चाहिए।
आचार्य श्री ने कहा भक्ति कैसे करना है पूजन कैसे करना है यह आपको मन लगाकर करना चाहिए। पूजन करना आपको अच्छे तरीके से सीखना पड़ेगा। अर्घ चढ़ाते हैं और बिखराते हैं गली गली, ऐसा नहीं होना चाहिए। समय का अपव्यय नहीं करना चाहिए, बल्कि समय का उपयोग अच्छे कामों में करना चाहिए।
हमेशा नीचे देखकर चलना चाहिए
एक मेंढक की कहानी सुनाते हुए आचार्य श्री ने कहा कि एक कुएं में 1 मेंढक रहता था उसने ऊपर दो व्यक्तियों की आवाज सुनी कि आज यहां पर भगवान आ रहे हैं। उसका भी मन हुआ दर्शन करने का और वह कुएं से बाहर आकर जिस तरफ लोग जा रहे थे उसी तरफ बढ़ता गया, लेकिन छोटा होने से किसी वाहन ने उसके ऊपर से निकाल दिया और उस मेंढक की यात्रा समाप्त हो गई। आप लोग भी वाहनों से आते हैं हमेशा नीचे देख कर आप लोगों को चलना चाहिए। आप भागकर नहीं भगाकर आते हैं एक मेंढक भगवान के दर्शन की अभिलाषा के साथ कुएं से निकला था और बाद में मृत्यु के बाद वह देव बना ऐसा पुराणों में शास्त्रों में लिखा है।
भाग्योदय में एमब्यूलेंस देने की घोषणा
आचार्य श्री की पूजन मोराजी जैन समाज, चौधरन बाई मंदिर कमेटी, पथरिया जैन समाज, वर्णी कॉलोनी जैन समाज के लोगों को प्राप्त हुआ। बुधवार को आचार्य श्री की आहारचर्या और पढ़गाहन करने का सौभाग्य विमला बाई जैन, आनंद, मोना जैन, अजीत नीटू नेहा जैन को सौभाग्य मिला। इस अवसर पर अंजू जैन, बबली जैन, पूर्व विधायक सुनील जैन आदि को आहार देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आनंद जैन परिवार ने आहार दान के उपलक्ष्य में भाग्योदय तीर्थ अस्पताल को एक आधुनिक एंबुलेंस देने की घोषणा की।
सहस्त्रकूट जिनालय का आज होगा शिलान्यास
भाग्योदय तीर्थ परिसर में बनने बाले सर्वतो भद्र जिनालय का शिलान्यास समारोह गुरुवार को दोपहर 1ः30 बजे से आचार्य विद्यासागर महाराज के ससंघ सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य ब्र. विनय भैया विधि विधान से शिलान्यास कराएंगे। मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया आचार्य श्री के आशीर्वाद से भाग्योदय तीर्थ परिसर में सहस्त्रकूट जिनालय का निर्माण होने जा रहा है। जिनालय का निर्माण कराने प्रेमचंद संध्या जैन, सौरव रूही जैन, गौरव अनामिका जैन, नीरज पायल जैन, दिव्यांश और शुभंकर उपकार परिवार द्वारा नीव से लेकर शिखर तक का कार्य कराने का आशीर्वाद आचार्यश्री की आहार चर्या (28 जनवरी को) होने के बाद लिया था। गुरुवार को दोपहर 1ः30 बजे से प्राकृतिक चिकित्सालय की बिल्डिंग के बगल में यह शिलान्यास समारोह होगा। 15 फरवरी तक भाग्योदय पहुंचेगा आर्यिका संघ|
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर, मुनिश्री अनंत सागर, मुनिश्री धर्मसागर, मुनिश्री अचल सागर, मुनिश्री भाव सागर महाराज ससंघ श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर बरोदिया कला में विराजमान है। यहां आर्यिकाश्री पूर्णमति माताजी व 8 माता जी की आगवानी हुई। आर्यिका संघ ने श्री जी के दर्शन किए एवं संत निवास में विराजमान मुनि श्री विमल सागर जी ससंघ के दर्शन कर धार्मिक विषयों पर चर्चा की। आर्यिका संघ के बांदरी होते हुए 15 फरवरी को भाग्योदय तीर्थ सागर पहुंचने की संभावना है। उनके पैरों में छाले हैं फिर भी कदमों से पदयात्रा करते हुए प्रतिदिन 25 से 30 किलोमीटर लगभग बिहार चल रहा है।
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