दिन में खाना सबसे अच्छा होता है। डबल रोटी को रसायन द्वारा फुलाया जाता है, उसमें जो छोटे छिद्र होते हैं उसमें जहरीले छोटे कीटाणु रहते हैं वह नुकसानदेह हैं रात्रि 12 बजे के बाद जो भी खाना पीना करते हो वह विषाक्त बन जाता है यह बात आचार्य विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ परिसर में रविवारीय प्रवचन में कहीं ।
आचार्य श्री ने कहा शरीर की प्रकृति के अनुसार खाना चाहिए रात में सूर्य की ऊष्मा का अभाव होने पर छोटे-छोटे जीवों की उत्पत्ति शुरू हो जाती है अष्टमी और चतुर्दशी को उपवास रखने से शरीर को आराम मिलता है। उपवास की परंपरा भारत में है काया को शुद्ध रखने के लिए उपवास किया जाता है जैन परंपरा में इसे थोपा नहीं गया है। इसे हम कर्तव्य के रूप में करते हैं। आचार्य श्री ने कहा कि सूर्य के उदय के साथ ही कमल खिलता है और सूर्य अस्त होने पर कमल बंद हो जाता है कमल अकाल में कभी नहीं खिलता है कमल का नियम है जब तक सूर्य है तब तक ही खाऊंगा पी लूंगा बाद में निशाचर नहीं बनूंगा। आचार्य श्री के प्रवचन के पूर्व मुनि सौम्य सागर महाराज ने कहा कि भावों की यात्रा का माध्यम भाषा है उन्होंने कहा आचार्य श्री के आशीर्वाद से 5 प्रतिभास्थली स्कूल देश में चल रहे है पहले वहां अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होती थी लेकिन अब हिंदी माध्यम से पढ़ाई हो रही है वहां पर पहले लोगों को लगा कि हिंदी में पढ़ाने से कुछ नुकसान होगा लेकिन आज स्थिति यह है स्कूलों में छात्राओं को एडमिशन नहीं मिल पा रहे हैं क्योंकि आजकल लोग संस्कारित शिक्षा बच्चियों को मिले इसके लिए प्रतिभास्थली जैसे स्कूलों का चयन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां हम सब लोगों का चिंतन खत्म होता है उससे कई गुना बाद आचार्य श्री का चिंतन शुरू होता है।
राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने भाग्योदय तीर्थ पहुंचकर आचार्य श्री को श्रीफल समर्पित कर दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर आचार्य श्री ने कहा कि मौका मिला है तो अच्छे काम करना राजपूत ने कहा कि गुरुदेव अच्छे काम ही करने का मन है। इस अवसर पर पूर्व विधायक सुनील जैन, सुधा जैन ,न्यायाधीश एमके जैन, प्रेरणा जैन , अक्षय जैन और ऋचा जैन, नीरज जैन, प्रीति जैन, महेश बिलहरा,मुकेश जैन ढाना,सुरेंद्र जैन , राकेश जैन ,आनंद जैन , देवेंद्र जैन , ऋतुराज जैन, राजेश जैन , सौरभ जैन, सट्टू जैन, प्रेमचंद जैनर,अनिल जैन आदि उपस्थित थे।
सहस्त्रकूट जिनालय में मूर्ति विराजमान करने की स्वीकृति : छोटेलाल जैन सलैया,अशोक कोठारी, डॉ श्वेता जैन विमल जैन सिहोरा, गुड्डू जैन, जिनेंद्र जैन, सपना जैन, अभिषेक प्रतिभा जैन, प्रकाश जैन सानोधा, कमल जैन निलेश कुमार बंडा, अनमोल जैन बड़ोदा, सुरभि जैन, कैलाश सिंघई, बबिता जैन पटिया,झुन्नी लाल जैन, अनुभा जैन सिहोरा ने दी।