संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ परिसर में शनिवार को धर्मसभा में कहा कि बच्चों में शुरू से ही संस्कार डालना चाहिए। फास्ट फूड के रूप में एक अजान फल जो पैकेट में बंद रहता है, उसके अंदर क्या है। यह मालूम नहीं तो भी उसका सेवन लगातार बढ़ता जा रहा है। ये ठीक नहीं है। इसकी जगह आप सभी को घर का भोजन करना चाहिए।
आचार्य श्री ने कहा पैकेट में अंदर क्या है। पैकेट में ना तो हवा जाती है और कैसे वह बना है यह भी नहीं मालूम, बस थोड़ा चटपटा और जीभ को अच्छा लगता है इसके चलते लोग इसे आंख बंद करके खा रहे हैं। जबकि इससे पेट नहीं भरता फिर भी बच्चे इसके दीवाने हैं और खा रहे हैं। घर का खाना खाने से आप स्वस्थ रहेंगे । क्योंकि फास्ट फूड कैंसर का सबसे बड़ा कारण है और आने वाले समय में हर घर में इस रोग से व्यक्ति पीड़ित रहेंगे। इस रोग से बचना है तो फास्ट फूड का त्याग करना होगा । कई लोगों ने की सहस्त्र कूट जिनालय में प्रतिमा विराजमान कराने की घोषणा : वीरेंद्र जैन फैंसी ज्वेलर्स 11 मूर्ति,आनंद जैन बंटी राहतगढ़ ने एक बड़ी मूर्ति और कपिश जैन दिल्ली चार्टर्ड अकाउंटेंट ने आचार्य श्री के चरणों का पाद प्रक्षालन किया। आचार्य श्री की आहार चर्या राकेश जैन ,नमिता जैन, रितुल जैन और ईशु जैन के चौके में हुई।सहस्त्र कूट जिनालय में प्रतिमा विराजमान कराने की घोषणा डा. विनोद मीना जैन, अजय जैन शिखर चंद जैन, क्रांति जैन सुलोचना जैन,सरोज जैन, निशांत समैया ,प्रदीप जैन, संदीप जैन , कंछेदी लाल दाऊ, भागचंद जैन, अरविंद जैन, अखिलेश जैन, प्रियंका, आनंद जैन, राहुल जैन , हुकमचंद जय कुमार सुनील, जिनेंद्र जैन, सुनील जैन, सुशील जैन, वर्षा जैन ने एक- एक मूर्ति विराजमान कराने की घोषणा की। जस्टिस, कुलपति, डीआईजी, एसपी ने लिया आर्शीवाद : शनिवार को मप्र मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एन के जैन, हरी सिंह गौर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राघवेंद्र प्रसाद तिवारी, डीआईजी पुलिस राकेश जैन, पुलिस अधीक्षक अमित सांघी आदि मुनिश्री के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। भाग्योदय के डॉक्टरों ने आचार्य श्री को श्रीफल भेंट किया। आचार्य श्री के रविवारीय प्रवचन आज : भाग्योदय तीर्थ परिसर में विराजमान आचार्य विद्यासागर महाराज के रविवार को दोपहर 2 बजे से होंगे। मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि आचार्य श्री का पूजन सुबह 9 बजे से छोटे पंडाल में होगी। इसके बाद मंगल देशना सुबह 9:30 बजे, आहारचर्या सुबह 10 बजे और दोपहर 2 बजे से बड़े पंडाल में आचार्य श्री की मंगल देशना होगी। ये है त्याग आचार्य श्री ने कहा त्याग क्या है एक बार जंगल में दो लोग जा रहे थे उन्हें बहुत तेज भूख लग रही थी अचानक एक पेड़ ऐसा दिखा जहां पर बहुत अच्छे और रस भरे फल लगे हुए दिखाई दे रहे थे लेकिन उस फल का नाम किसी को नहीं मालूम था एक व्यक्ति ने कहा कि मैंने मुनि महाराज से नियम लिया है कि जिस फल का नाम नहीं मालूम हो ऐसे अजान फल को मैं नहीं खाऊंगा लेकिन दूसरे व्यक्ति को इतनी तेज भूख लगी थी तो उसने एक फल खाया और कुछ ही मिनटों में उसके प्राण निकल गए त्याग के कारण एक व्यक्ति की जान बच गई और दूसरे के प्राण चले गए।आचार्य श्री ने कहा देने वाले को अपना मोह कम करना चाहिए त्याग के भाव बनाना अच्छी बात है