मतवाले नहीं मन वाले बनो, मन को मना लोगे तो नहीं करोगे मनमानी: आचार्यश्री
जब पैर में कांटा चुभता है तो वह अंदर की ओर चला जाता है और दर्द बढ़ता जाता है जब उसको निकालने का प्रयास करते हैं तो दर्द और बढ़ जाता है यह दर्द मन के कारण ज्यादा होता है क्योंकि मन हमारा उस कांटे की ओर ही लगा हुआ है यह बात आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ परिसर में धर्म सभा के दौरान कही।
आचार्य श्री ने कहा दानदाताओं को बताना चाहिए मोह के कारण धन आपके यहां है थोड़ा सा निकाल दो और यह सोचकर यह मेरा नहीं है तो वह निकल आएगा मोक्ष जाने के लिए तन और धन कि नहीं बल्कि मन की आवश्यकता होती है यदि मन में स्थिरता आती है तो सारे काम बगैर दर्द के हो जाते हैं
आचार्य श्री ने कहा मतवाले नहीं मन वाले बनो, मन को मना लोगे तो तुम मनमानी नहीं कर पाओगे। उन्होंने कहा दर्द का मूल कारण तनाव है और मन के कारण कभी कभी आंखों में आंसू आने लगते हैं। दर्द भूलने का प्रयास करोगे तो निश्चित रूप से आपका मन कभी नहीं भटकेगा। जिसको कांटा लगता है दर्द उसी को पता होता है दूसरे को नहीं, दूसरा तो सिर्फ महसूस करता है आचार्य श्री के पाद प्रक्षालन मुंबई निवासी सचिन जैन और महेंद्र जैन शनिचरी ने किया मिला। भाग्योदय में तीसरे दिन सोमवार को सहस्त्र कूट जिनालय के लिए 20 से अधिक श्रद्धालुओं ने अपने परिवार की ओर से 1.51 लाख की राशि देकर प्रतिमा विराजमान कराने की घोषणा की।
उपकार परिवार पूरा सहस्त्रकूट जिनालय का निर्माण कराएगा
आहारचर्या के बाद उपकार परिवार ने भाग्योदय परिसर में बनने जा रहे सर्वतोभद्र जिनालय के सामने बनने बाले सहस्त्रकूट जिनालय के निर्माण की घोषणा अपनी ओर से कराने की घोषणा की।
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