दमोह - संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का गुरूवार को शहर में मंगल प्रवेश हुआ तो उनकी एक झलक पाने के लिए सड़कें थम गईं। जबलपुर नाका पर इतनी भीड़ जमा हो गई कि उसे नियंत्रित करने में पुलिस को पसीना आ गया। मुठिया तिराहा से आचार्यश्री के कदम दमोह की ओर बढ़े और जबलपुर नाका से होते हुए बेलाताल मार्ग से जैन धर्मशाला पहुंचे। जैन धर्मशाला तक आचार्यश्री मंगल अगवानी के लिए सड़क के दोनों ओर हजारों श्रद्धालु खड़े थे। आचार्य श्री की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु पलक पावड़े बिछाकर खड़े थे। इससे पहले सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं का जबलपुर रोड पर जमा होना चालू हो गया था। लोगों ने जगह-जगह स्वागत द्वार बना रखे थे। जैसे ही आचार्यश्री जबलपुर नाका पहुंचे और सीधे बेलाताल मार्ग की ओर मुड़ गए तो समाज के लोग खुशी से झूम उठे। दरअसल समाज के लोग इस तैयारी में थे कि आचार्यश्री किल्लाई नाका जाएंगे, मगर वहां न जाकर आचार्यश्री सीधे नन्हें जैन मंदिर की ओर चले गए। देर शाम आचार्यश्री विहार करते हुए हिन्नाई उमरी पहुंचे। वहां से उन्हें ससंघ के साथ उनका विहार टीकमगढ़ पपौरा जी की ओर चल रहा है। इस बीच आचार्यश्री श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन नन्हे मंदिर पहुंचे। आचार्य श्री ने मंदिर जी में प्रवेश कर मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ के दर्शन किए। उसके बाद संघ ने भी श्रीजी के दर्शन किए। यहां आचार्यश्री ने अपने संक्षिप्त प्रवचन दिए। शुक्रवार शाम गुरु जी के कदम बटियागढ़ मार्ग की ओर बढ़ गए। आचार्य श्री का संघ टीकमगढ़ जिलेेे में पपौरा जी जा रहा है। 34 साल बाद आचार्यश्री टीकमगढ़ जा रहे हैं।
शिक्षा व्यवस्था राष्ट्रभाषा हिंदी में होना चाहिए
आचार्यश्री ने अपने प्रवचनों में बताया कि विधानसभा में प्रवचनों के दौरान भी उन्होंने कहा था कि देश की शिक्षा व्यवस्था राष्ट्रभाषा हिंदी में होना चाहिए। भले ही इमसें अंग्रेजी एक विषय हो। यहां पर जो विद्यापीठ की स्थापना की जा रही है उसमें बच्चों को प्रवेश दिलाएं न कि एडमिशन।
40 मिनट में जुड़ गए एक करोड़ रुपए
दोपहर में सामयिक के बाद आचार्य श्री का मंगल विहार घंटाघर, स्टेशन चौराहा, तीन गुल्ली होते हुए सागर नाका गांधी आश्रम की ओर हुआ। जहां पर विद्यायतन विद्या पीठ के निर्माण के लिए भूमि पूजन शिलान्यास कार्यक्रम आचार्यश्री के सानिध्य में हुआ। शाम कार्यक्रम में 4.40 बजे आचार्यश्री कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। कार्यक्रम के दौरान विद्या पीठ के लिए 40 मिनट में एक करोड़ रुपए से ज्यादा दान की राशि जुड़ गई। आचार्य श्री की दिव्य देशना का लाभ श्रद्धालुओं को मिला। इसके बाद इमलाई बायपास मार्ग की ओर से आचार्य श्री का मंगल विहार हो गया। बताया गया कि गुरु जी का रात्रि विश्राम उमरी गांव हुआ। वहां से प्रातः बेला में आचार्य श्री का मंगल विहार नरसिंहगढ़ की ओर होगा। नरसिंहगढ़ में आचार्य श्री की आहारचर्या होगी।
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