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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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  1. आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज चातुर्मास कलश स्थापित, हेलीकॉप्टर से आए लाभार्थी, आचार्यश्री बोले- शतरंज की सेना की तरह साधक भी कदम बढ़ा दे तो फिर पीछे नहीं हटता पावन वर्षायोग चतुर्मास 2019 कलश स्थापना अपडेट मुनि नियम सागरजी (दक्षिण भारत मे विराजमान) एवं मुनि सुधासागर जी को आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज ने निर्यापक की उपाधि दी। जैन तीर्थ सिद्धोदय क्षेत्र में आचार्य विद्यासागरजी महाराज के ससंघ चातुर्मास को लेकर कलश स्थापना कार्यक्रम रविवार को हुआ। इसमें देश के कई प्रांतों सहित विदेश से भी अनुयायी नेमावर पहुंचे। कलश स्थापना के लाभार्थी हेलीकॉप्टर आए। सभी कलश आचार्यश्री के मुखारविंद से मंत्रों के उच्चारण से स्थापित किए गए। कलश विश्व शांति और विश्व कल्याण के उद्देश्य और वर्षा योग के निर्विघ्न संपन्न होने की कामना से स्थापित किए गए हैं। आचार्यश्री के चातुर्मास के दौरान लगातार विभिन्न धार्मिक आयोजनों की पूर्ण तैयारी ट्रस्ट द्वारा समाज जन के सहयोग से की गई है। पिछले वर्ष बुंदेलखंड के खजुराहो में आचार्य भगवन का चातुर्मास हुआ था और इस बार मालवा के नेमावर को चातुर्मास का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। 52वां चातुर्मास है यह आचार्यश्री : 2 चातुर्मास कर चुके नेमावर में (1997 और 2002), यह तीसरा है हालांकि यह पहला अवसर है जब चातुर्मास स्थापना का कार्यक्रम आषाढ़ शुक्ल चतुर्दशी के पहले ही हो गया। 2 प्रदेशों के लाभार्थी: 52 संकल्प कलश स्थापित किए गए हैं। सुनील कुमार जैन पाली राजस्थान, आरके मार्बल किशनगढ़ राजस्थान सुंदरलाल बीड़ीवाला इंदौर को स्थापित करने का लाभ मिला। आज ये होगा : आचार्य संघ चतुर्दशी को धार्मिक और शास्त्रों में उल्लेखित विधि अनुसार मंत्रोच्चार कर चातुर्मास की शुरुआत करेंगे। आचार्यश्री सहित सभी मुनियों का सोमवार को उपवास भी रहेगा। आचार्यश्री के आशीर्वचन... प्रवचन में आचार्य विद्यासागरजी महाराज ने कहा शतरंज के खेल में राजा आगे भी बढ़ता है और पीछे भी हटता है। ऊंट हमेशा तिरछा चलता है एवं घोड़ा ढाई घर चलता है, हाथी भी सीधे आगे पीछे चलता है लेकिन पैदल सेना तो हमेशा आगे बढ़ती है, वह कभी पीछे नहीं हटती। उसी प्रकार राष्ट्र रक्षा में लगे सैनिक राष्ट्र की रक्षा से कभी पीछे नहीं हटते। वैसे ही भगवान वृषभनाथ और महावीर भगवान की चर्या चली आ रही है। उस परंपरा का पालन करने वाला साधक भी एक बार जो कदम आगे बढ़ा देता है, तो फिर कभी पीछे नहीं हटता। पंचम काल अभी शेष है और धर्म का अभी अभाव नहीं हो सकता। दोपहर 1 बजे उतरा हेलीकॉप्टर : किशनगढ़ राजस्थान से आरके मार्बल वालों का परिवार प्राइवेट हेलीकाप्टर से 1 बजे नेमावर पहुंचा, जो निर्माणाधीन त्रिकाल चौबीसी जिनालय प्रांगण में उतरा। विधायक ने गोशाला को दिए 5 लाख : खातेगांव विधायक आशीष शर्मा ने विधायक निधि से पांच लाख रुपए नेमावर गोशाला के लिए देने की घोषणा की। आईएएस, न्यायाधीश पहुंचे आशीर्वाद लेने : आईएएस राहुल जैन, कन्नौद के न्यायाधीश, गंजबासौदा विधायक लीना संजय जैन, खातेगांव विधायक आशीष शर्मा, खातेगांव एसडीएम शोभाराम सोलंकी, नायब तहसीलदार अर्पित मेहता आदि ने भी आचार्यश्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
  2. मुनि श्री नियमसागर जी (दक्षिण भारत मे विराजमान) एवं मुनि श्री सुधासागर जी को आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज ने निर्यापक की उपाधि दी। देखिये कैसे मिली निर्यापक मूनी श्री नियम सागर महाराज जी तथा निर्यापक मूनी जगत पूज्य सुधा सागर महाराज जी को निर्यापक मुनि की उपाधी
  3. आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के मंगल चातुर्मास कलश की स्थापना पर नेमावर प्रथम कलश..५०४ कलश..जय जय गुरुदेव🙏🙏🙏🙏 आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चातुर्मास स्थापना के प्रथम कलश की बोली 504 कलश की श्री सुनील जी राजसमंद वाले को गई है । द्वितीय कलश 153 कलश सुन्दर लाल जी बीड़ी वाले इन्दोर तीसरा कलश 99 कलश 99 श्रीफल - ओनलाइन गुप्त हे नाम चतुर्थ कलश अरिहंत कैपिटल ५४ कलश ५४ श्रीफल ५ वाँ कलश ५४ कलश ५४ श्रीफल वंदना जी जैन Goel नगर इंदौर 6 षष्टम कलश श्री चिंतामणी जी कन्नोज सप्तम कलश श्री अशोक जी पाटनीR K मार्वल अष्टम श्री तरुण जी काला मुम्बई नवम श्री राजा भेया सूरत स्थान:- श्री सिद्धोदय सिद्ध क्षेत्र नेमावर जी
  4. *बेला से हुई थी दीक्षा* *_संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज_* से राजस्थान की माटी से एकमात्र दीक्षित शिष्य *मुनि श्री 108 संधान सागर जी महाराज* की दीक्षा गुरु पूर्णिमा को बीना बाराहा अतिशय क्षेत्र में बेला (दो उपवास) के साथ 4 वर्ष पूर्व हुई थी। तब से प्रतिवर्ष चातुर्मास स्थापना एवं निष्ठापन बेला से ही करते हैं। ऐसे तपस्वी मुनिराज के चरणों में हम सबका बारंबार नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु।
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