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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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  1. 15 साल 8 माह 23 दिन बाद गुरु के दर्शन कर चरण पखारे तो निकल गयी अश्रुधारा गुरु-शिष्यों का महामिलन देखने देश-विदेश से पहुंचे 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु गुरु की आज्ञा मिलते ही 15 दिन में 300 किमी का पदविहार कर बावनगजा से नेमावर पहुंचे मुनि प्रमाण सागर, पैरों में आ गए छाले फिर भी नहीं रुके कदम ✍🏻 पुनीत जैन (पट्ठा) खातेगांव रविवार को 15 साल 8 माह 23 दिन (5746 दिन) के लंबे इंतज़ार के बाद मुनिश्री प्रमाणसगारजी और 10 साल 8 माह 23 दिन (3920 दिन) बाद मुनिश्री विराटसागरजी ने सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र नेमावर में अपने गुरु आचार्यश्री विद्यासागरजी के दर्शन कर चरण पखारे तो दोनों की आंखों से आंसू बह निकले। अश्रुधारा और जल से दोनों ने अपने गुरु के पादप्रक्षालन किए और गंधोदक को अपने सिरमाथे पर लगाया। दोनों मुनि बावनगजा में चातुर्मासरत थे। गुरु से आज्ञा मिलते ही उनके दर्शन के लिए 15 नवंबर को वहां से लगभग 300 किमी का पदविहार करते हुए रविवार को नेमावर पहुंचे। मुनिश्री प्रमाणसागरजी ने इसके पूर्व 8 मार्च 2004 को रामटेक और मुनिश्री विराटसागरजी ने 8 मार्च 2009 को जबलपुर में गुरू के दर्शन कर उनकी आज्ञा और आशीर्वाद से विहार किया था। गुरु-शिष्यों के महामिलन के इन भावुक क्षणों में मुनिश्री प्रमाण सागरजी ने कहा जन्म तो सब लेते हैं, पर जय किसी विरले की हो होती है और जय उसी की होती है जो स्वयं को जीत लेता है। मेरे गुरुवर ने स्वयं को जीता है, इसलिए उनकी पूरी दुनिया में जय हो रही है। उनकी शरण में आने वाले की स्वतः ही विजय हो जाती है। गुरुदेव ने जिस त्याग और तपस्या से जिन ऊंचाई को छुआ है वह जैन समाज का पर्याय बन गया है। जैन धर्म की पहचान आज मेरे गुरुदेव से है।यह युग गुरुवर का युग है। मेरे गुरुदेव तो साक्षात अरिहंत की प्रतिकृति हैं। सम्पूर्ण श्रमण संस्कृति और सम्पूर्ण मानव समाज पर गुरुदेव की कृपा है। धरती पर बहुत से आचार्य हुए जिन्होंने जिनशासन के लिए बहुत कुछ किया लेकिन मेरे गुरुवर आचार्य विद्यासागरजी अपनी त्याग तपस्या और साधना के साथ-साथ मानवता के उत्थान के लिए, राष्ट्र के निर्माण के लिए, संस्कृति की रक्षा के लिए हर समय चिंतनमय रहते हैं। जिनके हर सांस में मानवता का हित दिखता हो। पंचम काल में मोक्ष की व्यवस्था तो नहीं पर जो सच्चे मन से इनकी शरण में आ जाता है उसका बेड़ा पार हो जाता है। गुरुदेव कहते हैं धन पाना, धन कमाना कोई बड़ी बात नही धन का सही नियोजन करके जीवन को धन्य बनाना सबसे बड़ी बात है। और आज पूरी दुनिया उनकी शरण में आकर जीवन को धन्य बना रही है। भक्तों के लिए तो गुरुकृपा और गुरुशरण ही सबसे बड़ा धन है। सबको जो मिला वो मुकद्दर से मिला, मुझे तो मेरा मुक़द्दर ही गुरुवर के दर पर मिला। इसी क्रम में मुनिश्री विराटसागरजी ने भी भजन- गुरु की छाया में शरण जो पा गया उसके जीवन में सुमंगल आ गया के माध्यम से अपने भाव प्रकट किए। गुरु को ब्रम्हा विष्णु महेश के समान बताते हुए कहा कि मैं आज जो कुछ गुरुकृपा से हूँ। इस अवसर पर आचार्यश्री विद्यासागजी महाराज ने कहा शिष्य अपने गुरु से दूर रहने पर शिकायत करते हैं, लेकिन इन शिकायतों में भी कुछ ना कुछ सीख होती है। हम अपना संदेश भेजने के लिए दूरभाष, कोरियर या पत्र का प्रयोग नहीं करते फिर भी हमारे संदेश शिष्यों तक पहुंच जाते हैं, जिसके बारे में या तो सिर्फ वो जानते है या सिर्फ हम। इससे पूर्व ज्येष्ठ मुनि प्रमाणसागरजी और मुनिश्री विराटसागरजी की आगवानी के लिए आचार्यश्री के संघस्थ मुनि और अपार जनसमुदाय गुराड़िया फांटे पर पहुंचा। धर्मध्वजा और जयकारों के बीच मुनिगणों की आगवानी हुई। सभी मुनि महाराजों ने आचार्यश्री की परिक्रमा लगाई। यह दृश्य देखकर देश-विदेश के आए हजारों श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। 1 dec 19 clipping 4.mp4 1 dec 19 clipping.mp4
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  3. मुम्बई 24 नवम्बर रविवार के दिन कृष्णा रिकॉर्डिंग स्टूडियो गोरेगांव में दिगंबर जैन मुनि आचार्य विद्यासागर के आधयात्मिक जीवन पर आधारित हिंदी फिल्म ‘अन्तर्यात्री महापुरुष’ का संगीतमय मुहूर्त बड़े ही भव्यता के साथ संपन्न हुआ। इस फ़िल्म के लिए संगीतकार सतीश देहरा ने अमित कुमार और अनुराधा पौडवाल के स्वर में गीत रिकॉर्ड किया जिसे सुधाकर शर्मा ने लिखा है। इसके अलावा फ़िल्म में सुधाकर शर्मा द्वारा रचित 9 गाने होंगे जिसे अनूप जलोटा, अरविंदर सिंह, पामेला जैन, रामशंकर और अगम निगम अपनी सुमधुर स्वर में गाएंगे। यह फ़िल्म शिरोमणि क्रिएशन के बैनर तले निर्मित होगी जिसके लेखक निर्देशक अनिल कुलचैनिया, संवाद लेखक भरत बेनीवाल और सह निर्माता उमेश मल्हार हैं। इस फ़िल्म में गजेंद्र चौहान विद्यासागर के माता पिता की भूमिका में गजेंद्र चौहान और किशोरी शहाणे विज होंगे साथ ही अलाइना भी महत्वपूर्ण किरदार निभाएंगी। निर्देशक अनिल कुलचैनिया ने बताया कि फ़िल्म में आचार्य विद्यासागर के शुरुआती जीवन से दीक्षा ग्रहण तक की गाथा को दर्शाया जाएगा। मैंने इस फ़िल्म के लिए लगभग दो वर्षों तक शोध कार्य किया है साथ ही जैन धर्म के अनुसार अपना जीवन व्यतीत कर रहा हूँ। फ़िल्म की शूटिंग आचार्य की जन्मस्थली कर्नाटक राज्य के बेलगांव जिले स्थित सदलगा से लेकर उनकी दीक्षा स्थली अजमेर (राजस्थान) के अलावा कई हिस्सों में की जाएगी। किसी महान इंसान की बायोपिक बनाना बड़ा ही चुनौतीपूर्ण कार्य है जिसके लिए मुझे बहुत तैयारी करनी है। आचार्य जी के युवावस्था के समय को ध्यान में रखते हुए सेट तैयार करना बड़ी जिम्मेदारी होगी। इस फ़िल्म की शूटिंग भी पूरी तरह से सात्विक ढंग से निपटाई जाएगी।आचार्य विद्यासागर जी की भूमिका के लिए ऐसे सशक्त अभिनेता की तलाश जारी है जो संत प्रवृत्ति का हो।आपको बता दें कि दिगंबर जैन मुनि आचार्य विद्यासागर का बचपन का नाम विद्याधर था। उन्होंने हाई स्कूल की पढ़ाई के बाद मात्र 22 वर्ष में सन्यास ले लिया था। अजमेर में उन्होंने आचार्य ज्ञानसागर से दीक्षा ग्रहण किये और त्याग, तपोबल से ये महान साधक जैन समाज के लिए पूजनीय बन गए हैं। मुनि विद्यासागर की बायोपिक 'अन्तर्यात्री महापुरुष' का मुहूर्त राज एक्सप्रेस। हाल ही में दिगंबर जैन मुनि आचार्य विद्यासागर के आध्यात्मिक जीवन पर आधारित हिंदी फिल्म 'अन्तर्यात्री महापुरुष' का संगीतमय मुहूर्त मुंबई में किया गया। फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर सतीश देहरा ने लीजेंडरी सिंगर अमित कुमार और अनुराधा पौडवाल के स्वर में फिल्म का एक गाना रिकॉर्ड किया। सुधाकर शर्मा ने लिखा है गाना : फिल्म में पूरे 9 गाने हैं, जिसे सुधाकर शर्मा ने लिखा है। फिल्म के बाकी गानों को अनूप जलोटा, अरविंदर सिंह, पामेला जैन, रामशंकर और अगम निगम जैसे सिंगर्स अपनी आवाज से सजाएंगे। फिल्म में अभिनेता गजेंद्र चौहान और किशोरी शहाणे विज के अलावा अलाइना भी महत्वपूर्ण किरदार में नजर आएंगी। फिल्म के डायरेक्टर अनिल कुलचैनिया ने फिल्म के बारे में बात करते हुए बताया कि, हमारी फिल्म आचार्य विद्यासागर के शुरुआती जीवन से लेकर दीक्षा ग्रहण तक की कथा को दिखाएगी। दो साल किया गया रिसर्च : फिल्म के लिए लगभग मैंने दो साल रिसर्च की है। इसके अलावा जैन धर्म के अनुसार इन दिनों अपना जीवन बिता रहा हूं। इस फिल्म की शूटिंग आचार्य विद्यासागर के जन्मस्थल कर्नाटक के अलावा राजस्थान के कई हिस्सों में भी की जाएगी। बता दें कि, शिरोमणि क्रिएशन के बैनर तले निर्मित फिल्म अन्तर्यात्री महापुरुष के राइटर और डायरेक्टर अनिल कुलचैनिया है। इसके अलावा फिल्म के संवाद लेखक भरत बेनीवाल और सह निर्माता उमेश मल्हार हैं। A Grand Musical Muhurat Of 'Anteryatri Mahapurush', A Biopic On Digambar Jain Muni Vidyasagar Held The grand musical muhurat of the Hindi film 'Anteryatri Mahapurush', based on the spiritual life of Digambar Jain Muni Acharya Vidyasagar was held at Krishna Recording Studio Goregaon on Sunday, 24 November. The music composer of the film, Satish Dehra, recorded a song sung by famous duo of Amit Kumar and Anuradha Paudwal which was written by veteran lyricist Sudhakar Sharma. Apart from this, the film will have 9 songs composed by Sudhakar Sharma which will be sung by well known singers like Anup Jalota, Ramshankar, Arvinder Singh, Pamela Jain and Agam Nigam. The casting of the film is under finalisation. The film will be made under the banner of Shiromani Creation and will be produced and directed by Anil Kulchainiya. Veteran journalist Shyam Sharma is the publicity in charge of the film. The film stars Gajendra Chauhan, Kishori Shahane and Alaina. Rest of the cast will be finalised soon. The film is co produced by Umesh Malhar and Bharat Bheniwal has written the dialogues.
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