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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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  1. Vidyasagar.Guru
    *एक प्रयोग - एक प्रयास* 
    1. एक अवसर दादा गुरु आचार्य ज्ञानसागर जी के बारे मे जानने का 
    2. @vidyasagar.guru Instagram एकाउंट के माध्यम से मिलकर गुरु प्रभावना करने का |
     
    *महाकवि आचार्य ज्ञानसागर प्रतियोगिता* 

    प्रश्न 1. *आचार्य श्री ज्ञानसागर जी की मुनि दीक्षा किस अतिशय क्षेत्र पर हुई थी* ?
     
    3. अपने *उत्तर आप नीचे दिये गये लिंक के कमेंट मे लिखें* और साथ मे अपने तीन जैन मित्रों को उत्तर के साथ टैग करें ! 
    https://www.instagram.com/p/ByFEznWlzLL/?igshid=1pzwao50ynlj1
    (*टैग करना अनिवार्य*)
     
    4. आपके उत्तर 31 मई रात्रि 9 बजे तक स्वीकृत होंगे !
    5. उपहार स्वरूप किसी एक विजेता को लक्की ड्रा द्वारा चुनेंगे, जिसे मिलेगा हथकरघा निर्मित श्रमदान ब्रांड का आकर्षक उपहार ! 
    6.आचार्य ज्ञानसागर जी के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी आचार्य श्री विद्यासागर मोबाइल ऐप (आचार्य परम्परा) मे उपलब्ध !
     
    *अगले प्रश्न को सबसे पहले प्राप्त करने के लिये Follow करना न भूलें*!
    https://www.instagram.com/vidyasagar.guru/
     
    आप कर  सकते हें प्रतियोगिता उपहार में सहयोग 
    https://vidyasagar.guru/donate/
  2. Vidyasagar.Guru
    आचार्य श्री के पास पहुँचे बिरला कोटा बूंदी सांसद ओम् बिरला जी॰एम॰ए॰ अध्यक्ष राकेश कुमार जैन के साथ आज वर्तमान के वर्धमान आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शनार्थ मध्यप्रदेश के जबलपुर पहुँचे।

    आचार्य श्री ने बिरला से चर्चा करते हुए कहा कि भारत में वर्षा के जल को बनाये रखने और धरती में जल को बनाए रखने के लिये नदियों को जोड़ेने की आवश्यकता हे जिस पर काम किया जाना चाहिये ऐसा करने से खेती, जानवर, पशु , पक्षी और मनुष्य सभी को पर्याप्त पानी मिल सकेगा और वर्षा से जो जल व्यर्थ बह जाता हे उसे अक्षुण रखा जा सकेगा। 
     
    आचार्य श्री ने बिरला से चर्चा करते हुए कहा कि विश्व में भारत ही शाकाहार के लिये जाना जाता हे और यह हमारी पहचान हे जिसे अक्षुण रखने की आवश्यकता हे दुनिया के कई देश शाकाहार को मानने लगे हे और भारत को दुनिया इसी वजह से विश्व गुरु मानेगी।

    बिरला ने कहा की मेरी भावना हे कि आचार्य श्री को भारत रत्न से नवाज़ा जाये इसके लिये मेने अपनी और से राष्ट्रपति महोदय को पत्र लिखा हे | और शीघ्र ही आचार्य विद्यासागर जी महाराज को भारत रत्न की उपाधि से अलंकृत किया जाना चाहिए।
  3. Vidyasagar.Guru
    मैं तो आत्मा हूँ,
    औरों से आत्मीयता,
    मेरी श्वास है।
     
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  4. Vidyasagar.Guru
    मुझे सँभाला,
    उन्हें दवा दुआ दूं,
    ऋण चुकाऊं |
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  5. Vidyasagar.Guru
    मोह से घिरे,
    आचरण से गिरे,
    पर से जले |
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  6. Vidyasagar.Guru
    उनके तीर,
    न तो डूबो अर्जुन,
    पाओ न तीर |
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  7. Vidyasagar.Guru
    विष का पान,
    समता सहित भी,
    अमृत बने |
     
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?  
     
  8. Vidyasagar.Guru
    उपयोग का,
    सही उपयोग हो,
    सही बात है |
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?  
  9. Vidyasagar.Guru
    दर्प देखने,
    दर्पण देखना क्या,
    बुद्धिमानी है ?
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  10. Vidyasagar.Guru
    जो जवान था,
    बूढ़ा होकर वह,
    पूरा हो गया |
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  11. Vidyasagar.Guru
    जिनसे मेरे,
    कर्म बंधे, फले वो,
    मित्र ही कैसे |
     
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  12. Vidyasagar.Guru
    जिनसे मेरे,
    कर्म धुले, टले वो,
    शत्रु ही कैसे |
     
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  13. Vidyasagar.Guru
    दो - दो पंख हो,
    राष्ट्रीय पक्षी बनो,
    पक्षपात धिक् |
     
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  14. Vidyasagar.Guru
    योग में देखा,
    कोलाहल मन का,
    नींद ले रहा |
     
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  15. Vidyasagar.Guru
    तरण नहीं
    "वितरण बिना हो"
    चिरमरण | (भूयोमरण)
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  16. Vidyasagar.Guru
    ममता से भी,
    समता की क्षमता,
    अमिता मानी
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  17. Vidyasagar.Guru
    लज्जा न बेचो
    "शील का पालन सो"
    ढीला ढीला न |
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  18. Vidyasagar.Guru
    महावीर स्वामी जन्म कल्याणक महोत्सव प्रतियोगिता का परिणाम
     
     
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 11, 12 एवं 13 का परिणाम
     
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 10 का परिणाम
     
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 9 का परिणाम
     
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 8 का परिणाम
     
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 7 का परिणाम
     
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 6 का परिणाम
     
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 4 का परिणाम
     
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 3 का परिणाम
     
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 2 का परिणाम
     
     
    प्रतियोगिता क्रमांक 1 का परिणाम
     
     
  19. Vidyasagar.Guru
    स्वराज सम्मान समारोह के तहत महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में जैन समाज के शीर्षस्थ संत आचार्य विद्यासागर के सानिध्य में “जरा याद करो कुर्बानी इस कार्यक्रम में देश के अमर शहीदों के वंशजों का श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र समिति खजुराह्य द्वारा सम्मान किया गया। इस अवसर पर सभी अमर शहीदों के साथ ब्रिटिश हुकूमत द्वारा की गई बर्बरता, उनकी फांसी आदि को लेकर डाक्यमेटी फिल्म भी दिखाई गई। जैसे ही डाक्यूमेंट्री फिल्म में अंग्रेजों की बर्बरता और देश के वीर सपूतों को फांसी देते दिखाया गया तो उनके वंशजों की आंखों से आंसू बहने लगे। कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गई। अंतिम बादशाह बहादुर शाह जफर के वंशज शाह मुहम्मद खान ने कहा कि बादशाह बहादुर शाह की अस्थियां रंगून में रखी हैं। मेरा आचार्य श्री से आग्रह है कि वह देश की सरकार से कहें कि अस्थियां वापस भारत लाई जाएं।
     
    राष्ट्र हित चिंतक परम पूज्य 108 आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महामुनि राज के अवचेतन में चलने वाले विचार चक्र को पकड़ने का प्रयास हमने इससे पहले सर्वोदय सम्मान 2018 के माध्यम से किया था, जिसमें देश के अलग अलग हिस्सों में नेपथ्य में काम करने वाले नायकों का सम्मान किया गया था, उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए खजुराहो में स्वराज सम्मान वर्ष 2018 का आयोजन किया गया |
     
    सम्मान का मुख्य उद्देश है कि देश की बाल युवा पीढ़ी अपने इतिहास से वाकिफ हो, उस बलिदान के इतिहास से जिसके कारण वे आज खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं, यह बाल युवा पीढ़ी आजादी के रणबांकुरों के बलिदान से प्रत्यक्ष अवगत हो और जाने की आजादी हमें बहुत आसानी से नहीं मिली थी इसके लिए लाखों जाने अनजाने लोगों ने अपने प्राणों की आहुति लगाई थी| याद करो बलिदान कार्यक्रम में 18 शहीद परिवारों को स्वराज सम्मान से सम्मानित किया गया है| इतिहास क्रम के माध्यम से चुने गए उदाहरण के तौर पर महाराणा प्रताप से लेकर श्रीकृष्ण सरल तक शहीदों में दक्षिण भारत की जैन रानी महादेवी अबबका चोटा भी शामिल है, जिन्होंने 6 बार पुर्तगालियों और अंग्रेजों को पराजित किया और मूड बद्री में अपनी रियासत को आजाद रखा तो दूसरी तरफ नेताजी सुभाष चंद्र बोस के निजी अंगरक्षक व ड्राइवर कर्नल निजामुद्दीन के सुपुत्र मोहम्मद अकरम को भी आमंत्रित और सम्मानित किया गया है| 21 अक्टूबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में आजाद हिंद सरकार का गठन किया गया ,उसके 75 वर्ष पूर्ण होने पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था जरा याद करो बलिदान कार्यक्रम की रूपरेखा उस समय बनी जब अपने एक उपदेश में उन्होंने कहा कि शरीर राष्ट्रीय संपदा है|
     
    सम्मान समारोह मे क्रांतिकारी बलिदानियों के वंशजो को सम्मानित किया गया जिनके नाम निम्न प्रकार है -
     

     
     
     
     
    इस स्वर्णिम अवसर पर आचार्य श्री के विशेष उद्बोधन सुनें -
     
     
  20. Vidyasagar.Guru
    आज
    आचार्य श्री 
     मुनिश्री दुर्लभसागर जी 
    मुनिश्री नीरोगसागर जी 
     मुनिश्री निश्चलसागर जी 
     मुनिश्री श्रमणसागर जी
     मुनिश्री संधानसागर जी
     
    के जबलपुर  में  हुए  केश लोच |
  21. Vidyasagar.Guru
    आज प्रतिभास्थाली / दयोदय जबलपुर में मआचार्य भगवन विद्यासागर जी महाराज के दर्शन करने पहुँचे..भारत के गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह एंव मध्य प्रदेश के भाजपा  अध्यक्ष राकेश सिंह..!!
    ● श्री राजनाथ सिंह ने गुरु पादप्रक्षालन को किया..!!
    ● दोनों नेताओं ने गुरु पूजन के साथ श्रीफल अर्पित किया..!!
    ● जैन समाज की ऒर से मध्य-प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया जी मौजूद रहें..!!
    ● करीब आधे घँटे तक चला गुरु जी से वार्तालाप..!!
    ● देश -प्रदेश के बड़े बड़े नेता समय समय पर गुरु चरणों में देते रहते हैं हाज़िरी..!!
     
     
    समाचार संकलन
    अक्षय रसिया,मड़ावरा

      
  22. Vidyasagar.Guru
    जय जिनेन्द्र,
    प्रसन्नता की बात है कि पूज्य गुरुवर आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के मुखारविन्द से निकली वाणी का संकलन किया जा रहा है। सन 1968 से लेकर सन 2015 तक की पुरानी आडियो, वीडियो कैसेट अथवा सीडी आदि आपके पास सुरक्षित रखी हो तो हमारे पास प्रेषित करने की कृपा करें। उन्हें आधुनिक तरीको से सुरक्षित कर, आपको आपकी कैसेट/सीडी आदि वापस करने के लिये हम वचनबन्द है।
    धन्यवाद
    अधिक जानकारी एवं कैसेट/सीडी आदि प्रेषित करने हेतु संपर्क करे।
    अशोक कुमार जैन 9923028808
    वरुण जैन 9424451179
    सौरभ ठोलिया 9694078989
    ई-मेल- vidhyavanisanklan@gmail.com
    पता-
    वरुण जैन
    C- 62, पदमनाभ नगर, प्रभात सर्कल के पास, भोपाल, म.प्र.-462023



  23. Vidyasagar.Guru
    समयसार का संपादन, स्वर्णाक्षरों में लेखन - आत्मा का सार जिसमें छुपा है ऐसे श्री समयसार ग्रंथराज का चांदी के पृष्ठों पर स्वर्णाक्षरों में लेखन का कार्य ब्र. भैया जी ने हज़ारों वर्षों के लिए जिनवाणी को सुरक्षित करने का पुण्य कार्य किया है। 
     
    प्रतिभास्थली जबलपुर - 9 अप्रेल 2019 को आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज के मंच से 11 किलो वजन वाले इस महान ग्रंथ को 11 लाख 11 हज़ार 111रू. की बोली के साथ ज्ञानदान के रूप में ब्र. विजयलक्ष्मी दीदी जी (भूतपूर्व डिप्टीकलेक्टर) ने इस युग के श्रेष्ठतम आचार्य श्री के करकमलों में भेंट करने का सौभाग्य प्राप्त किया। स्वयं गुरुवर ने इस की आयु दसलाख वर्ष बताई है। 
     

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