जयजिनेंद्र भैय्याजी आप जोभी प्रतियोगिता निकालते हैं तेलंगाना के कम ही पार्टिसिपेट करते हैं और वो मेहनत भी करते हैं पर जितनी भी प्रतियोगिता हुई उसमें कभी भी तेलंगाना का एक भी नहीं रहता हमदुसरो को प्रतियोगिता भरने कहे तो वो कहते हैं अपलोगइतने साल से कर रहे आपके कभी नं नहीं आते
ऐसा किसे भी इंटरेस्ट नहीं रहता आप स्टेट वाइज रिजल्ट निकाले तो सभी स्टेट को फायदा भी होगा और खुशी भी हमजबसे ये ग्रुप शुरू हुआ तबसे भाग ले रहे मेहनत पुरी करते हैं पर रिजल्ट देखकर निराश हो जाते हैं पर मन को समझा कर चलो इसी बहाने स्वाध्याय हो रहा नया सिखने मिल रहा सोचकर अपने आपसे ही समझौता करते हैं
आपको शायद पढ़कर अच्छा नहीं लगेगा इसलिए उत्तमक्षमा चाहती हुं
नमोस्तु गुरु देव आचार्य श्री के दिक्षादिवस की सभी बधाई और शुभकामनाएं
आचार्य श्री का स्वास्थ हमेशा अच्छा रहे, और हम सब पर उनकी छत्रछाया हमेशा बनी रहे यही मनोकामना है
आचार्य श्री को मेरे परिवार की ओर से शत् शत् नमोस्तु
नमोस्तु नमोस्तु गुरु देव
आज का प्रवचन प्रकृति और स्वभाव के विषय में है ,
प्रकृति के अनुसार जिस द्र्व्य का जो स्वभाव है उसी के अनुसार परिणमन होता है यह विषय उन्होंने अग्नि और जल का उदाहरण देकर समझाया है
कभी कभी
कोई द्र्दय में विपरित परिणामों होता है
नमोस्तु गुरु देव