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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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  1. Vidyasagar.Guru
    पिछले दिनों से हथकड़ी से हथकरघा की ओर बढ़ रहे हाथों की चर्चा है। जिसका शंखनाद केंद्रीय जेल सागर से हुआ और पूरे देश को आकर्षित कर रहा है। युवा पीढ़ी को हस्तक्षेप की बजाय हस्तकला में निपुण बनना होगा। कभी-कभी अनावश्यक हस्तक्षेप हमें हथकड़ी पहनने पर मजबूर कर देता है। हथकरघा से बने वस्त्र पहनने से हम न्याय व शांति प्रिय बन जाते हैं। यह बात आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ में आयोजित राष्ट्रीय हथकरघा संगोष्ठी के समापन पर कही। उन्होंने कहा कि जब देश में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में हिंदी बोलने पर दंड दिया जाता हो तो हम नए भारत का निर्माण कैसे कर सकते हैं। इससे पहले संगोष्ठी के दूसरे दिन का शुभारंभ प्रदेश के पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने किया। 

    उन्होंने कहा कि शासन की पर्यटन बेवसाइट पर आचार्यश्री के प्रकल्पों मंदिर व हस्तकला केंद्रों को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा। जहां-जहां आपके चरण पड़ते हैं, वहां हमेशा सकारात्मक परिवर्तन आ जाता है। ब्रह्मचारी संजीव भैया ने कहा कि हथकरघा के वस्त्र मंहगे हो सकते हैं लेकिन आपके स्वास्थ्य से बढ़कर नहीं हैं । आदिवासी इलाकों में चल रहे चरखा प्रशिक्षण का कार्य देख रहीं नीरज दीदी ने कहा कि आचार्यश्री की भावना से 1999 में प्रतिभामंडल का उदय हुआ, जिसमें आज 300 बहने समर्पण भाव से कार्य कर रही हैं। रविशंकर वार्ड सागर में संचालित हथकरघा के संचालक प्रदीप जैन ने कहा कि हथकरघा कुटीर उद्योग के क्षेत्र में सागर देश में अलग स्थान बनाने जा रहा है। संगोष्ठी में रूबी दीदी ने कहा कि यदि पावरलूम पांच परिवारों को रोजगार देता है तो उतने उत्पादन के लिए हथकरघा सौ परिवारों को रोजगार देता है। संचालन डॉ. रेखा जैन ने एवं आभार ब्रह्मचारी सुनील भैया ने माना। इस माैके पर न्यायाधीश अरविंद जैन, एमके जैन , शुभम मोदी, जेलर मदन कमलेश, डिप्टी जेलर नागेंद्र चौधरी, महेश बिलहरा, प्रकाश बहेरिया, आनंद स्टील, वीरेंद्र मालथौन, डॉ. नीलम जैन अादि मौजूद थे। 
    भास्कर संवाददाता | सागर 

    पिछले दिनों से हथकड़ी से हथकरघा की ओर बढ़ रहे हाथों की चर्चा है। जिसका शंखनाद केंद्रीय जेल सागर से हुआ और पूरे देश को आकर्षित कर रहा है। युवा पीढ़ी को हस्तक्षेप की बजाय हस्तकला में निपुण बनना होगा। कभी-कभी अनावश्यक हस्तक्षेप हमें हथकड़ी पहनने पर मजबूर कर देता है। हथकरघा से बने वस्त्र पहनने से हम न्याय व शांति प्रिय बन जाते हैं। यह बात आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने भाग्योदय तीर्थ में आयोजित राष्ट्रीय हथकरघा संगोष्ठी के समापन पर कही। उन्होंने कहा कि जब देश में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में हिंदी बोलने पर दंड दिया जाता हो तो हम नए भारत का निर्माण कैसे कर सकते हैं। इससे पहले संगोष्ठी के दूसरे दिन का शुभारंभ प्रदेश के पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने किया। 

    उन्होंने कहा कि शासन की पर्यटन बेवसाइट पर आचार्यश्री के प्रकल्पों मंदिर व हस्तकला केंद्रों को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा। जहां-जहां आपके चरण पड़ते हैं, वहां हमेशा सकारात्मक परिवर्तन आ जाता है। ब्रह्मचारी संजीव भैया ने कहा कि हथकरघा के वस्त्र मंहगे हो सकते हैं लेकिन आपके स्वास्थ्य से बढ़कर नहीं हैं । आदिवासी इलाकों में चल रहे चरखा प्रशिक्षण का कार्य देख रहीं नीरज दीदी ने कहा कि आचार्यश्री की भावना से 1999 में प्रतिभामंडल का उदय हुआ, जिसमें आज 300 बहने समर्पण भाव से कार्य कर रही हैं। रविशंकर वार्ड सागर में संचालित हथकरघा के संचालक प्रदीप जैन ने कहा कि हथकरघा कुटीर उद्योग के क्षेत्र में सागर देश में अलग स्थान बनाने जा रहा है। संगोष्ठी में रूबी दीदी ने कहा कि यदि पावरलूम पांच परिवारों को रोजगार देता है तो उतने उत्पादन के लिए हथकरघा सौ परिवारों को रोजगार देता है। संचालन डॉ. रेखा जैन ने एवं आभार ब्रह्मचारी सुनील भैया ने माना। इस माैके पर न्यायाधीश अरविंद जैन, एमके जैन , शुभम मोदी, जेलर मदन कमलेश, डिप्टी जेलर नागेंद्र चौधरी, महेश बिलहरा, प्रकाश बहेरिया, आनंद स्टील, वीरेंद्र मालथौन, डॉ. नीलम जैन अादि मौजूद थे। 

    केंद्रीय जेल में 108 हथकरघा से 1600 कैदी जुड़ेंगे राेजगार से, जेल से छूटने पर हर कैदी काे मिलेगा एक हथकरघा 

    सागर | केंद्रीय जेल सागर में हथकरघा केंद्र शुरू किए जाने के उपलक्ष्य में भाग्योदय तीर्थ में अाचार्यश्री विद्यासागर महाराज के ससंघ सानिध्य में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का रविवार को समापन हो गया। समापन सत्र में देश के विभिन्न राज्यों से आए जेल अधिकारियों ने अपने-अपने यहां के अनुभव शेयर किए। केंद्रीय जेल सागर के जेल अधीक्षक राकेश बांगरे ने बताया कि सागर जेल में वर्तमान में करीब 1600 बंदी हैं। यह जेल में लग गए 108 हथकरघा के माध्यम से रोजगार से जुड़ेंगे। इतना ही नहीं अब यह भी निर्णय लिया गया है कि जो भी कैदी अपनी सजा पूरी होने के बाद रिहा होगा उसे एक हथकरघा दिया जाएगा। जिससे वह अपना और अपने परिवार का भरण-पाेषण कर सके। साथ ही वापस अपराध की दुनिया में कदम रखने के लिए भी विवश न होना पड़े। उन्होंने स्पष्ट किया कि हथकरघा केंद्र शुरू करने के पीछे जेल की कोई आय बढ़ाने का इरादा नही है। बल्कि कैदियों में श्रम की भावना पैदा कर आजीविका चलाने का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि आचार्यश्री की प्रेरणा और आशीर्वाद से सागर जेल का हथकरघा केंद्र प्रदेश ही नहीं देश में आर्दश का केंद्र होगा। उन्होंने कहा कि जेलों में हथकरघा और गौशाला का संचालन तो लगभग शुरुआती दौर से हो रहा है। सागर जेल के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि 1843 मेें सागर की जेल बनी थी जो कि 1999 में केंद्रीय जेल के रूप में तबदील हुई। केंद्रीय जेल में वर्तमान 1600 बंदी हैं। जो कि सागर संभाग के तीन जिलों की 10 जेलों से आये है। सागर में मेरी पदस्थापना के बाद आचार्यश्री की प्रेरणा से 27 लूम शुरू किए थे। उस समय इनमें 50 आजीवन कारावासी ही इन हथकरघा को चला रहे थाे, अब सबकाे प्रशिक्षण देने का काम किया जाएगा। खजुराहो में हुई संगोष्ठी के बाद विशाल क्षेत्र में 108 हथकरघे दानदाताओं के सहयोग से शुरू किए गए हैं। जो कैदियों के जीवन में बदलाव में मील का पत्थर साबित होंगे। इस दौरान अन्य राज्यों के जेल अधिकारियों ने भी अपने यहां इसी पैटर्न पर काम करने की बात कही। 

    जेल अधीक्षक बोले- बंदियों में आ रहा है बदलाव, इधर लाेगाें ने लिया हथकरघा के वस्त्र पहनने का संकल्प 

    केंद्रीय जेल सागर के जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने जेल में हथकरघा की स्थापना व विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आचार्य महाराज की कृपा से जो सकारात्मक बदलाव हमारे बंदी भाईयों में आया है। उसे देखकर विभिन्न जेलों के अधिकारियों ने सराहा एवं अनुसरण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सागर जेल में रात्रि भोजन का निषेध हो गया जिससे बंदियों के स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ रहा है। संगोष्ठी के प्रवक्ता वीरेंद्र मालथौन ने बताया कि जब सूती कपड़ों पर मटन येलो का घोल दिखाकर कपड़े को दिखाया तो अनेक लोगों ने हथकरघा वस्त्र पहनने का संकल्प लिया। रविवारीय सभा में आचार्य संघ की उपस्थिति में उपस्थित जन समुदाय ने पुलवामा में हुए शहीदों के सम्मान में दो मिनिट का मौन किया गया। 
  2. Vidyasagar.Guru
    हथकरघा पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी 16,17 फरवरी काे भाग्योदय तीर्थ में, देश के कई राज्यों के जेल अधिकारी आएंगे
     
    आचार्य विद्यासागर महाराज की स्वर्णिम योजना हथकरघा एक सामाजिक क्रांति को राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान करने अाैर जेल में रह रहे कैदियों के पुनर्वास के लिए भाग्योदय तीर्थ में आचार्य संघ के सानिध्य में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का 16 अाैर 17 फ़रवरी को आयोजित की जाएगी। कार्यक्रम प्रभारी ब्रम्हचारी डॉ. रेखा जैन, प्रवक्ता वीरेन्द्र मालथौन ने बताया कि संगोष्ठी में दिल्ली, हरियाणा , उत्तर प्रदेश , झारखंड , महाराष्ट्र , छत्तीसगढ़ के साथ मध्यप्रदेश के वरिष्ठ जेल अधिकारी इस संगोष्ठी में शामिल होंगे। 

    योगेश जैन ने बताया कि समारोह में पूर्व राष्ट्रपति भारत र| प्रणव मुखर्जी , केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह , मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ अन्य राज्यों के गृह व जेल मंत्रियों को आमंत्रित किया गया है। डॉ नीलम जैन अाैर डॉ राजा जैन का कहना है कि कार्यक्रम चार सत्रों में अायाेजित किया जाएगा। पहले दिन 16 फरवरी काे उद्घाटन सत्र के बाद प्रथम सत्र में हथकरघा से होने वाले लाभ व वस्त्रों का प्रदर्शन होगा । दूसरे दिन 17 फरवरी काे दूसरे सत्र में क़ैदियों को हो रहे मानसिक अाैर आर्थिक लाभ की जानकारी अाैर पुनर्वास, कौशल योजना के लाभ के बारे में चर्चा हाेगी इसी दिन समापन सत्र भाी होगा । 

    संगाेष्ठी हथकरघा क्षेत्र में उद्यम स्थापित करने वाले युवा व्यवसायियों को भी आमंत्रित किया गया ।आचार्य श्री की प्रेरणा व आशीर्वाद से हर गांव काम, हर हाथ काम योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे वस्त्रों को श्रमदान नाम दिया गया है। जेल अधीक्षक राकेश बांगरे अाैर जेलर मदन कमलेश के साथ केन्द्रीय जेल के सभी अधिकारी भी जेल की व्यवस्थाओं अाैर हथकरघा केन्द्र की व्यवस्था में लगे हुए हैं। 
     
    पूजन करते समय सावधान रहे, चावल का एक कण भी नीचे नहीं गिरना चाहिए : आचार्यश्री 
     
    सागर | आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने बुधवार काे भाग्योदय परिसर में धर्मसभा में कहा कि पूजा में जिस समय जो अर्ध्य चढ़ाना चाहिए वह चढ़ाएं, इससे कर्मों की निर्जरा होती है। पूजन करते समय हमेशा सावधानी बरतना चाहिए। चावल का एक कण भी नीचे नहीं गिरना चाहिए। आचार्य श्री ने कहा भक्ति कैसे करना है। पूजन कैसे करना है। यह आपको मन लगाकर करना चाहिए। पूजन करना आपको अच्छे तरीके से सीखना पड़ेगा। अर्ध और बिखराते हैं गली गली, ऐसा नहीं होना चाहिए। समय का अपव्यय नहीं करना चाहिए बल्कि समय का उपयोग अच्छे कामों में करना चाहिए। एक मेंढक की कहानी सुनाते हुए आचार्य श्री ने कहा कि एक कुएं में 1 मेंढक रहता था उसने ऊपर दो व्यक्तियों की आवाज सुनी कि आज यहां पर भगवान आ रहे हैं उसका भी मन हुआ दर्शन करने का और वह कुएं से बाहर आकर जिस तरफ लोग जा रहे थे वह उसी तरफ बढ़ता गया लेकिन छोटा होने से किसी वाहन ने उसके ऊपर से निकाल दिया और उस मेंढक की यात्रा समाप्त हो गई। 
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    मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमरकंटक में आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शन करने के बाद ट्वीट किया...
    आचार्यश्री विद्यासागर जी अद्भुत संत हैं। वे केवल जैन धर्म के नहीं, राष्ट्र के संत हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि हम अपने नेत्रों से उनके दर्शन कर पा रहे हैं।
    आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज करोड़ों लोगों को धर्म और मोक्ष का मार्ग दिखा रहे हैं। जो सनातन भारतीय परंपरा है, उस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए और महावीर स्वामी जी ने जो राह दिखाई है, उस पर चलने के लिए जन-जन को प्रेरित कर रहे हैं। गुरुदेव के कक्ष में पहुंचकर उन्हें श्रीफल समर्पित किया और आशीर्वाद प्राप्त किया इस अवसर पर आचार्य भगवान से उन्होंने कुछ विषयों पर चर्चा भी की और बाद में कहा गुरुदेव आपके दर्शन पाकर के मैं धन्य हो जाता हूं और दुगनी ऊर्जा प्रदेश के विकास के लिए आ जाती है। कक्ष में निर्यापक मुनि प्रसादसागर महाराज, मुनि श्री चंद्रप्रभसागर महाराज, मुनि श्री निरामयसागर महाराज और प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी विनय भैया बंडा उपस्थित थे इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित मंदिर को देखा और खूब प्रशंसा की बाद में जीव दया के पुरस्कार वितरण के लिए पहुंचे जहां पर दयोदय महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमचंद प्रेमी और उनकी टीम ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। और पुरस्कार के लिए चयनित गौशालाओं के लिए उन्होंने पुरस्कार दिए
     
     


     
     
     
     






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    आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने गौरझामर में एक धर्म सभा के दौरान कहा कि रंग देखकर भी रंग बदल जाता है। दान देने वालों को देख कर दान देने के भाव भी बन जाते हैं। छोटे-छोटे बच्चे जिन्हें हम चिल्लर पार्टी कहते हैं। उन्होंने भी हमारी अगवानी की है। खूब जयकारा लगाया है। बहुत पुण्यात्मा जीव होंगे। आचार्यश्री ने कहा छोटे-छोटे बच्चे सर्दी में भी सुबह से हमारा नाम लेकर जयकारा लगाते हैं। 

    उन्होंने कहा कि मूक पशुओं की रक्षा के लिए आपके ग्राम में गौशाला बनकर तैयार हुई है। आप लोगों को अच्छे ढंग से उसकी देखभाल करना है। ऐसा मौका कम लोगों को मिलता है जो मूक पशुओं की सेवा करें। आचार्यश्री की अगवानी गौरझामर केसली सुरखी, रहली, चांदपुर, सागर, महाराजपुर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र सहित बीना बारह क्षेत्र कमेटी के पदाधिकारियों ने की। गौरझामर में विराजमान आर्यिका विज्ञानमति माताजी ने भी ससंघ आचार्य भगवन की अगवानी की और तीन परिक्रमा लगा कर आचार्य श्री को नमोस्तु किया और आशीर्वाद लिया। आर्यिका विज्ञानमति माताजी इन दिनों गौरझामर में विराजमान हैं। 

    आचार्यश्री ससंघ पहुंचे गोपालपुरा, गुरूवार को देवरी में अगवानी 

    गौरझामर में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज की बुधवार की आहारचर्या के बाद आचार्य संघ का दोपहर 1.30 बजे बिहार देवरी की ओर हो गया। 8 किलोमीटर चलकर रात्रि विश्राम ग्राम गोपालपुरा में हुआ। गुरूवार सुबह 8.30 बजे देवरी में अगवानी होगी। आहारचर्या भी देवरी में ही होने की संभावना है। गौरझामर में आचार्यश्री की आहार चर्या का सौभाग्य ब्रह्मचारी मयूर भैया, अशोक बजाज, ब्रह्मचारी राहुल, भैया रविंद्र जैन को मिला। गौरझामर में आचार्य श्री के पाद प्रच्छालन करने का सौभाग्य जबलपुर निवासी कमला जैन, सविता जैन, प्रिंस गुलशन जैन, अखिलेश नवाब स्नेहा जैन, हर्ष केजल जैन को मिला। आचार्य श्री को शास्त्र भेंट जिनेंद्र जैन, नीलेश जैन ने किया। दान में प्राप्त राशि को दयोदय गौशाला गौरझामर में देने की घोषणा की गई गौशाला के अध्यक्ष कलू चौधरी ने बताया पूरी गौशाला तैयार हो गई है गौशाला की 5 एकड़ जमीन जिनेश जैन, दिलीप जैन, अमर जैन द्वारा दी गई है। कार्यक्रम का संचालन मुकेश जैन ढाना ने किया। 
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    राष्ट्रहित चिंतक, आचार्यश्री विद्यासागर जी महामुनिराज के आशीर्वाद, मार्गदर्शन  से सुशोभित पुस्तक 
     

     
     
    प्रस्तुती (संकलन): डॉ. ब्र● भरत भैया
    प्रकाशक: जैन विद्या पीठ 
    प्राप्ति स्थान  जैन विद्यापीठ
     
     
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    हमारी मातृभाषा, का अवलोकन करते पूज्य आचार्यश्रीजी
     
     
     
  6. Vidyasagar.Guru
    हमें वस्तु स्थिति को स्वीकार करना चाहिए, इससे लोगों का भ्रम दूर हो जाता है. आचार्य विद्यासागर
    आप लोगों को कुछ बातों के ऊपर विश्वास नहीं होता है, अथवा समझ में नहीं आता है। कार्य देखकर कहने लगते हो कि देव चमत्कार है या कोई जादू टोना है या फिर शंका होने लगती है हमें वस्तुस्थिति को स्वीकार करना चाहिए उसे दृढ़ श्रद्धान करके अपना लेना चाहिए वस्तुस्थिति की जानकारी होने पर लोगों का भ्रम दूर हो जाता है। यह बात भाग्याेदय में विराजमान आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने गुरुवार काे धर्म सभा में कही। आचार्य श्री ने कहा की दो महिलाएं थी। एक कर्म सिद्धांत पर भरोसा करती थी तो दूसरी महिला थोड़ा यूं ही पर विश्वास करती थी एक दिन महिला ने देखा एक राजा पहले हाथी पर फिर घोड़े पर सवार होता है फिर पालकी पर सवार होता है और जब वह पालकी से उतरता है तो दो चार लोग उसके पांव दबाने लग जाते हैं तो दूसरी सखी पहली से कहती है यह क्या नाटक हो रहा है। पांव तो उनके दबाने चाहिए जिन्होंने पालकी उठाई है यह कब थके, यह चले ही नहीं कहां से थक गए होंगे। 

    आचार्य श्री ने कहा कि कर्म सिद्धांत को जाने वाली महिला ने कहा कि यह पूर्व में मुनि महाराज थे उस समय उन्होंने कठिन तप किया था भूमि पर शयन किया था उपवास किए थे गाड़ी में नहीं बैठे कभी पैदल विहार करते रहै। आचार्य श्री ने कहा यहां से स्वर्ग में जाते हैं वहां थकना आदि कुछ नहीं होता है फिर एक एक देव के अनेक सेवक होते हैं जो दिन-रात सेवा ही करते रहते हैं किंतु सम्यक दृष्टि उन सब में कभी रुचि नहीं लेता है जैसे-जैसे अध्यात्म के निकट पहुंचते हैं वैसे वैसे भोग विलास पैर चूमने आती है। 
     
    आचार्य श्री का पूजन क्षमा सागर महिला मंडल ने किया। आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन हुअा। 
    सहस्त्र कूट जिनालय के लिए प्रतिमा विराजमान करने की घोषणा कर्इ लाेगाें द्वारा की गर्इ। कार्यक्रम का संचालन मुकेश जैन ढाना और सुरेंद्र मालथोन ने किया 
     

     
    सहस्त्र कूट जिनालय का भूमि पूजन किया गया 
    भाग्योदय तीर्थ परिसर में आचार्य श्री के आशीर्वाद से बनने वाले सर्वतोभद्र जिनालय के सामने स्थित सहस्त्रकूट जिनालय का भूमि पूजन गुरुवार को दोपहर 3.30 बजे आचार्य श्री के ससंघ सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी विनय भैया ने कराया। सहस्त्रकूट जिनालय में 1008 प्रतिमाएं विराजमान होना हैं। जिनमें 12 प्रतिमाएं बड़ी अाैर शेष 996 छोटी प्रतिमाएं विराजमान होंगी। सहस्त्रकूट जिनालय के निर्माण के लिए प्रेमचंद संध्या जैन सौरभ रूही जैन गौरव अनामिका और नीरज पायल जैन के परिवार में नीव से लेकर शिखर तक का निर्माण कराने की घोषणा की है। इसी परिवार ने आज शिलान्यास की प्रथम शिला विधि विधान के साथ रखी इस अवसर पर सर्वतोभद्र जिनालय और निर्माण कमेटी के सभी सदस्य उपस्थित थे । कुल 97 मुनि महाराज और माता जी के सानिध्य में यह शिलान्यास हुआ। 
  7. Vidyasagar.Guru

    सूचना
    नेमावर ,26 अप्रैल 2021
    युग शिरोमणि आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज के भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव पर मंगल प्रवचन हुए तो उन्होंने कोल्ड स्टोरेज सिस्टम पर अपनी चिंता जताते हुए कहां कि इनसे निकल कर आ रहे फल सब्जी जहरीले है।अन्न जब 3-4 महीने गर्मी को सहन करता है तब खाने योग्य बनता है। 
     
     
    तब उक्त बातों को सुनकर उनके शिष्यों ने गुरु मार्ग का अनुशरण किया और *आजीवन हरी यानि हरे फल सब्जियों का त्याग कर दिया*
    मुनिश्री नेमिसागर जी,
    मुनिश्री निरामयसागरजी, 
    मुनिश्री निर्भीकसागरजी,
    मुनिश्री निर्मदसागरजी, 
    मुनिश्री श्रमणसागरजी,
    मुनिश्री संधानसागरजी ,
    ऐलक उपशमसागरजी
    साधु वृन्दो ने आजीवन हरी का त्याग किया। ऐसे साधकों के चरणों मे कोटिशः नमन इससे ही प्रसंग से संदर्भित गुरु जी का संस्मरण है आइए जानते है
    🌈🌈 *हरी नहीं, हरि का नाम लेता हूँ -* सन् १९९३, रामटेक, नागपुर, महाराष्ट्र वर्षायोग के दौरान दशलक्षण पर्व में आचार्यश्रीजी ने हरी सब्जी एवं फलों का त्याग कर दिया। दशलक्षण पर्व पूर्ण होने पर भी जब उन्होंने हरी लेना आरंभ नहीं किया, तब एक दिन ईर्यापथ भक्ति के बाद मुनि श्री प्रमाणसागरजी ने आचार्यश्रीजी से निवेदन किया- ‘आचार्यश्रीजी ! दशलक्षण तो पूर्ण हो गये और आप अभी भी हरी नहीं ले रहे हैं?' आचार्यश्रीजी बोले- ‘जो छोड़ दिया, फिर उसको क्या लेना।'
    इतनी अल्पवय में हरी छोड़ने का विकल्प सभी संघ को हुआ। एक बार किन्हीं आर्यिकाओं ने गुरुदेव से कहा कि आपने इतनी जल्दी सभी प्रकार की हरी का त्याग क्यों कर दिया? आचार्यश्रीजी बोले-‘हरी का त्याग किया, पर हरि (भगवान्) का नाम तो लेता हूँ।
    *✍🏻शुभांशु जैन शहपुरा*
     
     
     
     
  8. Vidyasagar.Guru
    प्रतियोगिता मे भाग लेने की अंतिम तिथि 
    28 आकटूबर 2023 क्योंकि विदेश मे भी भाग लिया जा रहा हैं - भारतीय समय अनुसार 29 आकटूबर  प्रातः  5 बजे तक भाग ले सकेंगे 
     
     
    प्रतियोगिता प्रश्न पत्र ( गूगल फॉर्म ) जिसपर आप उत्तर लिखेंगे  उत्तर खोजने के लिए प्रश्न पत्र pdf   उत्तर प्राप्त सूची पंजीकरण लिंक pdf डाउनलोड करें  
    z
     

  9. Vidyasagar.Guru
    प्रमाण पत्र निम्न लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं 
    https://docs.google.com/spreadsheets/d/1pIJKqZm2kGplPk0UAP-oK1I4SqG0vh3NABvJaM_HIZY/edit?usp=sharing
     
    अंक सूची 
     
     
     
     
    हाइकु प्रतियोगिता परिणाम सूची डाउनलोड करें 
    आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएँ 
     
    सभी के अंक 5 नवंबर के बाद इसी लिंक पर अपलोड होंगे 
     
    सभी विजेताओं को 5 नवंबर को डोंगरगढ़ से उपहार प्राप्त होंगे 
    सभी टिकट शीघ्र कराएँ 
     
     
     
  10. Vidyasagar.Guru
    छुईखदान छत्तीसगड में 
    संत शिरोमणी गुरुदेव श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ के पावन सानिध्य मे छुईखदान मे मानस्तंभ मे श्री जी को विराजमान किया
     
     
     
     
  11. Vidyasagar.Guru
    🙏🏻श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चन्द्रगिरि डोंगरगढ़ में विराजमान मुनि संघ में निर्यापक श्रमणों से प्राप्त निर्देशानुसार अधिकृत सूचना यह है कि दिनांक 25 फरवरी रविवार के निर्धारित कार्यक्रम के बाद मुनि संघों के विहार कुंडलपुर सिद्ध क्षेत्र की ओर होने की संभावना है।
    वहां पर आचार्य श्री के द्वारा दीक्षित श्रमण संघ एवं आर्यिका संघों की उपस्थिति में होने वाले आचार्य पद प्रतिष्ठापना की सूचना  सभी निर्यापक श्रमणों एवं वरिष्ठ मुनिराजों की सहमति से दिनांक सहित यथा समय समस्त समाज बंधुओं को सूचित कर दी जाएगी।
    अतएव अनधिकृत सूचनाओं पर ध्यान न दें।?>

     
    अध्यक्ष  किशोर जैन  9425563160
    कार्याध्यक्ष विनोद बड़जात्या 9425252525 
    महामंत्री चंद्रकांत जैन 9407909950
     
     
    ?>
  12. Vidyasagar.Guru
    🔔गुरु जी के आशीर्वाद से तेंदूखेड़ा पंचकल्याणक की  तिथि घोषित🔔
    आचार्य भगवन गुरुवर  विद्यासागर जी महाराज ससंघ के मंगल सानिध्य में आज तेंदूखेड़ा पंचकल्याणक की तिथि घोषित हुई।
    9 दिसम्बर से  15 दिसम्बर 2021 तक 
    📞सूचना साभार - शुभांशु जैन शहपुरा
  13. Vidyasagar.Guru
    ༺✿श्री. मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक जिनबिम्ब प्रतिष्ठा महामहोत्सव, तिल्दा नेवरा ✿༻
       👑 प्रमुख पात्रों का चयन👑
    🪷 तिल्दा नेवरा, जिला रायपुर (छत्तीसगढ़) 🪷
              ५ दिसंबर २०२३, दिन- मंगलवार
               समय- दोपहर :- ०१ बजे से
               ●●●●●●●●●●●●●●                                              
                                               
    ●▬▬▬▬🚩❖✹❖🚩▬▬▬▬●
           📯💫  युग श्रेष्ठ, संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर श्री १०८ विद्यासागर जी महामुनिराज एवं ससंघ के मंगल सानिध्य में
    प्रतिष्ठासम्राट बा.ब्र. विनय भैय्याजी के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में तिल्दा नेवरा जिला रायपुर (छत्तीसगढ़) में 🌈श्री. मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक जिनबिम्ब प्रतिष्ठा महामहोत्सव🌈 दिनांक ०९ दिसंबर से १५ दिसंबर २०२३ तक होने वाला है।
     
    👑प्रमुख पात्रों का चयन👑
    🗓️०५ दिसंबर २३ को🗓️
     🕐दोपहर ०१ बजे से🕐
    ➡️ कार्यक्रम स्थल:-तिल्दा नेवरा  ( छत्तीसगढ़) 
    पात्र चयन स्विकृती के लिए एवं बाकी स्विकृती के लिए संपर्क करे
    📲संपर्क सूत्र📲
     मनीष जैन
    📲9425531401
     मनोज जैन
    📲9300033375
    📲9425514411
      शैलेश जैन
    📲9300855266
      गौरव जैन
    📲9329966666
     
  14. Vidyasagar.Guru
    बिग ब्रेकिंग.. 5 फरवरी 22. 
    विश्ववंदनीय कुंडलपुर के बड़े बाबा श्री आदिनाथ भगवान के नए जिनालय का पंचकल्याणक गजरथ महामहोत्सव का आयोजन दिगंबर मानसरोवर के राजहंस, मेरे गुरुवर मेरे भगवन आचार्य गुरुदेव श्री 108 विद्यासागर महाराज के ससंघ सानिध्य में 12 फरवरी से 22 फरवरी 2022 तक होंगे।
    सूचनाकर्ता 
    संतोष सिंघई अध्यक्ष नवीन निराला महामंत्री रेशु सिंघई समन्वयक कुंडलपुर पंचकल्याणक
     🙏🙏🙏🙏🙏
     
  15. Vidyasagar.Guru
    21 / 12 / 22 
     
     
    20 दिसम्बर 22 - 
     
     
     
     
     
     
     
     
     
    ⛳आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के गृहस्थ जीवन के ज्येष्ठ भ्राता श्री महावीरजी जैन अष्टगे की भी दीक्षा होने वाली है जो सलग्न वीडियो में गुलाबी रंग की पगड़ी में दिखाई दे रहे हैं
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

    शिरपुर जैन में रचने जा रहे इतिहास में एक और इतिहास जुड़ गया 
     ✨☀️संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के गृहस्थावस्था के बड़े भाई ब्रा महावीर भैया अष्टगे की मुनि दीक्षा होने जा रही है
    साथ ही 21 ब्रह्मचारी भाईयो की क्षुल्लक दीक्षा होने जा रही है
    आज शाम 6 बजे सभी की बिनोली निकली जाएगी
    एवं कल दोपहर 2 बजे से दीक्षा समारोह आयोजित होगा
    ज्ञात हो अष्टगे परिवार के अंतिम सदस्य के रूप में महावीर भैया घर पर रहे , आप के तीनों अनुज भाई आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज , निर्यापक श्रमण श्री समय सागर जी महाराज , निर्यापक श्रमण श्री योग सागर जी महाराज है 
    कुछ माह पूर्व निर्यापक श्रमण श्री वीरसागर जी महाराज के संघ में आप साधना रत थे ।
    ✍️✍️ शुभांशु जैन शहपुरा
     
     
    19 दिसम्बर 2022 
     शिरपूर जैन अपडेट🛕
    अंतरिक्ष पार्श्वनाथ शिरपूर जैन में प्रथम बार में युग श्रेष्ठ, संत शिरोमणि आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के कर कमलों से बुधवार २१ दिसंबर २२ को दोपहर २ बजे दीक्षाएं होनी है। 
    📿संभावित दीक्षार्थियों के नाम📿
    १) ब्र. नितेश भैय्याजी, बागीदौरा
    २) ब्र. यशपाल (गोलू) भैय्याजी, दमोह
    ३) ब्र. सौरभ (गोलू) भैय्याजी, जबलपुर
    ४) ब्र. सौरभ (बम्बू) भैय्याजी, सिलवानी
    ५) ब्र. शुभम भैय्याजी, सागर
    ६) ब्र. श्रमण कुमार (लक्की) भैय्याजी, दमोह
    ७) ब्र. अंकित भैय्याजी, जबलपुर
    ८) ब्र. शेलू भैय्याजी, कटंगी
    ९) ब्र. स्वतंत्र (बौद्धिक) भैय्याजी, विदिशा
    १०) ब्र. संजय भैय्याजी, पटना
    ११) ब्र. किरीट (गोनू) भैय्याजी, खातेगाव
    १२) ब्र. अभिषेक भैय्याजी, गोटेगांव
    १३) ब्र. पुनीत भैय्याजी, सागर
    १४) ब्र. जयेश भैय्याजी, वर्धा
    १५) ब्र. चंद्रप्रकाश (C.P.) भैय्याजी, ग्वालियर
    १६) ब्र. मधुर भैय्याजी, गंज बासौदा
    १७) ब्र. विक्रम भैय्याजी, जबलपुर
    १८) ब्र. बृजेन्द्र भैय्याजी, भोपाल
    १९) ब्र. दीपक भैय्याजी, मड़ावरा
    २०) ब्र. महावीर भैय्याजी, सदलगा
    २१) ब्र. सोनू भैय्याजी( भूषण), कारंजा लाड
    २२) ब्र. खुशाल भैय्याजी, पथरिया
    २३) ब्र. गोल्डी भैय्याजी, सहरानपुर
    २४) ब्र. रोहित भैय्याजी, बडौत
    इसमें और भी नाम बढ़ने की संभावना है।
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    ✒️संकलन:-
    संतोष पांगळ जैन, मुरुड
    श्रीकांत संघई जैन, पुसद
    मयूर पांगळ जैन, सेनगाव
     
     
     
     
    18 दिसम्बर 2022 
    🔥🔥🔥शिरपुर जैन अपडेट
    🥁🥁शिरपुर में रचने जा रहा इतिहास🥁🥁
    21 दिसंबर 2022,बुधवार का दिन  होगा बेहद खास
    ☀️शिलान्यास एवं  गुरुदेव के कर कमलों से होगी दीक्षाएँ सम्पन्न☀️
    🌟युग शिरोमणि आचार्य गुरुदेव श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य में अतिशय क्षेत्र शिरपुर में रचने जा रहा है इतिहास , गुरुदेव के आशीर्वाद से🕢 प्रातः 7.30 बजे से भव्य🌟
    🛕त्रि मंजिला समवशरण एवं चतुर्दिक चार सहस्त्रकूट जिनालयों का होगा शिलान्यास🛕
    गुरुदेव के आशीर्वाद से पहली बार बनेंगे एक साथ चार सहस्त्र कूट जिनालय प्रतिष्ठाचार्य बा. ब्र. वाणीभूषण विनय भैय्याजी सम्राट का होगा निर्देशन
    🕑दोपहर 2 बजे से गुरुदेव के कर कमलों से होगी भव्य दीक्षायें हाेगीं
    अनुमान है यह दीक्षाएं दहाई के आंकड़े में हो सकती है, बाकी गुरुदेव के मन की कौन जाने 
    इस महा आयोजन में और और क्या होगा तो देखते रहिए
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    सूचना साभार:- .
    बा.ब्र. तात्या भैय्याजी

     
     

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