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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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  1. जाके जैसे बाप मतारी, उनके वैसे लरका..... जैन दर्शन के अनुसार, जिनेन्द्र भगवन अपने शिष्यों, भक्तों को अपना दास नही बल्कि अपने जैसा भगवान बना लेते है इसका उल्लेख श्रीभक्तामरजी स्त्रोत में पूज्यवर यतिवर मानतुंग आचार्यदेव बड़े गर्व से करते है आचार्यश्रेष्ठ के सानिध्य में जब भी विशाल भव्य आयोजन हो तब उसका सारा श्रेय आचार्यश्री अपने शिक्षादीक्षा गुरु गुरुणाम आचार्यप्रवर ज्ञानसागरजी महाराज को देते है और कई बार ऐसे अवसर आते है कि अपने आराध्य गुरु के स्मरण, गुणगान करते समय उनके रोम रोम से पुलकित कन्ठ एवम नयनों में श्रद्धाजल छलक उठता है तब लगता है कि साक्षात विद्या के सागर अपने गुरु के स्मरण मात्र से कितने शिशुवत हो जाते है और यही परम्परा वर्तमान में भी विद्यमान है आज भी उनके शिष्य, शिष्याएं जब लम्बी प्रतीक्षा के बाद चरण वंदन करते है तब उन्हें अपने आराध्य गुरु के प्रति भावों के अतिरेक का विशाल सागर उमड़ पड़ता है परमपूज्य आचार्यश्री ने अपने सभी शिष्यों को मात्र अपना शिष्य ही नही बनाया बल्कि अपने ज्ञान, चर्या, तपस्या के अनुरूप अपने जैसा ही बना लिया ज्येष्ठ मुनिराजों में निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव सुधासागरजी महाराज ने अनेकों तीर्थो का जीर्णोद्धार एवम नए तीर्थो का निर्माण तो कराया ही है बल्कि बहुविख्यात आचार्यश्रेष्ठ स्वामी समन्त्रभद्र के अनुरूप आगमोक्त सिंह गर्जना करते हुए मिथ्यात्व का खंडन किया करते है उनकी गर्जना से बड़े बड़े मिथ्यावादी, एकांतवादी सूरज के निकलते उलूक की तरह भाग जाते है आचार्यश्री ने आज अपने प्रवचन में कहा कि मुनिपुंगव के पैरों में दर्द है जिसे अब बड़े बाबा जल्दी ठीक कर देंगे साथ ही यह घोषणा भी कर दी कि आज मुनिपुंगव का कंठ अवरुद्ध है लेकिन कल से फिर दहाड़ेंगे..... अब देखो न..... आज ही जब मुनिपुंगव जब अपने आराध्य की चरण वन्दना हेतु कुंडलपुर की ओर आ रहे थे तब लग रहा था कि साक्षात जिनेन्द्र भगवान का विहार हो रहा हो लेकिन जब गुरुचरणों में पहुचने के बाद तो ऐसा लगा कि, माँ की गोद से, काफी समय बिछड़ा बालक, माँ को पाकर कैसे पुलकित हो जाता है इस दृश्य को जब हम सबने चेनलों के माध्यम से देख रहे थे तब लग रहा था कि, इतने बड़े ज्येष्ठ श्रमण अपने गुरु के समक्ष कितने शिशुवत हो गए और हां आचार्यश्री ने अपने लघुनन्दन को भी अपने स्नेह वात्सल्य से सराबोर करने में कोई कसर नही छोड़ी... सुनते है जब किसी गाय के समक्ष उसका बछड़ा आता है तब उन दोनों का वात्सल्य देखने योग्य होता है ऐसे में बिना अपेक्षा, आशा बिना स्वार्थ के अपने पुत्र पर जो स्नेह लाड़ बरसाती है ऐसे में इन दोनों के शरीर से इतनी सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है जिससे आसपास के रहने वालों के बड़े बड़े रोग दूर हो जाते है जब गाय बछड़े के वात्सल्य से इतना सम्भव है तो जरा विचार करें कि सर्वाधिक ऊर्जा प्रदाता बड़े बाबा के आभामंडल में छोटे बाबा और मुनिपुंगव कि पावन सानिध्य में कितनी पावन अतिशयकारी ऊर्जा प्रवाहित हो रही होगी इसका आंकलन करना तो किसी भी अत्याधुनिक मशीन या सुपर कम्प्यूटर के वश में नही है आज आचार्यश्री के पावन चरणों का, मुनिपुंगव द्वारा अश्रुजल से *चरणाभिषेक देख लग रहा था कि बुंदेलखंड की यह कहावत आज जीवंत चरितार्थ हो रही थी कि.... जाके जैसे नदिया नारे, वाके वैसे भरक़ा... जाके जैसे बाप मतारी, वाके वैसे लरका.... शब्द भाव • राजेश जैन भिलाई •
  2. �कुण्डलपुर �️०७/०२/२०२२, सोमवार �आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का पाद प्रक्षालन दानवीर भामाशाह श्री अशोक जी पाटनी (आर. के. मार्बल्स) किशनगढ़ द्वारा किया गया (१११ कलश) आपके पुण्य की बहुत बहुत अनुमोदना
  3. मुनि श्री सुधासागर जी अपने गुरु आचार्य श्री विद्यासागर जी की वंदना करते हुए
  4. बिग ब्रेकिंग.. 5 फरवरी 22. विश्ववंदनीय कुंडलपुर के बड़े बाबा श्री आदिनाथ भगवान के नए जिनालय का पंचकल्याणक गजरथ महामहोत्सव का आयोजन दिगंबर मानसरोवर के राजहंस, मेरे गुरुवर मेरे भगवन आचार्य गुरुदेव श्री 108 विद्यासागर महाराज के ससंघ सानिध्य में 12 फरवरी से 22 फरवरी 2022 तक होंगे। सूचनाकर्ता संतोष सिंघई अध्यक्ष नवीन निराला महामंत्री रेशु सिंघई समन्वयक कुंडलपुर पंचकल्याणक 🙏🙏🙏🙏🙏
  5. बसंत पंचमी के अवसर पर हुई कुंडलपुर में ऐलक दीक्षा सानंद सम्पन युग शिरोमणि गुरुदेव आचार्य भगवन श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज के वरद हस्त कमलो से अभी अभी क्षुल्लक श्री देवानंद सागर जी महाराज की ( संघस्थ मुनि श्री प्रशांत सागर जी महाराज) ऐलक दीक्षा सम्पन्न हुई
  6. तीन नए आयुर्वेद कॉलेज खोलने मिली अनुमति भास्कर ब्यूरो, भोपाला नेशनल कमीशन फॉर इण्डियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन की सहमति पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने सत्र 2021-22 के लिये मध्यप्रदेश में तीन आयुर्वेद कॉलेज क्रमशः फैकल्टी ऑफ आयुर्वेदा गादिया सीहोर मप्र, सर्वपल्ली राधाकृष्णन कॉलेज ऑफ आयुर्वेदा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च जाटखेड़ी भोपाल मप्र, पूर्णायु आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं अनुसंधान विद्यापीठ गर्ल्स कॉलेज जबलपुर मप्र को अनुमति प्रदान कर दी है! पूर्णाय कॉलेज मप्र में प्रथम महिला आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय होगा! इन कॉलेजों में बीएएमएस स्नातक की 100 - 100 सीटों पर इसी सत्र से प्रवेश हो सकेंगे! आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय ने बताया कि मप्र में तीन कॉलेजों के अतिरिक्त कर्नाटक में 12, गुजरात में 02. महाराष्ट्र में 09. | उत्तरप्रदेश में 09 तथा चंडीगढ़ व उड़ीसा में 01 - 101 आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज इसी सत्र से खोले जाने की अनुमति दी गई है, जबकि मानसरोवर आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज भोपाल में तीन विषयों में आयुर्वेद पीजी - एमडी - एमएस स्नातकोत्तर कोर्स खोले जाने की अनुमति प्रदान की गई है! इस प्रकार देशभर में इसी सत्र से कुल 38 नये आयुर्वेद कॉलेज खुलेंगे! मप्र में 300 बीएएमएस सीटों के साथ देशभर में 3500 से ज्यादा आयुर्वेद बीएएमएस सीटों में इजाफा हो गया है! इस सत्र में प्रदेश समेत देशभर में नीट के माध्यम से 700 से ज्यादा आयुष कॉलेजों के तहत पचास हजार से ज्यादा आयुष की सीटों पर छात्रों के प्रवेश होंगे।
  7. NEET की परीक्षा में उत्तीर्ण बालिकायें आचार्य गुरुवर विद्यासागर महामुनिराज की प्रेरणा और आशीर्वाद से संचालित पुर्णायु आयुर्वेदिक चिकित्सालय एवं अनुसंधान विद्यापीठ Girls College में प्रवेश प्राप्त करने के लिए Counselling registration के बाद Choice filling में पुर्णायु को प्रथम प्राथमिकता पर रखकर अपनी सीट सुनिश्चित कर सकती हैं। पुर्णायु महाविद्यालय में प्रवेश संबंधी जानकारी के लिए संपर्क करें:
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