Jump to content
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

संयम स्वर्ण महोत्सव

Administrators
  • Posts

    22,360
  • Joined

  • Last visited

  • Days Won

    894

 Content Type 

Forums

Gallery

Downloads

आलेख - Articles

आचार्य श्री विद्यासागर दिगंबर जैन पाठशाला

विचार सूत्र

प्रवचन -आचार्य विद्यासागर जी

भावांजलि - आचार्य विद्यासागर जी

गुरु प्रसंग

मूकमाटी -The Silent Earth

हिन्दी काव्य

आचार्यश्री विद्यासागर पत्राचार पाठ्यक्रम

विशेष पुस्तकें

संयम कीर्ति स्तम्भ

संयम स्वर्ण महोत्सव प्रतियोगिता

ग्रन्थ पद्यानुवाद

विद्या वाणी संकलन - आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रवचन

आचार्य श्री जी की पसंदीदा पुस्तकें

Blogs

Events

Profiles

ऑडियो

Store

Videos Directory

Everything posted by संयम स्वर्ण महोत्सव

  1. दिशा विषय पर संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी के विचार https://vidyasagar.guru/quotes/anya-sankalan/disha/
  2. बहती ज्ञान की धारा है, विद्या गुरु के द्वारा है। गुरु जी का द्वारा हमको स्वर्ग से प्यारा है। गुरु जी के चरणों में शत-शत नमन हमारा है। बड़े बाबा के प्यारे हैं छोटे बाबा हमारे हैं। और ज्ञान सागर जी की आँखों के तारे हैं। बहती............... तप के धनी, गुण के गुणी सूरीश्वर ये महाकवि गुरुदेव ही हैं हमारे मार्ग प्रदाता ऽऽऽ गुरुजी की कृपा जो पायी मन में बजे शहनाई ये मन मंदिर पा इनकी शरण बन जाता दूर हैं फिर भी दूर नहीं मन-वच-तन में बसे यही चेहरे पर मुस्कान सदा ही बिखरी................ बड़े बाबा........................ गुरु जो मिले सब है मिला देखो अपना भाग्य खिला इनके चरणों में बीते जीवन सारा मन में ये ही आस लिए, आयेंगे वो द्वार मेरे जैसे शबरी ने दिल से राम पुकारा गुरु आज्ञा में रहकर ही, गुरु के सम बन जाना है। गुरु दर्शन को तरसे हमारे नैना बड़े बाबा....................... पूर्ण हुआ गुरु सपना, बीज वपन गुरु ने जो किया फिर महकी बगिया ये आदर्श हमारी गुरु जी की हम छाँव तले संस्कारों से फूले फले इसकी खुशबू से महके दुनिया सारी प्रतिभास्थली प्रणेता है, गुरुवर कर्म विजेता हैं। कण-कण में हैं समाहित इनकी छवियाँ बडे बाबा...................
×
×
  • Create New...