धन्य भाग्य जो आन पधारे, विद्यासागर जी।
ज्ञान गुणों की खान गुरुवर विद्यासागर जी॥
बड़े ज्ञानी बड़े ध्यानी त्याग रुपी खिलौना।
कैसी कंचन सी काया लागे रूप सलौना॥
मुक्ति पथ के राही हैं गुरु विद्यासागर जी...
चौथे काल के तपस्वी अटल इनकी साधना।
रागद्वेष से न सीखा कभी इनने हारना॥
संयम का श्रृंगार करें गुरु विद्यासागर जी।
ज्ञान गुणों की खान गुरुवर विद्यासागर जी ॥
इनके चरणो की रज अपने माथ लगा लो।
इनकी अमृत वाणी सुनके भाग्य जगा लो॥
तीर्थंकर अवतारी हैं गुरु विद्यासागर जी।।
ज्ञान गुणों की खान गुरुवर विद्यासागर जी ॥