Jump to content
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Vidyasagar.Guru

Administrators
  • Posts

    17,750
  • Joined

  • Last visited

  • Days Won

    601

 Content Type 

Forums

Gallery

Downloads

आलेख - Articles

आचार्य श्री विद्यासागर दिगंबर जैन पाठशाला

विचार सूत्र

प्रवचन -आचार्य विद्यासागर जी

भावांजलि - आचार्य विद्यासागर जी

गुरु प्रसंग

मूकमाटी -The Silent Earth

हिन्दी काव्य

आचार्यश्री विद्यासागर पत्राचार पाठ्यक्रम

विशेष पुस्तकें

संयम कीर्ति स्तम्भ

संयम स्वर्ण महोत्सव प्रतियोगिता

ग्रन्थ पद्यानुवाद

विद्या वाणी संकलन - आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रवचन

आचार्य श्री जी की पसंदीदा पुस्तकें

Blogs

Events

Profiles

ऑडियो

Store

Videos Directory

Everything posted by Vidyasagar.Guru

  1. पत्र क्रमांक-२०१ ११-०५-२०१८ ज्ञानोदय तीर्थ, नारेली, अजमेर शब्दसमय, ज्ञानसमय, अर्थसमय के ज्ञाता दादागुरुवर परमपूज्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के पावन चरणों में नमोऽस्तु करता हूँ... हे गुरुवर! जिस प्रकार आप आगम ग्रन्थों के शब्दों के माध्यम से भावश्रुत को अपने ज्ञान की पर्याय बनाते थे। उसी प्रकार आपके लाड़ले शिष्य प्रिय आचार्य ब्यावर चातुर्मास में आगम अध्येता विद्वान् को पाकर मूल आगम ग्रन्थ की वाचना पृच्छनारूप स्वाध्याय करने का भाव हुआ और पूरे ४ माह उन्होंने बड़ी सूक्ष्मता से अध्ययन किया। इस सम्बन्ध में दीपचंद जी छाबड़ा (नांदसी) ने २०१५ भीलवाड़ा में बताया - आचार्यश्री के सान्निध्य में प्रथम वाचना स्वाध्याय ‘ब्यावर चातुर्मास प्रारम्भ हुआ तब हीरालाल जी शास्त्री साढूमल वालों से चर्चा हुई और आचार्यश्री के सान्निध्य में धवला पुस्तक-१ सत् प्ररूपणा, धवला पुस्तक-२ संख्या प्ररूपणा, धवला पुस्तक-३ की वाचना-पृच्छनारूप स्वाध्याय शुरु हो गया। प्रतिदिन पण्डित जी वाचना करते और फिर उस पर आचार्यश्री ऊहापोह करते। इस कक्षा के बाद आचार्यश्री जी कषाय पाहुड ग्रन्थ चूर्णीसूत्र का अध्ययन स्वयं करते। एक दिन स्वाध्याय के समय आचार्यश्री जी बोले-भव स्थिति को संयमपूर्वक पूरा करना है। पूरे चातुर्मास में आचार्यश्री ने खूब अध्ययन किया और पण्डित जी हीरालाल जी शास्त्री, पण्डित शोभाचन्द जी भारिल्ल, ऐलक पन्नालाल दिगम्बर जैन विद्यालय के प्रधानाध्यापक पण्डित प्रकाशचंद्र जैन (मेरठ वाले) आदि से घण्टों-घण्टों सिद्धान्त की चर्चा करते । शास्त्री जी ने आचार्यश्री जी की मेधाशक्ति एवं प्रत्युत्पन्नमति को देखते हुए। अपना समय अन्यत्र से बचाकर आचार्यश्री को अत्यधिक दिया करते थे। स्वाध्याय पूर्ण होने पर चातुर्मास के पश्चात् समापन समारोह में पण्डित जी बोले-मैंने आचार्य महाराज के साथ स्वाध्याय किया और आचार्य महाराज से स्वाध्याय के दौरान सिद्धान्त के कई नये दृष्टिकोण पाये और नये-नये चिंतनों का लाभ मिला। शुरु में मैं सोचता था कि विद्यासागर जी जवान मुनि हैं नये-नये दीक्षित हैं। अतः कितना सिद्धान्त पकड़ पायेंगे, कितनी रुचि ले पायेंगे। इस कारण मैं थोड़ा समय ही देता था, किन्तु ज्यों-ज्यों समय निकलता गया त्यों-त्यों आचार्य महाराज की प्रतिभा से परिचित होता गया और मुझे अहसास हुआ कि आचार्य ज्ञानसागर जी मुनि महाराज ने चार वर्ष के थोड़े से समय में अपने शिष्य मुनिवर आचार्य विद्यासागर जी की कितनी मजबूत नींव रख दी है।" इस तरह मेरे गुरुवर की प्रतिभा से आपके समान हर कोई विद्वान् शीघ्र उनकी प्रतिभा के वैशिष्ट्य से परिचित हो जाया करता था। ऐसे गुरु समर्पित गुरु के चरणों में समर्पण भाव से प्रणाम करता हुआ... आपका शिष्यानुशिष्य
  2. आगे की सुचना इस लिंक पर उपलब्ध रहेगी https://vidyasagar.guru/blogs/entry/1434-post/ 19 जनवरी 2019 रात्री विश्राम - बंट कल आहार चर्या जरुआखेड़ा में ही संभावित 4 PM पूज्य गुरुदेव ने बढ़ाये अपने कदम सिमरिया से भी आगे बंट की ओर। 1 45 PM परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का खुरई से सागर की ओर हुआ विहार। ओह गज़ब अनियतविहारी का विहार गज़ब गज़ब गज़ब अविश्वसनीय लेकिन..... हमारे गुरुदेव तो अनियतविहारी जो ठहरे..... क्या भरोसा ऐसे निर्मोही, वीतरागी, चौथे काल के इन महासन्त का 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 8 जनवरी 2018 परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ खुरई में विराजमान हैं | जब भी विहार होगा - यहाँ अपडेट कर दिया जायेगा 20 दिसंबर 2018 परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ खुरई में विराजमान हैं | जब भी विहार होगा - यहाँ अपडेट कर दिया जायेगा 19 दिसम्बर, 2018 परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का खिमलासा से हुआ मंगल विहार... रात्रि विश्राम त्योरा जहाँ से खुरई मात्र 9 किलोमीटर है सुबह प्रातःकाल में होगा भव्य प्रवेश सम्भावित दिशा - खुरई 20 दिसंबर को आहारचर्या "खुरई" में होने की सम्भावना 7 दिसम्बर, 2018 पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ का मंगल विहार अपडेट- ● रात्रि विश्राम- निवारी ग्राम ● कल आहार चर्या- खिमलासा। 16 दिसंबर 2018 *●रात्रि विश्राम-ग्राम-भानगढ़*_ _*●कल की आहारचर्या-भानगढ़*_ _*●कल रात्रिविश्राम- दाङ 9km /निवारी 11km*_ 15 दिसम्बर 2018 आज दोपहर 1:40 बजे पूज्य गुरुदेव ससंघ के मुंगावली से हुआ विहार *परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ 32 मुनिराज का मुंगावली से हुआ मंगल विहार।* सम्भावित दिशा- कंजिया, खिमलासा रात्रि विश्राम-ग्राम- कंजिया 12km*_ कल की आहारचर्या-भानगढ़ 07km*_ पूज्य मुनिश्री समयसागर जी महाराज 14 पिच्छी मुंगावली में ही विराजमान हैं। –------- आचार्य श्री की हुई मुंगावली में भव्य आगवानी moongavli_Medium.mp4 moongavli 2_Medium.mp4 ४ दिसंबर 2018 आज दोपहर उपरान्त मुंगावली में भव्य अगवानी संभावित 3 दिसंबर 2018 आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महामुनिराज का अभी अभी देवगढ़ (जिला - ललितपुर) से हुआ विहार संभावित दिशा - नदियों के रास्ते(कच्चा मार्ग)..मुगरौली होते हुवे मुंगावली 2 दिसंबर 2018 *आचार्य गुरुवर 108 विद्यासागर जी महाराज का मंगल विहार जाखलौन (जिला ललितपुर) से हुआ* *विहार दिशा - देवो के गढ़ देवगढ़ तीर्थ* *४ बजे होगा मंगल प्रवेश* आचार्य श्री ससंघ का हुआ मंगल प्रवेश अतिशय क्षेत्र देवगढ़ जी,में दिनांक - 1 दिसम्बर 2018 1:30 P.M. पंचकल्याणक महोत्सव के उपरान्त हुआ मंगल विहार संभावित दिशा - देवगढ़ आचार्य श्री ससंघ, समय सागर जी ससंघ (नव दीक्षित मुनिराज ) का ●आज रात्रिविश्राम- *ग्राम- बछलापुर 10km* ●कल की आहारचर्या- *ग्राम- जाखलौन(बछलापुर से 13km)* ■ जाखलौन से देवगढ़ जी 15km■
  3. क्या कहता हैं आपका अनुमान आपकी विशेष टिप्पणी का हमे हैं इंतज़ार आप सभी अपना अनुमान नीचे लिखें
  4. प्रमाणीकरण जारी किया गया है कि जैन पंचायत ललितपुर एवम पशु संरक्षण केंद्र द्वारा आयोजित आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज की अगवानी में 2 लाख से अधिक जैन समाज के लोग शामिल हुए। 21 नवम्बर 2018 को यह जुलुश 12 किमी लम्बे मार्ग ग्राम विगा महाराज से क्षेत्रपाल जी स्टेशन रोड ललितपुर तक था। यह अब तक का बड़े जुलुश का विश्व रिकॉर्ड है। जारी किये गए प्रमाण पत्र की प्रति अवलोकनार्थ प्रस्तुत है।
×
×
  • Create New...