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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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  1. आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के मंगल चातुर्मास कलश की स्थापना पर नेमावर प्रथम कलश..५०४ कलश..जय जय गुरुदेव🙏🙏🙏🙏 आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चातुर्मास स्थापना के प्रथम कलश की बोली 504 कलश की श्री सुनील जी राजसमंद वाले को गई है । द्वितीय कलश 153 कलश सुन्दर लाल जी बीड़ी वाले इन्दोर तीसरा कलश 99 कलश 99 श्रीफल - ओनलाइन गुप्त हे नाम चतुर्थ कलश अरिहंत कैपिटल ५४ कलश ५४ श्रीफल ५ वाँ कलश ५४ कलश ५४ श्रीफल वंदना जी जैन Goel नगर इंदौर 6 षष्टम कलश श्री चिंतामणी जी कन्नोज सप्तम कलश श्री अशोक जी पाटनीR K मार्वल अष्टम श्री तरुण जी काला मुम्बई नवम श्री राजा भेया सूरत स्थान:- श्री सिद्धोदय सिद्ध क्षेत्र नेमावर जी
  2. *बेला से हुई थी दीक्षा* *_संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज_* से राजस्थान की माटी से एकमात्र दीक्षित शिष्य *मुनि श्री 108 संधान सागर जी महाराज* की दीक्षा गुरु पूर्णिमा को बीना बाराहा अतिशय क्षेत्र में बेला (दो उपवास) के साथ 4 वर्ष पूर्व हुई थी। तब से प्रतिवर्ष चातुर्मास स्थापना एवं निष्ठापन बेला से ही करते हैं। ऐसे तपस्वी मुनिराज के चरणों में हम सबका बारंबार नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु।
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