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वतन की उड़ान: इतिहास से सीखेंगे, भविष्य संवारेंगे - ओपन बुक प्रतियोगिता ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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  1. बालक विद्याधर का जन्म सन 1946 में शरद पूर्णिमा के दिन माँ श्रीमती की कुक्षी से हुआ ... बचपन से ही धर्म मार्ग पर सदैव बढ़ते हुए इन्होंने आचार्य श्री ज्ञानसागर जीमहाराज से दीक्षा पाई एवं आज हम सभी के समक्ष आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के रूप में विराजमान हैं.. 300 से अधिक मुनि एवं आर्यिकाओं को गुरुदेव द्वारा दीक्षा दी गई है .. दिगंबर सरोवर के राजहंस आचार्य भगवान् का वर्तमान में चातुर्मास नेमवार में सानंद चलरहा है..| आज शरद पूर्णिमा १३ अक्टूबर २०१९, संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज का 7४ वा अवतरण दिवस -आइये सभी एक साथ मिलकर उनको नमोस्तु लिखें https://vidyasagar.guru/gallery/album/77-photo-album/
  2. जो पूर्णमासी को उदित हुआ , वह पूर्णकाम बन जाएगा / जो आज पूज्य है विद्या गुरुवर , त्रिलोक तिलक बन जाएगा// धर्म मित्रों इतिहास कहता है आज शरद पूर्णिमा के पावन दिन धर्म श्राविका माँ श्रीमंती की पावन कोख से श्रावक शिरोमणि पिता मल्लप्पा जी के संस्कार बान घर आंगन में ,दिव्य बालक विद्याधर का जन्म हुआ था / कौन जानता था ,जो आज बालक है ,कल धर्म का पालक बनेगा/ कौन जानता था, जो आज मिथ्यात्व के अंधेरें में जन्मा है, कल सम्यक्त्व का सवेरा और धर्म का उजेरा करेगा / कौन जानता था ,जो आज बूंद की तरह जन्मा है /कल संयम की धारा बन ज्ञान का सागर विद्यासागर रूप महासागर बनेगा /कौन जानता था जो आज मां के गर्भ से निकला है उस दिव्य बालक पर सारा जहां गर्व करेगा /कौन जानता था जो आज कर्नाटक में जन्मा है ,कल संसार के नाटक का पटाक्षेप करने मुक्ति पथ पर चलेगा /कौन जानता था जो आज सदलगा में जन्मा है, वह कल सुमार्ग सनमार्ग मोक्ष मार्ग से दिल लगा बैठेगा /कौन जानता था जो आज बेलगांव जिले में जन्मा है ,वह कल वेलगाम पंच इंद्रियों के घोड़ों को नियंत्रित कर जीव, जीवन, जगत में संयम का शंखनाद करेगा /कौन जानता था जो आज बाल सुलभ मुस्कान से माता-पिता का मन मोह रहा है वह कल मोहजयि वीतराग त्रिलोकपूज्य निरगृन्थ महासंत बनेगा / कौन जानता था जिसके जन्म पर खुशियों के रत्न बरस रहे है, वो कल रत्नात्रय धारी संत बनेगा /कौन जानता था जो आज तीन पहियों की गाड़ी से चल रहा है ,वह कल सम्यक दर्शन ज्ञान चरित्र के मार्ग पर चलेगा/ कौन जानता था जो आज अणुव्रति माता-पिता के हाथों में उछल कूद कर रहा है ,वह कल सिद्धालय की ओर गतिमान होगा /कौन जानता था जो आज अपनी बाल सुलभ चेस्टाओ से सबका ध्यान खींच रहा है, वह कल ध्यान ध्याता ध्येय के महावीरी पथ पर चलेगा /कौन जानता था जो आज मां श्रीमंती की आंखों का तारा है ,वह कल धर्म जगत का ध्रुवतारा सितारा बनेगा /कौन जानता था जो आज पिता मल्लप्पा का दुलारा है, वह कल सबका चाहेता धर्म का प्रणेता बनेगा /कौन जानता था जो आज सदलगा की धरती पर खेल रहा है,वह भक्तों की आस्था का आकाश ,शिष्यों का विश्वास , धर्म का प्रकाश जन साधना का शास्त्र होगा /कौन जानता था जो आज मित्र मारुति के साथ खेल रहा है,वह विद्याधर कल का महावीर होगा /कौन जानता था जो आज मित्र मंडली का नेता वह कल मोक्षमार्ग का नेता होगा / कौन जानता था जिसकी तोतली जुबान पर आज कई प्रश्न है, कल वह कई प्रश्नों का समाधान होगा / ठीक ही है" त्रिलोक "कुछ प्रश्नों का उत्तर या तो भविष्य की कोख में छिपा रहता है या फिर भगवान जानते हैं / धर्ममित्रों आपको अपने आपको देता हूं संदेश, विद्याधर से विद्यासागर, है महावीर का भेष /नमन करो और दिल से ध्याओ ,पूजन करो विशेष / संत शिरोमणी विद्यासागर ,मम हृदय करो प्रवेश // 🔥 लेखक🔥 🌸विधानाचार्य ब्रःत्रिलोक जैन बर्णी दिगंबर जैन गुरुकुल जबलपुर 9993400931,8770495096
  3. पूज्यगुरूदेव आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महामुनिराज एवं संघस्थ मुनिश्री मुनिश्री दुर्लभसागर जी मुनिश्री निश्चलसागर जी मुनिश्री निर्मदसागर जी मुनिश्री श्रमणसागर जी मुनिश्री संधानसागर जी के सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र नेमावर में हो रहे हैं केश लोच |
  4. 6 अक्टूबर 2019 मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में परम पूज्य गुरुवर 108 आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की आज्ञा अनुवर्ती शिष्य परम पूज्य मुनि 108 प्रसाद सागर जी महाराज परम पूज्य मुनि 108 श्री शैल सागर जी महाराज परम पूज्य मुनि 108 श्री निकलंक सागर जी महाराज के सानिध्य में 1008 बच्चों का उपनयन संस्कार जवाहर चौक मंदिर प्रांगण में किया गया बच्चों को संस्कारित बनाने के लिए बच्चों का मुंडन करवा कर आदिनाथ पुराण शास्त्र की व्याख्या अनुसार बच्चों का विधि विधान के साथ उपनयन संस्कार हुआ हजारों आंखों ने इस भव्य दृश्य को देखा प्रथम बार बच्चों ने महाराज श्री के सानिध्य में अभिषेक और शांति धारा की *प्रतिष्ठाचार्य श्री प्रदीप भैया अशोकनगर द्वारा सर्वप्रथम बच्चों को केंद्रीय जेल सागर के बंदी भाइयों द्वारा बनाए गए 1008 रुमाल जोकि *अशोका गार्डन ,भोपाल निवासी श्री सुशांत जैन शौर्य जैन श्वेता जैन द्वारा ₹51000 की राशि देकर पुण्य लाभ कमाया इस अहिंसक रुमाल पर अभिषेक उपरांत सभी बालकों को बिठाया गया और फिर संस्कार किए गए बहुत ही प्रेरक और हृदय परिवर्तन करने वाला प्रोग्राम रहा बच्चों के माता-पिता निश्चित तौर से संस्कारी थे जिन्होंने भोपाल जैसे महानगर में रहकर भी बच्चों के अंदर संस्कार पड़े इसके लिए प्रयास किया बच्चों को जब महाराज श्री संस्कार दे रहे थे तब बच्चे भक्ति भाव से आंखें बंद करके सहस्रार चक्र के ऊपर बनाए जा रहे स्वास्तिक का अनुभव कर रहे थे और बहुत भक्ति और श्रद्धा के साथ महाराज श्री का चरण वंदन करके संस्कार प्राप्त कर रहे थे बड़ा अनूठा दृश्य था यह संस्कार विधि बच्चों को जीवन भर याद रहेगी WhatsApp Video 2019-10-07 at 7.35.52 AM.mp4
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    सोश्ल मीडिया के लिए इस लिंक पर जाए https://vidyasagar.guru/gallery/album/831-photo-album/ प्रिंट करने के लिए - Download का हरा बटन दबाये Say no to Crackers Crackers less Diwali इस बार कोरोना महामारी ने बहुत रुलाया है। अब ऐसा कोई काम न करें जो अपने एवं दूसरो के लिए हानिवारक हो । थे पोस्टर एवं सामग्री अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचा दो । ताकि कोई भी पटाखे ना फोडे | पूज्य आचार्य श्री एवं पूज्य मुनि श्री की यही मंगल भावना हैा इस लिंक पर संकल्प पत्र है जिसे जरूर भरें। आप का एक नियम करोड़ो जीवों की २क्षा करेगा । https://forms.gle/L3n19rLTvJQZnwS76
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