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अंतरराष्ट्रीय मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता 1 से 5 जून 2024 ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

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  1. Vidyasagar.Guru
    मैं तो आत्मा हूँ,
    औरों से आत्मीयता,
    मेरी श्वास है।
     
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  2. Vidyasagar.Guru
    मैंने ऐसा क्यों सोचा
     आज 
     जब चिड़िया
     देर तक
     मुझे एकटक
     देखती रही,
     फिर सहमी
     और सहसा उड़ गयी!
     मैं दिन भर 
     उदास रहा,
     कि मैंने
     ऐसा क्यों सोचा
     कि चिड़िया का
     एक पिंजरा होता!
     
    Why Did I wish
    Today, the bird
    Looked at me intently,
    Then suddenly
    Flew away in fright.
    I was sad when I realized
    That I had wished
    For a cage
    To hold the bird in.
  3. Vidyasagar.Guru
    मोक्ष कोई दुकान पर तो मिलता नहीं कि जाओ और खरीद लाओ: आचार्यश्री
    नवीन जैन मंदिर परिसर में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के प्रवचन
     

     
    जहां अग्नि प्रज्ज्वलित होगी वहां धुंआ तो उठेगा ही। मोक्ष चाहिए है तो मोह का त्याग करना ही पड़ेगा। मोह के त्याग करने के लिए मात्र ‘ह’ को हटाकर ‘क्ष’ ही तो लगाना है। 

    आत्मा अजर अमर है, इसका अस्तित्व भी कभी नष्ट नहीं होता, जो सोया हुआ है उसी को तो जगाना पड़ता है। जो मूर्त होता है वहीं तो मूर्तियों को विराजमान कर पाता है। मोक्ष कोई दुकान पर तो मिलता नहीं कि जाओ और खरीद लाओ। जिसके अंदर मुहर्त है मोक्ष जाने का उसका नाम ही तो अन्तर्मुहर्त है। व्यक्ति कितने भी मुर्छित अवस्था में क्यों न हो, न तो उसका मोह ही कम होता है और न ही खाने-पीने की वस्तुओं का त्याग कर पाता है। यह बात नवीन जैन मंदिर में प्रवचन देते हुए आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने कही। उन्हाेंने कहा कि खाल का ख्याल कितना किया इसकी तरह तरह से हिफाजत की फिर भी खाल ने अपना स्वभाव दिखा ही दिया, हर पल पुरानी होती गई और तू मूढ़ बना इसे देख देखकर यही ‘मैं हूँ’ ऐसा भ्रमित हो गया। खाल को अपना मानना बालपन अर्थात् अज्ञानता है। जो पर से मिलता है वह बिछुड़ता ही है, जो अपना है वही शाश्वत रहता है। सोचो आत्मन! खाल को अपना मानते ही कितना संसार बढ़ जाता है। खाल पर लगे बाल से, खाल को ओढ़ाने वाली शाल से, इसे खिलाने वाले माल से न जाने कितनों से संबंध जुड़ जाता है, सारे बवाल ही खाल के प्रति राग से उत्पन्न होते हैं। इसलिए खाल का ख्याल छोड़, क्योंकि तेरी इस तन की खाल को पहले भी अनेक ने ओढ़ी है। आहारवर्गणा रूप पुद्गल परमाणुओं से बनी यह खाल की चादर अनंत जीवों ने ओढ़-ओढ़ कर छोड़ दी है अब तेरे पास आते ही तू इसे अपनी मान बैठा। 

    उन्हाेंने कहा कि क्या तुम दूसरों के उतरे वस्त्र पहनकर स्वयं को सुंदर दिखना चाहते हो। तुम यही कहोगे ना कि पहनना तो दूर, मैं पहनने के भाव भी नहीं करता, तो फिर एक तो विजातीय पर द्रव्य पुद्गल और उसमें भी अनंतों ने इन परमाणुओं को ग्रहण किया तो अब तुम इस देह को धारणकर क्यों इतना इतराते हो, यह क्या समझते हो कि मेरा जैसा कोई नहीं है। हां यदि कदाचित् तीर्थंकर की देह हो तो बात ही अलग है। उनके जैसा रूप धरती पर किसी का नहीं होता। मगर तुम्हारी खाल तो जूठन स्वरूप है कईयों ने धारण की हैं उतारन है फिर भी इसे पाकर इतना गुमान करते हो। आचार्यश्री ने कहा कि खाल को अपने ख्याल से भिन्न करो। खाल में रंग है उस रंग से भी राग-द्वेष आदि की तरंग उठती है जबकि तुम अरंग, निस्तरंग हो। इस पतली सी खाल से गाढ़ा राग न करो वैसे भी खाल के भीतर जो भरा है वह दर्शनीय नहीं है। खाल के भीतर मल, मूत्र, पीव, रक्त आदि दुर्गंधित पदार्थों को ढक रखा है। यह काया तो अपनी माया छिटकाती है जो इसके चक्कर में आया उसे भटकाती है, साथ रहने का भ्रम पैदा करती है पर अंत में खाल यहीं रह जाती है, तब कुछ लोग मिट्टी की देह वाले आते हैं इसे भी मिट्टी में मिलाने के लिए और चेतन हंसा खाली चला जाता है। जब अंततोगत्वा खाली जाना ही है तो खाल से इतना लगाव क्यों। लौकिक में भी जो साथ में रहते हैं उन्हीं से लगाव रखते हैं, परायों का क्या विश्वास। प्रवचन के पूर्व आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के पैर प्रक्षालन करने का सौभाग्य मलैया परिवार, सेठी परिवार एवं अन्य दानदाताओं को प्राप्त हुआ।
  4. Vidyasagar.Guru
    मोह से घिरे,
    आचरण से गिरे,
    पर से जले |
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  5. Vidyasagar.Guru
    प्रतियोगिता निम्न लिंक से खुलेगी 
    https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSe17gN1enrH6uwenEpJ6HJoj6KKMU1HBFponiYeo-B0FrRDXg/viewform?usp=sf_link
     
    सभी निर्देश पढ़ कर भाग ले 
    कुण्डलपुर महामहोत्सव प्रतियोगिता क्रमांक 1 के माध्यम से जो हम स्वाध्याय करने वाले हैं, इसका अवलोकन  करेंगे 
    प्रतियोगिता मे आप 28 जनवरी 22  रात्री 10 बजे तक दे सकते हैं उत्तर |
     
  6. Vidyasagar.Guru

    प्रतियोगिता सुचना
    प्रतियोगिता निम्न लिंक से खुलेगी 
    https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSe4ky6NaCLYmqIFRaC18U_BsZZIAfOOvpmzeDRDKEge3bUKWQ/viewform?usp=sf_link
     
    प्रतियोगिता मे आप 3 फरवरी  2022  रात्री 10 बजे तक दे सकते हैं उत्तर |
  7. Vidyasagar.Guru

    प्रतियोगिता सुचना
    प्रतियोगिता निम्न लिंक से खुलेगी 
     
    https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSdrpfCF0Bmf8P8W7t6B9Pn65h1c0j-cbY4FtbtcBv89XnOCXw/viewform?usp=sf_link
     
    स्वाध्याय कहाँ से करे ?
    ऊपर प्रश्न पत्र में यह जानकारी हैं |
     
    प्रतियोगिता मे आप 13 फरवरी  2022  रात्री 10 बजे तक दे सकते हैं उत्तर |
     
  8. Vidyasagar.Guru
    योग में देखा,
    कोलाहल मन का,
    नींद ले रहा |
     
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  9. Vidyasagar.Guru
    रामनवमी पर विशेषः

     
     रहलीः राम को जानना और रामायण को जानना अलग-अलग है राम को जानना स्वयं की कायाकल्प करना है, तन मन और आत्मा का परिवर्तन भिन्न होता है साधर्मी के लिए सहोदर भी उस उदर को छोड़ने तैयार हो जाता है जिसमें धर्म की रक्षा ना होती हो। विभीषण के लिए राम बैरी (दुश्मन), रावण बंधु सहोदर फिर भी विभीषण आधीरात लंका छोड़कर राम के दल में पहुंचाता है जहां पूराराम दल मंत्रणा कर रहा था । दुश्मन के मिलने आने पर आगबबूला हुए लक्ष्मण और दिन में आने की बात कहते हैं पर राम लक्ष्मण को शांति का आदेश देकर विभीषण को बुला लेते हैं क्योंकि विभीषण ने अभय के साथ मिलने का समय मांगा था राम की यही शांति की धारा जो शत्रु  भी मित्र बन जाता है आज सारा संसार चारों ओर शत्रुता युद्ध और भय के वातावरण में है संसार के सारे देश चुप और संदेह में कब क्या हो जाए कहां विस्फोट हो जाए।
               पर भारत ने युद्ध विराम के लिए बोलना शुरू कर दिया तो सारे देश भारत के विचारों का समर्थन करने लगे। यही राम का काम और नाम भारत में रामनवमी का यही तो महत्व है पर याद रखो हम राम को मानते हैं और राम की बात को भी मानते हैं तभी भारत महान बनेगा।
  10. Vidyasagar.Guru
    रहलीः ख्याति लब्ध संत रावतपुरा सरकार सोमवार को पूर्व विधायक सुनील जैन एवं आचरण अखबार की संपादक निधि जैन के साथ अतिशय क्षेत्र पटना  रहली पहुंचे।
          रावतपुरा सरकार ने सर्वप्रथम अतिशय क्षेत्र पटना गंज तीर्थ में जिनदेव दर्शन किया फिर निर्माणाधीन सर्वतोभद्र जिनालय का अवलोकन कर कलात्मक मंदिर निर्माण को अद्भुत बताया, इसके पश्चात उन्होंने आचार्य श्री के शिष्य निर्यापक मुनि श्री प्रसाद सागर जी से आशीर्वाद लिया व तत्व चर्चा कर मानव जीवन का आधार गौ संरक्षण और धर्म पर चर्चा की। तदुपरांत आचार्य विद्यासागर जी के दर्शन करने उनके कक्ष में पहुंचे और श्रीफल समर्पण कर सर्वप्रथम उनके स्वास्थ्य के बारे में जाना एवं संक्षिप्त रूप से अपने प्रश्नों का समाधान लिया। इसके पश्चात रावतपुरा सरकार ने साथ आए विधायक सुनील जैन एवं निधि जैन तथा अन्य अतिथियों के साथ आचार्य श्री के पूजन में करतल ध्वनि करते हुए भाव विभोर होकर गुरु पूजन किया और अर्घ समर्पित किया।

     
    उन्होंने अपनी इस यात्रा और गुरु दर्शन को अविस्मरणीय बताया। 
             जैन समाज अध्यक्ष सुशील जैन ट्रस्ट अध्यक्ष राकेश चांदपुर पंचायत मंत्री अनिल जैन ने रावतपुरा सरकार सहित समस्त अतिथियों का प्रतीक चिन्ह श्रीफल एवं धर्म धर्म ध्वजा भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। गुरु भक्तों द्वारा गुरु कर कमलों में शास्त्र भेंट कराये गये।
            सोमवार को गुरु आहार हेतु पड़गाहन का सौभाग्य ताराचंद्र राकेश कुमार जूना परिवार को प्राप्त हुआ।
     

  11. Vidyasagar.Guru
    आज 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन तिलकनगर इंदौर की धरातल पर विराजमान राष्ट्रसंत श्री 108 विद्यासागर जी ससंघ (33 मुनिराजों) के दर्शन करने पहुँचे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ
     


     
  12. Vidyasagar.Guru
    आज दिनांक 7/01/2020 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के  संघचालक श्री मोहन जी भागवत  ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।
     
     


  13. Vidyasagar.Guru
    रास्ते 
     चिड़िया!
     पूरा आकाश
     तुम्हारा है
     हर बार
     तुम अपने लिए
     अपना रास्ता बनाती हो
     सुदूर क्षितिज तक
     आती-जाती
     और चहचहाती हो
     दुनिया ने
      जितने रास्ते बनाये 
     उनमें लोग 
     कभी भरमाये
     पर तुम्हारा 
     रास्ता साफ़ है
     जिससे गुजरने पर
     सारा आकाश
     जैसा है
     वैसा ही 
     रहता है!
     
    Paths
     Bird, the entire sky
     Is yours. Each time
     You fly you make
     Your own path. Then you travel
     From one end of the horizon
     To the other singing all the while.
     But the world gets lost,
     Or is ruined,
     Or loses itself
     Travelling the paths
     It made for itself.
     Your path, Bird, however,
     Is always defined.
     In using it
     You leave the sky pristine.
  14. Vidyasagar.Guru
    रीतापन
     चिड़िया आयी
     उसके करीब
     एक चिड़िया 
     और आयी
     चहचहायी 
     सारा आकाश भर गया
     चिड़िया की चहचहाहट से
     जीवन का रीतापन 
     भर नहीं पाया आदमी
     परस्पर मधुर संवाद से !
     
    Emptiness
     A bird alighted;
     Near it another bird
     Came and sang.
     The entire sky
     Resounded with the birds’ singing.
     It’s man only who could not fill
     His life’s emptiness
     With mutual mild talk.
  15. Vidyasagar.Guru
    लज्जा न बेचो
    "शील का पालन सो"
    ढीला ढीला न |
     
    हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
     
    आओ करे हायकू स्वाध्याय
    आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं। आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं। आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं। लिखिए हमे आपके विचार
    क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं। सके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?
  16. Vidyasagar.Guru
    भोर से पहले रात्रि के अंतिम पहर में करीब 2 व 2.30 के करीब सभी दीक्षार्थियों का हुआ केशलौंच   ----- *दीक्षार्थी बिनोली मार्ग-*   _सभी दीक्षार्थी भैयाजियों की मेहंदी एवम गोद भराई की रश्म गौशाला परिसर में ही सम्पन्न हुई।_ _*अब बिनोली की तैयारी पूर्ण। 15 मिनिट में श्री क्षेत्रपाल मन्दिर से बिनोली निकलेगी एवम अटा मन्दिर जी पहुचेगी। केश लॉन्च प्रभात पूर्व होने की संभावना।*_ ■ 8:00PM   न्यूज़ अपडेट    कल ललितपुर के लिए ऐतिहासिक दिन, होंगी भव्य मुनि दीक्षाएं
    कल बुधवार को ललितपुर में नया इतिहास बनने जा रहा है, महोत्सव में तप कल्याणक (दीक्षा कल्याणक)  के दिन आचार्य श्री विद्यासागर जी मुनिराज अपने कर कमलों से साधनारत ब्रह्मचारी भैयागणों को दीक्षाएं प्रदान करने जा रहे हैं। शाम तक मात्र कयास ही लगाए जा रहे थे क्योंकि आचार्यश्री कभी भी दीक्षाओं के लिए पूर्व से तिथि निश्चित नहीं करते हैं। ये खबर दिनभर चर्चाओं में रही। सभी कयासों पर विराम उस समय लग गया जब रात्रि में दीक्षार्थियों की गोद भराई ( विनोली) की रस्म होने लगी।  कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पारस और जिनवाणी चेनल पर किया जाएगा। ललितपुर के इतिहास में कल का दिन स्वर्णिम होने जा रहा है। कयास यह भी लगाया जा रहा है कि नगर के एक-दो भाइयों की भी दीक्षा हो सकती है। 
    संलग्न चित्र :  दीक्षार्थी ब्रह्मचर्य भाइयों की गोद भराई की और मेहदी की रस्म गौशाला परिसर में होते हुए।
    प्रेषक : डॉ सुनील जैन संचय
      ---- जिन ब्रह्मचारी भैया लोगो को दीक्षाये मिलने के संकेत हैं उनका परिचय संभावित सूचि १० -  अभी तक ..... आकाश भैया सागर पिंकेश भैया इंदौर दीपक भैया हरदा अर्पित भैया इंदौर मनीष भैया इंदौर श्रेयांश भैया बुढ़ार अभिषेक भैया (मोनू भैया पनागर) मोनु भैया पथरिया (विपेन्द्र भैया) नितेन्द्र भैया नरसिंहपुर सतीश भैया खुरई  
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
    गोद भराई की रसम और मेंहदी भैया लोगो की चालू हो गयी है
     

     
     
    6 PM
    कल ललितपुर में दीक्षाएं होने जा रहीं हैं, विनोली का कार्यक्रम कुछ देर बाद शुरू हो रहा है।
     
     
    2:15 PM
    ललितपुर में दीक्षा की संभावना बढ़ी। हलचल तेज़।
    परमपूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के हस्तकमलों से ललितपुर में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव में जैनेश्वरी दीक्षा प्रदान की जाने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं।
     
    अभी अभी लगभग 2:15 बजे ब्रह्मचारी गण द्वारा आचार्यश्री जी के कक्ष में जाकर दीक्षा प्रदान करने हेतु श्रीफल समर्पित किया।
     
     
  17. Vidyasagar.Guru
    ललितपुर पात्र चयन
     
    सौधर्म इंद्र- श्रेष्ठि श्री विनोद कामरा परिवार
    कुवेर- श्रेष्ठि श्री ज्ञान चंद जी जैन इमलिया, अध्यक्ष गौशाला।
    महायज्ञनायक - श्रेष्ठि शिखरचंद सराफ परिवार
    राजा श्रेयांस का पात्र बनने का सौभाग्य  श्री वीर चन्द्र जी सर्र्राफ जी के परिवार को प्राप्त हुआ
     
  18. Vidyasagar.Guru
    हरदा - संत शिरोमणी आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज  के आशीर्वाद और दर्शन के लिए आज लोकसभा अध्यक्ष ओम जी बिरला दिल्ली से विमान से इंदौर पहुंचे। 
           इंदौर से rk मार्बल ग्रुप के अशोक जी पाटनी, gma अध्यक्ष राकेश जी मडिया, पूर्व विधायक हीरालाल जी नागर,विशाल जी शर्मा इंदौर के साथ इंदौर से  हेलीकॉप्टर से सभी दोपहर 2 बजे नेमावर पहुचें और आचार्य भगवन के चरणो में पहुचकर उनके उपकार स्वरूप पूर्व में मिले आशीर्वाद से जो जिम्मेदारी बिरला जी को मिली है उसे किस तरह सम्पूर्ण राष्ट्र के हित के किये क्या किया जाये कि भारत विश्व गुरु बनकर भारतीय संस्कृति का डंका पूरे विश्व मे गूंजे हेतु आचार्य भगवन से दिशा निर्देश एवम आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आचार्य श्री से किया। 
         आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज ने धर्म के मार्ग पर चलते हुए देश की सेवा करने का आशीर्वाद प्रदान किया। इसके पश्चात लोकसभा अध्यक्ष श्री बिरला ने सिद्धोदय सिद्ध क्षेत्र की भोजनशाला में प्रसादी ग्रहण की। सिद्धोदय सिद्ध क्षेत्र नेमावर के कार्यकारी अध्यक्ष संजय जैन मैक्स इंदौर ने उन्हें क्षेत्र का साहित्य और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया।
     
     
















  19. Vidyasagar.Guru

    प्रतियोगिता सुचना
    वतन की उड़ान विजेता पुरस्कार वितरण समारोह
    77 विजेताओं की सूची
     
    ऑनलाइन वतन की उड़ान संघोष्टी प्रारंभ
    https://vidyasagar.guru/blogs/entry/3294-post/
     
     
     
    प्रतियोगिता प्रारंभ हो चुकी हैं , आप सभी इसमे 16 अगस्त तक भाग ले सकते हैं  प्रतियोगिता ओपन बुक हैं - आप पुस्तक से पढ़ कर उत्तर दे सकते हैं 
    अब एक अतिरिक्त दिन आपके पास 
     
    गूगल फ़ॉर्म लिंक जिस पर आपको उतर देने हैं उत्तर प्राप्त सूची पंजीकरण करें अगर नहीं किया  हो   
    पुस्तक पढ़ने व डाउनलोड करने के लिए लिंक 
     
    वेबसाईट से पढ़े pdf डाउनलोड करें  
     
    भाग लेने की विधि - कुछ प्रश्नों के उत्तर 
     
     
    प्रतियोगिता जानकारी
    भारत को भारत ही बोलो, इंडिया नहीं का नारा देने वाले राष्ट्रहित चिंतक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की महती कृपा एवं आशीर्वाद से ७७ वें स्वतंत्रता दिवस पर जन-जन में भारतीय इतिहास एवं भारतीयता के प्रति जागरूकता लाने के साथ-साथ राष्ट्र के प्रति समर्पण, सजगता एवं सदभावना बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित हो रही हैं "सोने की चिड़िया एवं लुटेरे अंग्रेज" (लेखक सुरेन्द्र नाथ गुप्ता) पर आधारित विशेष ओपन बुक प्रतियोगिता
     
    वतन की उड़ान  प्रश्न प्रतियोगिता
     
    जिसके माध्यम से प्रत्येक भारतीय को मिलेगा
    भारत का इतिहास किस प्रकार से रचा गया एवं किस प्रकार लोगों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर किया को जानने का सुनहरा अवसर
     

     
    पुस्तक कैसे पढे ?
     
    वेबसाईट से पढ़े ( in process) pdf डाउनलोड करें पुस्तक मँगवाएँ  ( बड़ा फॉन्ट a 4 साइज़ )  
    वतन की उड़ान ओपन बुक प्रश्न  प्रतियोगिता हेतु 
    पुस्तक- सोने की चिड़िया व लुटेरे अंग्रेज  प्राप्ति स्थान 
    आप निम्न स्थानों से पुस्तक ले सकेंगे ( 27 / 28 जुलाई से )
     
    अतिशय क्षेत्र चन्द्रगिरि डोंगरगढ़ 94255-63160  मोनू पंच मेठ औषधि रायपुर 96444-06022 डा० विशाल • डेंटल कालेज बिलासपुर 9893271003 पंच वालयति मंदिर ए.वी. रोड इंदौर 8989505108 उदासीन आश्रम एम०जी० रोड  इंदौर 94254 78846 वर्षी गुरुकुल मढ़िया के सामने ब्र जिनेश जबलपुर 9424690607 नंदीश्वर जिनालय लाल घाटी भोपाल  इंजी. पंकज  94253 74897 मुनि श्री अजित  सागर जी ससंघ / मुनि श्री निर्दोष सागर जी ससंघ / जैन विद्यापीठ भाग्योदय तीर्थ सागरअमित  भैय्या 9340464632  वेबसाईट विद्यासागर डाट गुरु (डिजिटल कौशल) सौरभ जैन जयपुर 96940-78989 विराजमान अक्षय सागर मुनि संघ मीरा रोड भायंदर मुम्बई वेस्ट, ब्र. जय वर्मा भैया    70288-49108 विराजमान  प्रमाणसागर मुनि संघ गुणायतन संजय कुमार सम्मेद शिखर जी  89692-74940 विराजमान नि. पू. सुधासागर जी क्षु.गंभीर सागर जी चातुर्मास स्थल एम.डी. कालेज हरी पर्वत आगरा 9897958176 (राजेश) आर्यिका पूर्णमति माता जी ससंघ चातुर्मास स्थल अहमदाबाद कमल जी कोठारी 9351468484  
     
     
     
       
     
     
     
  20. Vidyasagar.Guru
    11 सितंबर 2023 
    प्रमाण पत्र निम्न लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं 
    https://docs.google.com/spreadsheets/d/1sg4wNtHoVB-Q2wtzbNG0ADBq-al_1Eu5-yXEJnFjofs/edit?usp=sharing
     
     
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