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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Mrs Amita jain

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  1. विद्योदय अथार्त विद्या का उदय अथार्त परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज की संयम यात्रा के आधार पर निर्मित फ़िल्म *● विद्योदय ●* को देखकर मन आनंदित हो गया । देखते समय तो यूँ लग रहा था कि ये फ़िल्म कभी समाप्त ही न हो निरंतर चलती रहे ।_ जिसने इस फ़िल्म को नही देखा वो बहुत पछताएगा । पूज्य मुनि श्री योगसागर जी महाराज , पूज्य मुनि श्री सुधासागर जी ऋषिराज, पूज्य मुनि श्री प्रमाणसागर जी महाराज, ,पूज्य मुनि श्री अभयसागर जी महाराज, पूज्य मुनि श्री अजितसागर जी महाराज , पूज्य आर्यिका माताजी , महावीर भैया(आचार्य श्री के ग्रहस्थ अवस्था के भ्राता), मारुति जी(प्रिय मित्र), श्री पंडित रतनलाल जी बैनाड़ा, श्री अशोक जी पाटनी, बहन सुवर्णा,आदि सभी ने इस फ़िल्म में पूज्य आचार्य भगवन से जुड़े संस्मरण सुनाये वो बहुत प्रेरणादायक है ।_ _फ़िल्म देखकर माता के संस्कार, पिता की जिम्मेदारी, भाई-बहन के परस्पर व्यवहार, पूरा परिवार मुक्ति पथ का राही। मित्र की जीबन भर की मित्रता, गुरु के प्रति सच्चा समर्पण, 50 वर्षो की निर्दोष चर्या। और भी बहुत कुछ है इस फ़िल्म में।कई दृश्य ऐसे आये की आंखे भर आईं।ऐसा लग ही नही रहा था की यह फ़िल्म है बल्कि लगा जैसे यह साक्षात हो रहा है। बहुत मार्मिक पल था।मुकमाटी काव्य का चित्रण भी बहुत सुंदर दर्शाया गया है। हम तो नि:शव्द हैं। नमोस्तु गुरुवर। *पंचम काल भी भाग्य पर अपने* *मन ही मन इतराता है* *वृहद हिमालय अपनी गोद में* *पा हर्षित हो जाता है* *चट्टानों पर पांव धरे तो* *पुष्प वहां खिल जाते है* *मरुथल में विहार करे तो* *नीरकुण्ड मिल जाते है* *चरण धुली जिनकी पाने को* *अम्बर तक झुक जाता हो* *सिद्ध शिला पर बैठे प्रभु से* *जिनका सीधा नाता हो* *वर्तमान के वर्धमान की* *छवि मैं जिनमे पाती हूं* *ऐसे गुरु विद्यासागर को* *अपना शीश नवाती हूँ* ???????????? इस युग का सौभाग्य है के इस युग मे गुरुवार जन्मे।। और हम सब का सौभाग्य है के गुरुवर के युग मे हम जन्मे। गुरुवर के चरणों में बारम-बार नमोस्तु नमोस्तु।।??????????
  2. एक जुट हो मतलब सब एक साथ रहे पर किसी एक के साथ या एक ही से जुड़ कर नही रहे बल्कि सभी से इस तरह जुड़ जाए कि वह बेजोड़ हो जाये ।जब आप सभी से जुड़ जाएंगे तो उसे कोई अलग नही कर सकता।वह जोड़ मजबूत हो जाता है बेजोड़ हो जााता है।
  3. कानपुर नगर की शान में आज 17-7-2018 एक और अध्याय जुड़ गया, जब आचार्य भगवन विद्यासागर जी महाराज के 50वें संयम स्वर्ण महोत्सव के उपलक्ष्य पर बाकरगंज चौराहे पर कीर्ति स्तम्भ का शुभारम्भ हुआ। साथ ही प्लास्टिक पोलीथिन का प्रयोग न करने का संदेश देते हुए कानपुर जैन समाज ने जूट के बैग के माध्यम से स्वच्छ भारत व इंडिया नही भारत का संदेश देते हुए गणमान्य लोगों से उसका विमोचन करा कर बंटवाने का कार्य किया गया। सायंकाल मे श्री गुरूवर का गुणगान करने का सौभगय प्राप्त हुआ। जय हो गुरु विद्यासागर जी महाराज की ??? कानपुर ,उत्तर प्रदेश22.mp4 1150132.mp4
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