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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Mrs Amita jain

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  1. इसमे सभी ज्ञानवर्द्धक उल्लेखों का वर्णन बहुत ही सरलता से समझ जाते है। ज्ञान वर्धन का बहुत ही अच्छा ,सरल साधन है।स्वाध्याय के साथ क्विज तो सोने पे सुहागा है।इससे हमें यह भी समझ आता है कि हम कितने गहन अध्ययन में है और कितना करना चाहिए ताकि स्वाध्याय में निपूर्ण हो । हमारा सौभाग्य है जो संत शिरोमणि का सानिध्य मिला। जय -जय गुरुदेव।
  2. जय जय गुरुदेव शीर्षक : हमेशा पुरूषार्थ करना आचार्य भगवन ने कहा है कि व्यक्ति को हमेशा पुरुषार्थ करते रहना चाहिए।यदि आप किसी बात का दृण संकल्प कर लेते है तो आप उस कार्य को पूरा कर सकते है ।जैसे मछली ने संकल्प कर लिया कि मुझे तो ऊपर जाना है चाहे कितनी भी मुश्किले आये और इस संकल्प के कारण वह बििना पैरो के भी बारिश केे पानी के तेज प्रवाह के बाद भी ऊपर चढ़ जाती है झरने के साथ नीचे नही गिरती ।उसी प्रकार मनुुुष्य भी किसी बात का मन मे संकल्प करें तो वह उसे पूरा कर सकता है।
  3. आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की जय शीर्षक :कर्म निर्जरा का फल भोगना । व्यक्ति यह सोचता है कि वह एक बार कर्म करे और उसका फल उसे जीवन भर मिलता रहे । परंतु जिस प्रकआर चाय पत्ती एक बार प्रयोग के बाद किसी काम की नही रह जाती उसी प्रकार एक बार कर्म का फल भी एक बार ही भोग सकते है बार बार नही भोग सकते है।सदैव अच्छे कर्म करते रहे तो उसका फल भी मिलता रहेगा। जय जिनेन्द्र
  4. कर्म निर्जरा का फल भोगना। एक बार कर्म का फल एक ही बार भोग सकते है।व्यक्ति यह सोचता है कि वह
  5. नमोस्तु गुरुवर,नमोस्तु गुरूवर,नमोस्तु गुरूवर शीर्षक: पंचइन्द्रियों को नियंत्रित कर मन एकाग्र करना । हम आचार्य श्री के चरणों की धुल भी नही हैं तो उनकी मधुर वाणी को अपने शव्दों में वर्णीत कैसे कर सकते हैं ।
  6. कानपुर नगर की शान में आज 17-7-2018 एक और अध्याय जुड़ गया, जब आचार्य भगवन विद्यासागर जी महाराज के 50वें संयम स्वर्ण महोत्सव के उपलक्ष्य पर बाकरगंज चौराहे पर कीर्ति स्तम्भ का शुभारम्भ हुआ। साथ ही प्लास्टिक पोलीथिन का प्रयोग न करने का संदेश देते हुए कानपुर जैन समाज ने जूट के बैग के माध्यम से स्वच्छ भारत व इंडिया नही भारत का संदेश देते हुए गणमान्य लोगों से उसका विमोचन करा कर बंटवाने का कार्य किया गया। सायंकाल मे श्री गुरूवर का गुणगान करने का सौभगय प्राप्त हुआ। जय हो गुरु विद्यासागर जी महाराज की ???
  7. आज गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर हे गुरुदेव ! आपके श्रीचरणों में अनंत कोटि प्रणाम.... आप जिस पद में विश्रांति पा रहे हैं, हम भी उसी पद में विशांति पाने के काबिल हो जायें.... अब आत्मा-परमात्मा से जुदाई की घड़ियाँ ज्यादा न रहें.... ईश्वर करे कि ईश्वर में हमारी प्रीति हो जाय.... प्रभु करे कि प्रभु के नाते गुरु-शिष्य का सम्बंध बना रहे. *गुरूपूर्णिमा की हार्दिक बधाइयाँ*
  8. कानपुर नगर की शान में आज 17-7-2018 एक और अध्याय जुड़ गया, जब आचार्य भगवन विद्यासागर जी महाराज के 50वें संयम स्वर्ण महोत्सव के उपलक्ष्य पर बाकरगंज चौराहे पर कीर्ति स्तम्भ का शुभारम्भ हुआ। साथ ही प्लास्टिक पोलीथिन का प्रयोग न करने का संदेश देते हुए कानपुर जैन समाज ने जूट के बैग के माध्यम से स्वच्छ भारत व इंडिया नही भारत का संदेश देते हुए गणमान्य लोगों से उसका विमोचन करा कर बंटवाने का कार्य किया गया। सायंकाल मे श्री गुरूवर का गुणगान करने का सौभगय प्राप्त हुआ। जय हो गुरु विद्यासागर जी महाराज की ???
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