Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
अंतरराष्ट्रीय मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता 1 से 5 जून 2024 ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Yug dhirawat

Members
  • Posts

    229
  • Joined

  • Last visited

 Content Type 

Forums

Gallery

Downloads

आलेख - Articles

आचार्य श्री विद्यासागर दिगंबर जैन पाठशाला

विचार सूत्र

प्रवचन -आचार्य विद्यासागर जी

भावांजलि - आचार्य विद्यासागर जी

गुरु प्रसंग

मूकमाटी -The Silent Earth

हिन्दी काव्य

आचार्यश्री विद्यासागर पत्राचार पाठ्यक्रम

विशेष पुस्तकें

संयम कीर्ति स्तम्भ

संयम स्वर्ण महोत्सव प्रतियोगिता

ग्रन्थ पद्यानुवाद

विद्या वाणी संकलन - आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रवचन

आचार्य श्री जी की पसंदीदा पुस्तकें

Blogs

Events

Profiles

ऑडियो

Store

Videos Directory

Everything posted by Yug dhirawat

  1. घाटोल 26-09-2023 *आपके दान की चर्चा पूरे विश्व में हो।* *अनीति पूर्वक आया धन 11वें वर्ष में नष्ट हो जाता है।* *गौशाला के लिए दान देने वाले का अकाल मरण नही होता है* *गरीबो को दान दो और कीर्ति कमाओ ।* *मुनि श्री* (आठवां दिन दश लक्षण महापर्व उत्तम त्याग धर्म) श्री वासुपूज्य दिगंबर जैन मंदिर घाटोल जिला बांसवाड़ा राजस्थान मे आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में एवं ब्रह्मचारी रजनीश भैया जी रहली के निर्देशन में दशलक्षण महापर्व उत्तम त्याग धर्म के अंतर्गत मांगलिक क्रियाएं संपन्न हुई । मूल उपनयन संस्कार के ड्रा का परिणाम घोषित हुआ दीपक मुंगानिया की ओर से पुरूस्कार प्रदान किये गए।मुनि श्री धर्म सागरजी का दूसरा उपवास था। इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि तप तो कर रहे है पर दान नही कर रहे है तो यह ठीक नही है ,जो दान प्रिय वचनों के साथ दिया जाता है वज महत्वपूर्ण होता है, अवसर पर दिया गया दान अमूल्य हो जाता है , 700 वर्ष बाद सौभाग्य जागा है तब आपने रजत वेदी और गर्भगृह बनाया है, करोड़ो में एक होता है दानी , दान देने से अनंत गुना फल मिलता है , आपके दान की चर्चा पूरे विश्व में हो।मुनि श्री अनंत सागरजी महाराज ने सामायिक पाठ की व्याख्या की। मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि त्याग धर्म है दान पुण्य है , त्याग से ही इस जगत में यश का लाभ होता है , त्याग का मतलब दान होता है , दान अंश का होता है त्याग सर्वस्व का होता है , हमारे देश में त्यागी की पूजा होती है और दानी की प्रशंसा होती है, जो धन सम्पन्नता के साथ उदारता अपनाता है दुनिया उसे हृदय में विराजती है, तुम्हारे द्वारा जोड़े गए धन से समाज का कल्याण हो, धर्म की प्रभावना हो ,संस्कृति की रक्षा हो, मानवता की सेवा हो, त्याग ही जीवन मे सम्मान करता है, जीव को ऊपर उठाता है ,शांति का सोपान है ,मुक्ति का मार्ग है, जीवन का सौंदर्य है, दान जीवन को संवारता है , त्याग बुराइयों का होता है, दान अच्छी चीजों का, गरीबो को दान दो और कीर्ति कमाओ ,अनीति पूर्वक आया धन 11वें वर्ष में नष्ट हो जाता है ,चोरी का धन तीन पीढ़ी से ज्यादा नही रहता है ,गौशाला के लिए दान देने वाले का अकाल मरण नही होता है|
  2. घाटोल 24-09-2023 *240 घंटे तक बिना भोजन और जल के कर रहे है उपवास* *725 वर्ष के इतिहास में प्रथम बार 1008 विशेष कलशों से होगा अभिषेक एवं दुनिया का प्रथम विशेष निर्वाण लाडू अर्पण किया जाएगा।* *संकल्प से बंधने पर बड़े बड़े कार्य सिद्ध हो जाते है* *जिन्होंने उपवास किए है हिम्मत का कार्य किया है* * *मुनि श्री* छटवां दिन दश लक्षण महापर्व उत्तम संयम धर्म श्री वासुपूज्य दिगंबर जैन मंदिर घाटोल जिला बांसवाड़ा राजस्थान मे आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में एवं ब्रह्मचारी रजनीश भैया जी रहली के निर्देशन में दशलक्षण महापर्व उत्तम संयम धर्म के अंतर्गत 24 सितंबर को प्रातः काल प्रतिदिन प्रभात फेरी निकाली जा रही है जिसमे बच्चो को पुरस्कार दिए जा रहे है फिर मांगलिक क्रियाएं संपन्न हो रही है संगीत की स्वर लहरियों से राजेश शाह भजनों की प्रस्तुति दे रहे है इसके पश्चात लोगो ने शास्त्र दान का सौभाग्य प्राप्त किया दोपहर में मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज के द्वारा सामयिक पाठ की कक्षा का लाभ मिल रहा है, इसके बाद तत्वार्थ सूत्र का वाचन चल रहा है और मुनि श्री विमल सागर जी महाराज के द्वारा तत्वार्थ सूत्र ग्रंथ की व्याख्या चल रही है , शाम को मुनि श्री भाव सागरजी महाराज के द्वारा ध्यान एवं प्रातः काल की बेला में मुनि श्री विमल सागरजी द्वारा ध्यान करवाया जा रहा है,रात्रि में प्रतिदिन ब्रह्मचारी भैया जी के प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम,प्रतियोगिता चल रही है, 725 वर्ष के इतिहास में प्रथम बार विशेष कलशों से मूलनायक श्री वासुपूज्य भगवान के मोक्षकल्याणक महोत्सव 28 सितंबर को महामस्तकाभिषेक होगा एवं दुनिया का पहला विशेष निर्वाण लाडू अर्पण किया जाएगा इन लोगो ने आज नौवाँ उपवास किया यानि लगभग 240 घंटे तक बिना भोजन और जल के कर रहे है उपवास लगभग 100 लोगों ने लागातार पांच से अधिक उपवास किये है। इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि यह पर्व कर्म काटने के लिए आए है दस दिन में तो कुछ संयम का पालन करके लोग भक्ति,जाप,पूजा,उपवास कर लेते है लेकिन संयम की बात आती है तो पीछे रह जाते है संयम ही तीन लोक का नाथ बनाता है आदमी को जिन्होंने उपवास किए है हिम्मत का कार्य किया है 355 दिन असंयम में निकलता है व्यक्ति मूलनायक श्री वासुपूज्य भगवान का 1008 कलशो से महामस्तका अभिषेक होना चाहिए मोक्ष कल्याणक भगवान का ऐसा मनाना चाहिए की अलग ही आनंद आए आपकी दरिद्रता दूर हो अभिषेक करने से, अपने जीवन में शराब आदि नशे का सेवन नहीं करे, फास्ट फूड में मांस डला रहता है सुअर की चर्बी डलती है इनका त्याग करे, संकल्प से बंधने पर बड़े बड़े कार्य सिद्ध हो जाते है, मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने कहा कि इंद्रिय और मन पर लगाम लगाना संयम है, मन और इन्द्रियों के गुलाम है आप, संसारी प्राणी दिन रात खोटे कार्य में लगा है,आज संयम का दिन है, पल पल प्रसन्न रहे की हमने संयम धारण किया है, गाड़ी एक बार खरीदते है पेट्रोल प्रतिदिन डलवाना पड़ता है, आप अपने जीवन को असंयम से संयम की ओर मोड़ ले, आत्मा की सुरक्षा के लिए कभी कवच लगाया है क्या मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि जिनके पावो में चलने की तमन्ना नृत्य कर रही है जिन्हे कही पहुंचने की जिद है वे फिर थके हारे बैठे रह कर समय को सरकने नही देते वे रास्ता खोजते है राह ढूंढते है
×
×
  • Create New...