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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Yug dhirawat

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  1. घाटोल 28-10-2023 *आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का 77 वां अवतरण दिवस धूमधाम से मनाया गया* *आचार्य श्री की 1500 पूजन लिखी गई है जो वर्ल्ड रिकॉर्ड है* *हमारे साथ सर्प विश्राम करते है* **भारत को उन्नत बनाने के लिए सूत्र देते रहते है* *30 घंटे खड़े होकर ध्यान लगाया* *हथकरघा के माध्यम से कैदियों को बुरी आदतों से दूर करके आजीविका का साधन प्रदान किया* श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर घाटोल जिला बांसवाड़ा राजस्थान में सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज मुनि श्री भाव सागर जी महाराज के सानिध्य में सर्वश्रेष्ठ साधक परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का 77 वां अवतरण दिवस 28 अक्टूबर 2023 को पूरे विश्व सहित घाटोल में शनिवार को प्रातः काल की बेला में आचार्य श्री की महापूजन ,शास्त्र अर्पण ,पाद प्रक्षालन. सांस्कृतिक कार्यक्रम,वृक्षारोपण, गरीबों को भोजन,औषधि,वस्त्रदान, मिष्ठान वितरण के साथ मनाया गया, पंचमहागुरू ग्रुप का गठन किया गया ,इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि 77 का अंक महत्वपूर्ण है, आचार्य श्री ने नैनागिर में कहा था कि हमारे साथ सर्प विश्राम करते है ,आचार्य श्री की महान तपस्या, साधना है, जन्म की शुरुआत खोटे कार्यों से करेंगे तो वर्ष खराब होगा ,जैसा मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने बताया है कि विद्याधर के जन्म होने के बाद देश स्वतंत्र हो गया था ,इस जगत में प्रभु और गुरु महत्वपूर्ण है और सर्वश्रेष्ठ है ,गुरुदेव ने इतना बड़ा उपहार दिया है ,भारत को उन्नत बनाने के लिए सूत्र देते रहते है, मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने कहा कि आचार्य श्री ज्ञान सागर जी महाराज ने कहा था कि विद्या सागर जी एक नया इतिहास रचेंगे, एक बार आचार्य श्री ने 30 घंटे खड़े होकर ध्यान लगाया था , मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि आचार्य श्री ने जन्म लेकर इस धरती को धन्य किया, आचार्य श्री के जन्म होने के बाद देश आजाद हुआ ,आचार्य श्री अध्यात्म के ऐसे प्रखर वक्ता है जिन्होंने अपने कृतित्व से साधुता को सार्थक करते हुए भारतीय संस्कृति की गरिमा को अक्षुण्ण बना रखा है, विद्याधर बचपन से ही अपनी बंद मुट्ठियों में अद्भुत आत्म संपदा और सुकोमल पगतलियों से सारा मोक्षमार्ग पांव पांव चलकर तय करने की क्षमता लेकर जन्मे थे, जो संतो के हिमालय है, उनके यश के फैलाव के समक्ष एशिया महाद्वीप का क्षेत्रफल छोटा लगने लगता है, उनकी चिंतन मनन की गंभीरताए प्रशांत सागर को उथला कर देती है ,उन्होंने हिंसा के तांडव के बीच गौशालाये खोलकर अहिंसा का शंखनाद किया ,हथकरघा के माध्यम से कैदियों को बुरी आदतों से दूर करके आजीविका का साधन प्रदान किया, आचार्य श्री ने 51 हजार किलोमीटर की पद यात्रा की है ,1100 गायों की रक्षा के लिए रोग में कष्ट होने पर भी देखने गए ,आचार्य श्री की 1500 पूजन लिखी गई है जो वर्ल्ड रिकॉर्ड है।
  2. *जीवन उपयोगी सूत्र* संत मुखारविंद: मुनि श्री भावसागर जी महाराज https://drive.google.com/drive/folders/10u5CXZGLUqEtHPxbPCiU2DrOGktQz3V6 🌸🌺🌸🌼🪷
  3. घाटोल 25-10-2023 *कोल्डड्रिंक से होती है खतरनाक बीमारियां — मुनि श्री* * *आर .एस .एस .के सदस्यों ने होने वाले कार्यक्रम के लिए मुनि संघ को आमंत्रण दिया* * **पंचकल्याणक की तैयारियों को लेकर समाज की बैठक संपन्न हुई* श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में 25 अक्टूबर को घाटोल में पंचकल्याणक की तैयारियों को लेकर समाज की बैठक संपन्न हुई जिसमे पंचकल्याणक समिति बनायी गई और भी पदो का वितरण किया गया, आर एस एस के सदस्यों ने 29 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम के लिए मुनि संघ को आमंत्रण दिया , , इस अवसर पर धर्म सभा को ,संबोधित करते हुए मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि एक अध्ययन की रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि कोल्डड्रिंक, साफ्ट ड्रिंक या डिब्बा बंद फलों के रस पीते है तो आप , घर बैठे डायबिटीज और दिल की बीमारियों को न्यौता दे रहे है अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की वार्षिक कांफ्रेंस में यह दावा किया गया था यह दावा किया गया था और कांफ्रेंस में कहा गया था कि कोल्डड्रिंक पीने की आदत में बढ़ोत्तरी के चलते अब दिल की बीमारियों के हजारों नए मामले सामने आ रहे है अध्ययन के मुताबिक, अमेरिका में एक लाख तीस हजार अतिरिक्त मौतें हुईं दिल की बीमारियों के 14 हजार नए मामले सामने आए। फलों के ताजे रस को छोड़ कर कोई भी ड्रिंक मोटापा बढ़ाता है, इसके कारण अमेरिका में 6000 अतिरिक्त मौते हुई इसलिए कोल्डड्रिंक का त्याग करना चाहिए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने जीवन उपयोगी सूत्र बताए
  4. घाटोल 22-10-2023 *ईर्ष्या करने से होती है खतरनाक बीमारियां* श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर घाटोल जिला बांसवाड़ा राजस्थान में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री भावसागर जी महाराज ने कहा कि दुर्भावना का शरीर पर विशेष प्रभाव पड़ता है अपने स्वरूप में मानव मन जितना पावन होता है उतना ही इस मन में दुर्भावनाओं का गहरा प्रभाव भी प्रायः हो जाता है। जिनसे मन विकृत होता है इस मन विकृति का दुष्प्रभाव शरीर की नियमित और स्वस्थ प्रक्रिया पर अवश्य ही पड़ता है। वर्तमान युग वैज्ञानिक होने के कारण अब उन तथ्यों की गहराई तक पहुँचना संभव हो सका है जिससे मन की दुर्भावनाओं का शरीर की प्रक्रिया पर पड़ा हुआ दुष्प्रभाव और उनके कारणों को स्पष्ट किया जा सकता है। अनेक वैज्ञानिक शोधों के उपरांत यह प्रमाणित हुआ है। कि घृणा, ईर्ष्या, बेइमानी, चिंता, कंजूसी, अकड़, प्रमाद और अहम का मानव हार्मोस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जिससे अनेक प्रकार की बीमारियाँ भी शरीर पर अपना कब्जा कर लेती है। किस दुर्भावना का कौनसे हार्मोंस पर प्रभाव पड़ता है और उससे यह बीमारियाँ हो सकती हैं। चालाकी से थाइरोक्सिन, इंसुलिन, एड्रीनोलिन का अल्पस्राव, प्रभाव-थाइराइड, डायबटीज, कैंसर, उच्च रक्तचाप, एलर्जी दुर्भावना-घृणा, ईर्ष्या, जलन, चिंता बेइमानी, हार्मोन-वसोप्रेसिन टेस्टोस्टेरान एण्ड्रोजन गोंडा ट्रापित आक्सीटोसिन का अल्प स्राव प्रभाव-नपुंसकता, बांझपन, शीघ्र स्खलन, चिड़चिड़ाहट, अनिद्रा जिद्दी स्वभाव, दुर्बलता दुर्भावना-कंजूसी, आलस्य, प्रमाद, हार्मोन-हाइपोथेलेमस, अक्रिपमिस्सीमीडिमा सेलोनिम सेरोटोनिन का अल्प स्राव,प्रभाव- कब्ज, अल्सर, एसीडिटी, डिप्रेशन, हाथ-पैरों में दर्द मोटापा दुर्भावना-अकड़, अहंकार हार्मोन-पेराथेमिन केलेटोनोमिन थायरोक्सिन वेसीप्रेसिन ग्लकोकार्टिको स्टेराइड का अल्प स्राव,प्रभाव-ऑस्टियोपोरोसिस, गठिया, प्रोस्टेट, किडनी समस्या, मोटापा इस सब तथ्यों के आधार पर अब यह कहना बाकी नहीं रह जाता कि दुर्भावना का स्वास्थ्य और शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इस तरह के वैज्ञानिक शोधों के माध्यम से आए हुए प्रतिवेदनों पर भरोसा करने के बाद यह बात भी हमें स्वीकार करनी होगी कि हजारों वर्ष पहले दिगम्बर जैन आचार्यों ने दुर्भावना के जो दुष्परिणाम बताए थे वे भी सदैव प्रासंगिक रहेंगे।
  5. घाटोल 20-10-2023 *किसी की जिंदगी में कड़वाहट न घोलें* *जैन समाज खुणादरी ने पंचकल्याणक कराने हेतु श्रीफल अर्पण किया* *पंचकल्याणक की तैयारियों को लेकर पूरी समाज की बैठक संपन्न हुई अध्यक्ष का चयन हुआ* श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में 20 अक्टूबर को सकल दिगंबर जैन समाज खुणादरी जिला डूंगरपुर ने पंचकल्याणक कराने हेतु श्रीफल अर्पण किया ज्ञात हो कि आर्यिका श्री पूर्णमति माताजी ससंघ के मार्गदर्शन में मंदिर का कार्य चल रहा है इसी क्रम में निंबाहेड़ा जिला चित्तौड़गढ़ राजस्थान में भी पंचकल्याणक होना है वहां के लोगो ने भी श्रीफल अर्पण किया था इस मंदिर का मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज के निर्देशन में कार्य चल रहा है घाटोल में पंचकल्याणक की तैयारियों को लेकर पूरी समाज की बैठक संपन्न हुई जिसमे पंचकल्याणक समिति का अध्यक्ष धनपाल लालावत को बनाया गया और भी पदो का वितरण किया जाएगा, आकाश जैन स्काइकिंग इंदौर ने हजार वर्ष तक सुरक्षित रहने वाले ताड़ पत्र पर उत्कीर्ण ग्रंथ के बारे में जानकारी दी इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री भाव सागर जी महाराज ने कहा कि अच्छा जीवन जीना स्वयं में बहुत बड़ी कला है और मीठा बोलना उस कला का महत्वपूर्ण हिस्सा है। क्योंकि बोलने की कला में ही लोकप्रियता का राज छिपा हुआ है । कुछ 'लोग वाणी के कारण औरों के दिलों से उतर जाते हैं तो कुछ इसी वाणी के चलते औरों के दिलों में बस जाया करते हैं। हम इस तरह बोलें कि दूसरों का दिल आग आग नहीं, बाग- बाग हो जाए। याद रखें, चेहरे की सुंदरता पाउडर लगाने से नहीं मधुर मुस्कान और मीठी जुबान से होती है । आदमी की पहचान परिधान से नहीं, जुबान से होती है। अगर जबान पर घाव लग जाए तो 24 घंटे में ठीक हो जाता है, पर जबान से घाव लग जाए तो ठीक होने में 24 वर्ष भी कम पड़ जाते हैं। शरीर में सबसे अच्छी चीज भी जबान है और बुरी चीज भी जबान है । यह जबान कैंची भी है और सुई धागा भी । हम जबान से कैंची की तरह रिश्तों को काटे नहीं वरन सुई-धागे की तरह टूटे रिश्तों को साधने की कोशिश करें । इतिहास इस बात का गवाह "है कि जहाँ रावण ने कड़वे वचनों के कारण अपने प्रिय धर्मात्मा भाई विभीषण को खो दिया था वहीं विभीषण ने मीठे वचनोंको से भाई के शत्रु राम को भी अपना बना लिया था । माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को केवल चलना ही न सिखाएं वरन् बोलना भी सिखाए। परिवार में सास-बहू, पिता- पुत्र, भाई-भाई, देवरानी-जेठानी के बीच होने वाले झगड़े धन-दौलत जमीन-जायदाद के कारण कम, कड़वी जबान के कारण ज्यादा होते हैं। अगर आप काले हैं तो इस तरह बोलें कि आपका सांवलापन ढंक जाए और आप गोरे हैं तो इस तरह बोलें कि आपके रंग में चार चांद लग जाएँ। गोरा व्यक्ति भी अगर कड़वा बोलेगा तो दुत्कारा जाएगा, पर काला व्यक्ति भी अगर मीठा बोलेगा तो हर जगह आदर पाएगा। जैसा बोलेंगे वैसा मिलेगा दुनिया एक अनुगूंज है । यहाँ व्यक्ति को वही मिलता है जैसा वह औरों को दिया करता है। यहाँ मिठास के बदले मिठास और खटास के बदले खटास लौटकर आती है। अगर हम सबसे मिठास पाना चाहते हैं तो सबको मिठास देना शुरु कर दें। हमसे धर्म-कर्म हो तो अच्छी बात है और न हो तो भी कोई दिक्कत नहीं, पर भूल चूककर भी किसी की जिंदगी में कड़वाहट न घोलें क्योंकि इससे बढ़कर कोई पाप नहीं होता। लोकप्रिय बनना है तो बोलना सीखें। जब भी बोलें आदर -अदब से बोलें। छोटों को भी आप कहकर बुलाएं। बड़ों के नाम से पहले श्री व बाद में जी लगाएं। जब भी बोलें आत्म-विश्वास के साथ व श्रेष्ठ बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए बोलें। मिठास से व मुस्कुराते हुए बोलें । औरों की प्रशंसा करते हुए बोलें। सासुएं बहुओं को डांटना बंद करें और उनकी प्रशंसा करना शुरू करें। मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज ने जीवन उपयोगी सूत्र बताए मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज ने जीवन में अध्यात्म केसे लाए यह बताया मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि खुणादरी के श्री आदिनाथ भगवान अतिशयकारी है आप लोग माला फेरे जिससे जल्दी से जल्दी पंचकल्याणक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से संपन्न हो।
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