घाटोल 01-10-2023
*तीन संतान होना चाहिए एक देश के लिए, एक समाज के लिए, एक अपने लिए।*
*जिसके हृदय में प्रभु विराजमान रहते हैं डर समाप्त हो जाता है*
*देश का सबसे मूल्यवान खजाना होते हैं युवा*
*देश में नेतृत्व हमेशा लगभग 1% लोग करते हैं*
श्री वासूपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य
मुनि श्री विमल सागर जी महाराज
मुनि श्री अनंत सागर जी महाराज
मुनि श्री धर्म सागर जी महाराज
मुनि श्री भाव सागर जी महाराज के सानिध्य में मांगलिक क्रियाएं संपन्न हुई,
कमेटी ने जानकारी दी कि 1 अक्टूबर को 16 उपवास करने वालो का पारणा महोत्सव सम्पन्न हुआ जिसमे कई स्थानों से लोग शामिल हुए थे , दोपहर में श्री आदिनाथ मंदिर से श्री वासुपूज्य मंदिर वापस आई इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री विमल सागर जी महाराज ने कहा कि पूजन से अष्टम वसुधा प्राप्त होती है, ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपने जीवन में प्रथम बार 16 उपवास किए हैं, अच्छी क्रियाओं का लोप नहीं होना चाहिए, धूप चढ़ाने से पुण्य की वृद्धि होती है, दीपक से प्रकाश फैल जाता है, एक व्यापारी ने केसर की गाड़ी मंदिर की नींव में डलवा दी थी,यह कहलाती है भक्ति, जिसके हृदय में प्रभु विराजमान रहते हैं डर समाप्त हो जाता है, पूजन के बिना भोजन नहीं करना चाहिए, एक दिन की पूजा का फल इतना मिलता है कि अन्य कार्य से बराबरी नहीं कर सकते है, पूजन नहीं कर पाते हैं तो दूसरे दिन डबल द्रव्य से पूजन करना चाहिए, सूतक में पूजन नहीं हो पाती है इसलिए बाद में विधान करते हैं।
मुनि श्री भावसागरजी महाराज ने कहा कि आपने अपने संस्कार बदल दिए हैं, पहले सिर की चोटी-छोडी फिर पगड़ी, चंदन तिलक, कुर्ता पजामा, धोती कुर्ता सब छोड़ दिया है, पैसे कमाने के चक्कर में बच्चों को आया पालती है,चोटी से बुद्धि बढ़ती है, देश का सबसे मूल्यवान खजाना होते हैं युवा, युवा अवस्था जीवन का सबसे बेहतर समय है, युवा शक्ति है जो अमूल्य निधि है जो असंभव को संभव करने की अपार क्षमता, सामर्थ्य रखते है, अपनी शक्ति साहस व शौर्य से नया इतिहास लिखें, मैं अकेला क्या कर सकता हूं इसके बजाय हमेशा यह सोचे कि मैं क्या नहीं कर सकता हूं, दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है सब कुछ संभव है, यह जीवन धर्म की सेवा एवं भक्ति के लिए मिला है, क्षमा देने और मांगने से हृदय निर्मल होता है, मन का एक एक कोना साफ कर लो किसी से कुछ अनवन है तो आपस में मिटा ले, क्षमायाचना करके हृदय साफ कर लो और मन की किताब साफ करलो नहीं तो भूल चुभेगी शूल की तरह, देश में नेतृत्व हमेशा लगभग 1% लोग करते हैं, 90% लोग उन 1% लोगों की मुख्य शक्ति होते हैं, तथा 80% लोग इन 10% लोगों का अनुशरण करते हैं, तीन संतान होना चाहिए एक देश के लिए, एक समाज के लिए, एक अपने लिए। मुनि श्री अन्नतसागर जी महाराज ने अनेक जीवन उपयोगी बात बताई ।