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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Aashika jain

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Posts posted by Aashika jain

  1. जिनके होने से मैं खुद 

    को मुक्कम्मल मानता हूँ,

    मैं ईश्वर से पहले, 

    मेरे गुरु को जानता हूँ।

  2. रुके तो चाँद जैसे, 

    चले तो हवाओं जैसे, 

    वो सिर्फ गुरु ही है, 

    जो धूप में भी लगे छाँव जैसे। 

  3. सख्त राहों में भी हमें, 

    आसान सफर लगता है,

    यह मेरे गुरु की दुआओं, 

    का ही असर लगता है।

     

     

  4. जो शिक्षा का ज्ञान दे ,

    उसे शिक्षक कहते है,

    जो खुशियों का वरदान दे, 

     उसे हमारे गुरु कहते है । 

     

  5. मुसीबतों ने जब भी हमें, 

    काले बादल की तरह घेर लिया,

    जब कोई राह नजर नहीं आई,   

    तो गुरु ने आकर समेट लिया।

  6. गुरु ही आदर्श हैं, 

    उन्ही के दिए संस्कार हैं, 

    बिना हमारे गुरु के तो, 

    यह जीवन भी बेकार है। 

  7. एक  ही नहीं - सौ जन्म 

    भी गुरु पर कुर्बान है, 

    वो सिर्फ हमारे गुरु ही नहीं, 

    वह तो साक्षात भगवान है। 

  8. हमारे लिए हमारे गुरु ही, 

    दुनियाँ की सबसे खास हस्ती है, 

    उनके कदमों में ही, 

    तो हमारी पूरी दुनियाँ बस्ती है। 

  9. जब से गुरु को देखा, 

    न जाने कब सुबह से शाम होगयी। 

     जब से उनके दरबार में कदम रखा, 

    पूरी जिंदगी ही गुरु के नाम होगयी। 

     

  10. जिसने जिंदगी को समझाकर 

    हमें जीना सिखाया है, 

    वो मेरे गुरु है, 

    जिनमें भगवान का साया है। 

     

  11. बिगड़े हुए हालातों की 

    तस्वीर बदलती देखी है, 

    गुरु की दुआएं से हर शख़्स

    की तकदीर बदल देती है। 

  12. दुनिया में एक फरिश्ता, 

    हमने ऐसा महान देखा, 

    जब भी गुरु को देखा, 

    लगा की साक्षात भगवान देखा। 

  13. अंत भी गुरु है, 

    आरंभ भी गुरु है, 

    दुखों को मिटाने वाले, 

    खुशियों का प्रारंभ भी गुरु है। 

     

  14. मोह माया से दूर

    अपनी मस्ती में जीते हैं, 

    गुरु के भगत हैं हम, 

    शांति का अमृत तो हम भी पीते हैं। 

     

  15. गुरु वो नहीं होते,

    जो तस्वीरों में साथ देते है। 

    गुरु वो होते है, 

    जो तकदीरों में साथ देते है।

  16. इतना सच्चा और गाढ़ा हो, 
    हमारा गुरु के प्रति विश्वास,
    पूरे जग के हृदय में , 
    सिर्फ गुरु ही सदा करे वास। 

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