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मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

Aashika jain

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Posts posted by Aashika jain

  1. गरज उठता गगन सारा, 

    समंदर भी छोड़े अपना किनारा, 

    हिल जाता जहाँ सारा, 

    जब गूंजता मेरे गुरु का नारा।। 

     

  2. जैसे सूरज के प्रकाश बिना 

    दिन में उजास नहीं होती, 

    वैसे ही गुरु नाम के बिना

    दिन की शुरुवात नहीं होती।

     

  3. बदल जाओ वक्त के साथ, 

    या वक्त बदलना सीखो, 

    गुरु के चरणों में रहकर ही, 

    जीवन में आगे बढ़ना सीखो।। 

     

  4. आसमां में चाहे हो
    कितने भी तारे, 
    पर विद्यागुरु ही है , 
     इस धरती के सितारे, 
    चाँद की चांदनी भी, 
    क्या प्रकाश फैला पायेगी? 
    जब मेरे गुरु की आभा 
    पर उसकी नज़र जायेगी।
    शरद पूर्णिमा के चाँद , 
    से शीतलता हमने पाई है,  
    हर जन्म में मिले विद्यागुरु, 
    बस यही प्रार्थना दोहराई है।। 
     

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  5. आसमां में चाहे हो
    कितने भी तारे, 
    पर विद्यागुरु ही है , 
     इस धरती के सितारे, 
    चाँद की चांदनी भी, 
    क्या प्रकाश फैला पायेगी? 
    जब मेरे गुरु की आभा 
    पर उसकी नज़र जायेगी।
    शरद पूर्णिमा के चाँद , 

    से शीतलता हमने पाई है,  
    हर जन्म में मिले विद्यागुरु, 
    बस यही प्रार्थना दोहराई है।। 

  6. जो कल था उसे भूलकर तो देखो,

    जो आज है उसे जीकर तो देखो, 

    आने वाला कल अपने आप संवर जाएगा, 

    एक बार गुरुचरणों में बैठकर तो देखो।। 

     

  7. दीपक सा होते है गुरु, 

    फैलाते ज्ञान का प्रकाश, 

    सिखा देते सबकुछ उन्हें, 

    जो कर लेते गुरु पर विश्वास।।

  8. गुरु को पूजना तो, 

    मेरा हर दिन काम है, 

    पर मेरे हर रोम रोम में, 

    सिर्फ गुरु का ही नाम है।। 

  9. धरती और अम्बर भी देखो, 

      हर समय यही तराना गाते हैं, 

    गुरु के ऐसे तप को देखकर , 

    जंगल भी मंगल हो जाते है। 

     

  10. दिव्य ज्ञान की ज्योति जलाकर, 

    मन को आलोकित किया है, 

    हमें शिक्षा और ज्ञान का धन देकर, 

    जीवन को सुखमय किया है। 

     

  11. दुनिया के रैन बसेरे में, 
    पता नही कितने दिन रहना है, 
    रख दो सिर गुरु चरणों में, 
    बस यही  जीवन का गहना है। 
     

  12. गुरु के दरबार में दुनिया बदल जाती है

    रहमत से हाथ की लकीर बदल जाती है। 

    लेता है जो भी दिल से गुरु का नाम, 

    एक पल में उसकी तकदीर बदल जाती है। 

     

  13. गुरुवर को जिसने ध्याया, 

    उसका ही उद्धार हुआ,

    अंत काल में भवसागर ,

    से उसका ही बेड़ा पार हुआ। 

  14. कैसे कह दें कि हमारी 

    हर पुकार बेकार हो गई, 

    हमने जब गुरु को पुकारा, 

    हर ख़्वाईश पूरी हो गई। 

     

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