चिराग़ नहीं,
आग जलाऊँ, ताकि,
कर्म दग्ध हों।
हायकू जापानी छंद की कविता है इसमें पहली पंक्ति में 5 अक्षर, दूसरी पंक्ति में 7 अक्षर, तीसरी पंक्ति में 5 अक्षर है। यह संक्षेप में सार गर्भित बहु अर्थ को प्रकट करने वाली है।
आओ करे हायकू स्वाध्याय
आप इस हायकू का अर्थ लिख सकते हैं।
आप इसका अर्थ उदाहरण से भी समझा सकते हैं।
आप इस हायकू का चित्र बना सकते हैं।
लिखिए हमे आपके विचार
क्या इस हायकू में आपके अनुभव झलकते हैं।
इसके माध्यम से हम अपना जीवन चरित्र कैसे उत्कर्ष बना सकते हैं ?