मेरे दुःख के दिनों में वो, बड़े काम आते है.....2
जब कोई नहीं आता मेरे गुरुवर आते है,
मेरे दुःख..............
मेरी नैया चलती है, पतवार नहीं होती,
मुझे और किसी की फिर दरकार नहीं होती
मैं डरता नहीं रस्ते, जहाँ सुनसान होते है,
मेरे दुःख..............
ये इतने बड़े होकर दीनो से प्यार करते,
अपने भक्तो के संकट, क्षण भर में दूर करते,
ये बिन बोले भक्तो की बात जान लेते है,
मेरे दुःख..............
कोई इनको याद करें, दु:ख हल्का होता है,
जो भक्ति करें इनकी, वो इनका होता है,
ये भक्तो की बाते, क्षण में मान लेते है,
मेरे दुःख..............