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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • मांगते ही रहते बाबा सांझ सबेरे

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    मांगते ही रहते बाबा सांझ सबेरे

    हाथ ये फैले रहते सामने तेरे-2

    तूने खूब दिया भगवान, तेरा बहुत बड़ा एहसान

    तेरा बहुत बड़ा एहसान, तूरे खूब दिया भगवान

     

    याद है मुझे वो दिन, खाली जेब थी मेरी

    दर-दर भटकता था मैं-2

     

    गैरों की क्या कहूँ, अपनों की आँखों में

    रह-रह खटकता था मैं-2

    चारों तरफ थे मेरे गम के अंधेरे

    आखिर में आया बाबा काम तू मेरे-2

    तूरे खूब....

     

    मांगना मैं छोड़ दें तो नहीं सकता प्रभु

    आदत न जाये मेरी-2

    और तुमने लेने में बेटा को कभी

    लाज न आये बाबा-2

     

    दबा जा रहा हूँ मैं तो कर्ज में तेरे

    एहसान कितने बाबा मुझ पर है तेरे-2

    तूने खूब...

     

    लायक नहीं था मैं इतने कि ये प्रभु

    जितना दिया है तूने-2

     

    सूने से जीवन में तुमने खुशनसीबी का

    रंग भर दिया है तूने-2

     

    खाली मुझे तू दर से कभी न लौटाना

    इतना हँसाया तूने अब न रुलाना-2

    Edited by संयम स्वर्ण महोत्सव


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