Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • entries
    108
  • comments
    3
  • views
    23,559

Contributors to this blog

सुविधा नहीं संयम - 74 वां स्वर्णिम संस्मरण


संयम स्वर्ण महोत्सव

428 views

गर्मी का समय था,उन दिनों में मेरी शारीरिक अस्वस्थता बनी रहती थी। मैं आचार्य महाराज के पास गया और मैंने अपनी समस्या निवेदित करते हुए कहा- आचार्य श्री जी! पेट में दर्द(जलन) हो रहा है। आचार्य महाराज ने कहा-गर्मी बहुत पड़ रही है, गर्मी के कारण ऐसा होता है और तुम्हारा कल अंतराय हो गया था,इसलिए पानी की कमी हो गई होगी सो पेट में जलन हो रही है। कुछ रुककर गंभीर स्वर में बोले कि-क्या करें यह शरीर हमेशा सुविधा ही चाहता है लेकिन इस मोक्षमार्ग में शरीर की और मन की मनमानी नहीं चल सकती। बाहरी दु:ख के प्रति अचेतन हो जाओ,उसका संवेदन नहीं करो,सब ठीक हो जाएगा।

 

आचार्य श्री जी के एक वाक्य में पूरा सार भरा हुआ हैं, हमें यह श्रद्धान कर लेना चाहिए कि- मोक्षमार्ग में मन और शरीर को सुविधा नहीं देनी है बल्कि, मन और इन्द्रियाँ को नियंत्रण में रखकर समता भाव बनाये रखना है। वे हमेशा चाहे अनुकूल-प्रतिकूल कैसी भी परिस्थिति रही आवे,मन में समता का भाव बनाये रखते हैं और चेहरे पर कभी प्रतिकार जैसा भाव दिखाई नहीं देता।

वश में हो सब इन्द्रियाँ, मन पर लगे लगाम।
वेग बढ़े निर्वेग का,दूर नहीं फिर धाम।।

 

आचार्य पूज्यपाद स्वामी जी ने श्री इष्टोंपदेश जी ग्रन्थ में लिखा है कि- जो शरीर का उपकारक है(पंचेन्द्रिय विषय भोग,आदि)वे आत्मा के अपकारक है, और जो अपनी आत्मा का उपकारक है(व्रत,नियम,साधना,उपवासआदि)वे शरीर के अपकारक है। वास्तव में आचार्य महाराज ने पूज्यपाद स्वामी जी की इन पंक्तियों को अपने जीवन मे उतारा है, चाहे कितनी भी परेशानियां आ जाये, हमेशा उन्हें समता भाव से सहन करके मोक्षमार्ग में आगे बढ़ते जाते है। धन्य है ऐसे चलते फिरते  भगवन जिनका दर्शन हमें आज अपनी आंखों से मिल रहा हैं, सफल हो गया है हमारा जीवन, जो हमने आपके शासनकाल में जन्म लिया।

अनुभूत रास्ता पुस्तक से साभार

0 Comments


Recommended Comments

There are no comments to display.

Create an account or sign in to comment

You need to be a member in order to leave a comment

Create an account

Sign up for a new account in our community. It's easy!

Register a new account

Sign in

Already have an account? Sign in here.

Sign In Now
  • बने सदस्य वेबसाइट के

    इस वेबसाइट के निशुल्क सदस्य आप गूगल, फेसबुक से लॉग इन कर बन सकते हैं 

    आचार्य श्री विद्यासागर मोबाइल एप्प डाउनलोड करें |

    डाउनलोड करने ले लिए यह लिंक खोले https://vidyasagar.guru/app/ 

     

     

×
×
  • Create New...