Jump to content
नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
अंतरराष्ट्रीय मूकमाटी प्रश्न प्रतियोगिता 1 से 5 जून 2024 ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
  • entries
    108
  • comments
    3
  • views
    23,637

Contributors to this blog

स्वर्णिम युगपुरूष - 75 वां स्वर्णिम संस्मरण


संयम स्वर्ण महोत्सव

345 views

महापुरुषों की जन्म तपस्या एवं निर्वाण स्थली रहे धर्म प्रधान भारत देश की पहचान आध्यात्मिकता है और अहिंसा, त्याग आदि इसकी विशिष्टता है। प्रत्येक युग में युगदृष्टाओ ने यहां जन्म लेकर तप साधना के आदर्श प्रस्तुत किए हैं। ऐसे महापुरुषों के व्यक्तित्व एवं सत्कार्य प्रकाश स्तंभ के समान युगों युगों तक जन जन के जीवन को प्रेरणा के स्रोत के रूप में प्रकाशित करते रहते हैं। उनकी अमर जीवन गाथाएं स्वर्णाक्षरों में लिखी जाने योग्य हैं। वर्तमान युग में ऐसे ही आदर्श महापुरुष हैं विश्वविख्यात महान तपस्वी महाकवि दिगंबर जैन आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज, जो की साक्षात चलते-फिरते तीर्थंकर भगवंत हैं अनेक बार दर्शनों के पश्चात भी जिनके दर्शन की प्यास लगी ही रहती है। पूज्य आचार्य श्री देशकाल,जाति,धर्म की सीमाओं से परे ऐसे विराट व्यक्तित्व हैं जिनको यह कालखंड भगवान तुल्य महामानव के रूप में याद रखेगा।।


एक बार की बात है, अकम्पमती माताजी के संघ की एक आर्यिका माताजी ने आचार्य श्री जी  के सामने शंका रखते हुए कहा कि- गुजरात प्रान्त में पालीताना नाम का स्थान है। वहाँ एक पहाड़ है, जिसे शत्रुंजय नाम से जाना जाता है। वहाँ पर 4000-4500 जैन मंदिर है। और 4000 सीढियां चढ़ने के बाद एक दिगम्बर जैन मंदिर आता है। तो वहाँ पर श्वेताम्बर का प्रभाव ज्यादा है, अपना नहीं। तो अपना धर्म नष्ट न हो जाए।
 

तब आचार्य श्री जी ने कहा कि- आसमान में तारे तो अनेक होते है, परंतु चाँद तो एक ही होता है। तारे मिलकर भी संसार को रोशन नहीं कर पाते और चाँद अकेले ही सम्पूर्ण जगत को रोशन कर देता है। ऐसे ही हमारे आचार्य श्री जी, अनेक मुनियों में एक महान मुनि  जो संपूर्ण जगत को रोशन कर रहे है। आज आचार्य श्री की जीवनचर्या सामान्य जनमानस के अंधेरे जीवन में उज्जवल प्रकाश की किरण है उनके गुरु ने उनका दीपक जलाया उन्होंने त्याग तपस्या को अपने जीवन का श्रृंगार बनाया, स्वयं को संयम के साँचे में ढाला, अनुशासन को अपनी ढाल बनाया और ऐसा दिया जला कर रख दिया जिससे जो चाहे रोशनी ले ले।।


धन्य है ऐसे गुरुदेव,जो शीघ्र ही मोक्ष लक्ष्मी को प्राप्त कर लेंगे, हमें भी पूर्ण विश्वास है कि- आपके चरणों की छत्रछ्या में रहकर हम भी शीघ्र ही मोक्ष लक्ष्मी को अवश्य ही प्राप्त कर लेंगे।

0 Comments


Recommended Comments

There are no comments to display.

Create an account or sign in to comment

You need to be a member in order to leave a comment

Create an account

Sign up for a new account in our community. It's easy!

Register a new account

Sign in

Already have an account? Sign in here.

Sign In Now
  • बने सदस्य वेबसाइट के

    इस वेबसाइट के निशुल्क सदस्य आप गूगल, फेसबुक से लॉग इन कर बन सकते हैं 

    आचार्य श्री विद्यासागर मोबाइल एप्प डाउनलोड करें |

    डाउनलोड करने ले लिए यह लिंक खोले https://vidyasagar.guru/app/ 

     

     

×
×
  • Create New...