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नव आचार्य श्री समय सागर जी को करें भावंजली अर्पित ×
मेरे गुरुवर... आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

प्रवचन संकलन

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मृत्यु निश्चित है |  23/07/2023 रविवार -  आचार्य श्री विद्यासागर महाराज प्रवचन

डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि सब निश्चित होता है किन्तु कब होता है वह बात हम नहीं बता सकते? क्यों होता है ? उसके लिए निमंत्रण देने की आवश्यकता नहीं है वह है मृत्यु | हर एक व्यक्ति मृत्यु से घबराता है | आगम के अनुसार इसे आयु का अभाव कहते हैं | दीपक में तेल समाप्त हुआ दीपक बुझ जाता है | यह तो आपको ज्ञात है लिकिन कभी – कभी वह तेल एकदम समाप्त हो जाता है किसी प्रकार से उस समय वह एकदम भभक जाता ह

सूर्य उदय और अस्त कि लालीमा समान है किन्तु परिणाम भिन्न है |-    22/07/2023 शनिवार  आचार्य श्री विद्यासागर महाराज प्रवचन

शुभ भाव, संयम और समभाव को हमेशा  ऊपर उठाना चाहिये |                                                 डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि आप सुबह उठते हैं तो आमोद, प्रमोद के साथ उठते हैं आपका आलस्य दूर हो जाता है | शारीरिक परिस्तिथियाँ जिसकी ठीक नहीं उसको भी आराम सा लगता है | स्वास्छोस्वास (सास लेना एवं छोड़ना) कि प्रक्रिया बहुत ही सुव्यवस्थित चलने लगती है | पूर्व कि ओर गुल

भोजन पहले शोधन फिर ग्रहण करना चाहिये  21/07/2023 शुक्रवार -  आचार्य श्री विद्यासागर महाराज प्रवचन

भोजन पहले शोधन फिर ग्रहण करना चाहिये | संतो ने पहले बुराई का त्याग कराया फिर अच्छे संस्कारों को ग्रहण करने हो कहा है | अज्ञान को मै छोड़ता हूँ और ज्ञान को मै स्वीकार करता हूँ |                                                     डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि किसानो को इसका ज्ञान होगा ही और भी व्यक्ति जो घूमते हैं या घूमने निकलते हैं  इस वनस्पति कि जान

मर्यादा में रहकर ही महापुरुष बना जा सकता है | 20/07/2023 गुरुवार -  आचार्य श्री विद्यासागर महाराज

डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि प्रथमानुयोग में चक्रवर्ती और अर्धचक्रि का वैभव और जीवन चरित्र के बारे में आप लोगो को पढने को मिलता है | उनको तो प्रायः मुक्त होना ही है इसी भव से | प्रायः इसलिए लगाया है कुछ - कुछ अन्यत्र भी चले जाते हैं और कुछ स्वर्ग आदि में भी जाते हैं | फिर भी उनकी उसी प्रकार से मुक्ति हो ही जाती है | वे कभी भी नरक से नहीं आते हैं पाप करने से नरक जा सकते हैं या जाते हैं | इ

पर कि पीढ़ा अपनी परीक्षा लेती है |  19/07/2023 बुधवार -  आचार्य श्री विद्यासागर महाराज

डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि इस धरती पर अनंत जीव है और यह सब अपने – अपने कर्म के उदय से हुए हैं फिर भी जब हम दूसरी दृष्टि से देखते हैं तो जो कुछ ऐसे भी पलाक्षी है वस्तुवें हैं जिनसे जीव, जीव रहित भी हो जिनके द्वारा बड़े – बड़े कार्य होते हैं | जिसको देखने से सबको भूल कर उसकी ओर आकृष्ट हो जाते हैं | जैसे सूर्य नारायण कोई व्यक्ति नहीं है अपितु एक विमान है जिसमे देव आदि रहते हैं | जिसका प्रभाव

घर पर रहकर मोक्षमार्ग संभव नहीं है |  18/07/2023 -  आचार्य श्री विद्यासागर महाराज प्रवचन

डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि लोगो ने सुना होगा या पढ़ा होगा अथवा किसी को डायरेक्ट देखने को मिला हो तो साक्षातकार भी किया होगा | वह वस्तु है अमृत धारा अब इसमें क्या – क्या मिलता है अजवाइन का फूल जो सुख गया है, भीम सेन कपूर और पिपरमेंट इन तीनो के समान अनुपात के मिश्रण से अमृत धारा बनती है | यदि इसके अनुपात में अंतर कर दिया बहुत सारा अजवाइन का फूल, एक छोटी कपूर कि डल्ली और एक चिमटी से उठाकर थ

अच्छे कर्म कर नर तन पाया इसका सदुपयोग सिद्धत्व प्राप्ति में करें |  17/07/2023 सोमवार -  आचार्य श्री विद्यासागर महाराज प्रवचन

डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि आप लोगो ने ये दृश्य देखा होगा कि जब दही को मथनी से मंथन करते हैं | यदि इसका अभ्यास जिसको होता है तो वह बीच – बीच में उसको देखते रहते हैं कि कुछ – कुछ रवादार कण ऊपर देखने को मिलता है | जब बहुत सारे कण (मक्खन) ऊपर दिखने लग जाता है तो वह समझ जाता है कि अब इसको ज्यादा मथना ठीक नहीं है |   अनुपात से ही सब कुछ होना चाहिये | इसको कच्छा रखना भी ठीक नहीं और

मोबाइल बच्चों के लिये बन रहा खतरा | प्रवचन - आचार्य श्री विद्यासागर महाराज 16/07/2023 रविवार

मोबाइल बच्चों के लिये बन रहा खतरा | मोबाइल कि लत से बच्चों को बचाइये | केवल भारत भूमि में ही धर्म, धर्मात्मा और तीर्थंकरों का जन्म हुआ | इंटेंशन अच्छा हो तो टेंशन नहीं होता | -  आचार्य श्री विद्यासागर महाराज                                                   डोंगरगढ़ – संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ससंघ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में विराजमान है | आज के प्रवचन में आचार्य श्री ने बताया कि आप लोग रात में स्वप्न देखते हैं जैसा उद्देश्य होता है
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