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  1. खुरई सागर मप्र *मेरे लिए किताब का प्रकाशन महत्वपूर्ण नहीं है, किताब से कितना प्रकाश मिलता है यह महत्वपूर्ण है *: अाचार्यश्री खुरई के श्री गुरूकुल लाल जैन मंदिर परिसर में हुए प्रवचन : हिन्दी भाषा सर्वाेपरि है, इसमें प्राचीनकाल में जाे शाेध हुए,उन पर ही अब विदेशी शाेध कर रहे हैं छोटा बालक अंतस जैन ने किया गोलक की राशि का दान कर किया आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन। हम 70 वर्ष बाद भी पूर्ण रूप से स्वतंत्र नहीं हाे पाए, अंग्रेजी अाज भी हमें परतंत्रता की बेड़ियाें में जकड़े हुए है।हम तब ही स्वतंत्र होंगे जब हमारे मन से अंग्रेजियत का भूत समाप्त होगा। जब तक हम भारतीय संस्कृति के अनुरूप अपने बच्चों को संस्कार नहीं देंगे। अपनी मातृभाषा हिन्दी को नहीं अपनाएंगे तब तक हमारा हित संवर्धन नहीं हो पाएगा। पाश्चात्य संस्कृति में भौतिक सुख की प्राप्ति तो हो सकती है परन्तु आत्मिक शांति मिलना बहुत दूभर काम है। हिन्दी भाषा सर्वोपरि है, काैन कहता है कि हिन्दी में शाेध नहीं हाे सकता, हिन्दी से देश विकास नहीं कर सकता, अंग्रेजियत की साेच हमारे ऊपर लाद दी गई। जिन देशाें ने अपनी भाषा काे अपनाया वह विकसित हाे चुके हैं, चीन, फ्रांस, इजरायल,रूस, जर्मन जैसे देशाें में अंग्रेजी का काेई स्थान नहीं है। वह अपनी मातृभाषा से विकसित देश बने हैं। यह बात गुरुकुल के लाल जैनमंदिर परिसर में आयोजित विशाल धर्मसभा में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने लगातार 89 मिनट प्रवचन देते हुए कही। उन्हाेंने राष्ट्र में व्याप्त गंभीर समस्याओं बेरोजगारी, आतंकवाद, सांप्रदायिक तनाव, चारित्रिक पतन, अराजकता, भुखमरी, आरक्षण जैसे मुद्दों पर मर्मस्पर्शी उद्बोधन दिया। उन्हाेंने कहा कि मेरे लिए किताब का प्रकाशन महत्वपूर्ण नहीं है, किताब से कितना प्रकाश मिलता है यह महत्वपूर्ण हैं। बच्चाें काे वह किताबें पढ़ने मिलें जिनसे उनका जीवन अालाेकित हाे सके। हम देख रहे हैं कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली हमारे बच्चों को अनेक प्रकार की डिग्रियों से तो विभूषित कर देती है, पालकों के लाखों रुपया व्यय करने के बाद भी रोजगारोन्मुखी शिक्षा नहीं दे पाती। मात्र 5-6 हजार रूपए के वेतन के लिए अनेक पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट हजारों की संख्या में पंक्तिवद्ध खड़े नजर आते हैं, ऐसी शिक्षा किस काम की। यदि विश्व के विकसित राष्ट्रों पर नजर डाली जाए तो उनमें से चीन, अमेरिका जैसे अधिकांश राष्ट्रों ने सिर्फ इसलिए सफलता पाई कि उन्होंने अपनी मातृभाषा में ही बच्चों को पढ़ाकर योग्य एवं नेक इंसान बनाया। हम अपनी मातृभाषा हिन्दी को अपनाकर ही विकसित राष्ट्र की श्रेणी में अग्रिम स्थान प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं। रविवार काे नवीन जैन मंदिर में अाचार्यश्री के पूजन से पहले पैर प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट की बाेली लग रही थीं। तभी एक बच्चा अंतस जैन पिता सुनील जैन शुद्ध वस्त्राें में अपनी गुल्लक लेकर मंच के पास पहुंच गया। संचालन कर रहे सुनील भैया जी काे गुल्लक दिखाई। तब उन्हाेंने मंच पर बच्चे काे बुला लिया, उससे पूछा क्या बात है। उसने अाचार्यश्री के समक्ष गुल्लक रखकर निवेदन किया कि गुल्लक की राशि दान कर अापके पाद प्रक्षालन करना चाहता हूं। बच्चे की बात सुनकर सभी भाव विभाेर हाे गए। अाचार्यश्री ने चरण छूने की अनुमति दी, बच्चे ने आशीर्वाद लिया, फिर पैर प्रक्षालन भी कराए। बच्चे की भावना अाैर संस्काराें के बारे में भैया जी ने कहा, यह हमारी संस्कृति है। 🙏🏿नीरज वैद्यराज पत्रकार🙏🏿 07582888100
  2. सागर 22/12/2018 *मुख से कष्टकारी वचन नही निकाले- मुनि श्री* सागर (मध्यप्रदेश )में *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य* *ज्येष्ठ* *मुनि श्री योग सागर जी*, मुनि श्री पवित्र सागर जी, मुनि श्री प्रयोग सागर जी, मुनि श्री संभव सागर जी,मुनि श्री पूज्य सागर जी, मुनि श्री विमल सागर जी ,मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी , मुनि श्री शैल सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी , मुनि श्री अतुल सागर जी , मुनि श्री भाव सागर जी , मुनि श्री निस्सीम सागर जी, मुनि श्री शाश्वत सागर जी एवं आर्यिका श्री ऋजुमति माता जी ससंघ आर्यिका श्री गुण मति माताजी ससंघ आर्यिका श्री अनंत मति माताजी ससंघ, आर्यिका श्रीउपशांत मति माताजी ससंघ आर्यिका श्री अकंप मति माताजी ससंघ आर्यिका भावना मति माताजी ससंघ 14 मुनिराज एवं 49 आर्यिकाओ के सानिध्य में आचार्य श्री की पूजन हुई । नीरज वैद्यराज पत्रकार 07582888100
  3. सागर 22/12/2018 *मुख से कष्टकारी वचन नही निकाले- मुनि श्री* सागर (मध्यप्रदेश )में *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य* *ज्येष्ठ* *मुनि श्री योग सागर जी*, मुनि श्री पवित्र सागर जी, मुनि श्री प्रयोग सागर जी, मुनि श्री संभव सागर जी,मुनि श्री पूज्य सागर जी, मुनि श्री विमल सागर जी ,मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी , मुनि श्री शैल सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी , मुनि श्री अतुल सागर जी , मुनि श्री भाव सागर जी , मुनि श्री निस्सीम सागर जी, मुनि श्री शाश्वत सागर जी एवं आर्यिका श्री ऋजुमति माता जी ससंघ आर्यिका श्री गुण मति माताजी ससंघ आर्यिका श्री अनंत मति माताजी ससंघ, आर्यिका श्रीउपशांत मति माताजी ससंघ आर्यिका श्री अकंप मति माताजी ससंघ आर्यिका भावना मति माताजी ससंघ 14 मुनिराज एवं 49 आर्यिकाओ के सानिध्य में आचार्य श्री की पूजन हुई । नीरज वैद्यराज पत्रकार 07582888100
  4. सागर 22/12/2018 *मुख से कष्टकारी वचन नही निकाले- मुनि श्री* सागर (मध्यप्रदेश )में *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य* *ज्येष्ठ* *मुनि श्री योग सागर जी*, मुनि श्री पवित्र सागर जी, मुनि श्री प्रयोग सागर जी, मुनि श्री संभव सागर जी,मुनि श्री पूज्य सागर जी, मुनि श्री विमल सागर जी ,मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी , मुनि श्री शैल सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी , मुनि श्री अतुल सागर जी , मुनि श्री भाव सागर जी , मुनि श्री निस्सीम सागर जी, मुनि श्री शाश्वत सागर जी एवं आर्यिका श्री ऋजुमति माता जी ससंघ आर्यिका श्री गुण मति माताजी ससंघ आर्यिका श्री अनंत मति माताजी ससंघ, आर्यिका श्रीउपशांत मति माताजी ससंघ आर्यिका श्री अकंप मति माताजी ससंघ आर्यिका भावना मति माताजी ससंघ 14 मुनिराज एवं 49 आर्यिकाओ के सानिध्य में आचार्य श्री की पूजन हुई एवं धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री अनंत सागर जी ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में संस्कारों का महत्व होता है व पद प्राप्त कर लेता है जिसके पाने के बाद कोई पद शेष नहीं रहता है एक व्यक्ति जिन्होंने चारित्र धारण करके विभिन्न सिद्धियां हासिल करली थी उनका नाम पूज्य पाद स्वामी था जब भी हम शांतिनाथ भगवान के चरणों में जाएंगे हमारी समस्या का हल हो जाएगा हमारे पास और कुछ नहीं है हमारे पास भक्ति है पूज्य पाद स्वामी जी ने कहा कि हमारी दृष्टि कब पवित्र होगी जब इन शब्दों का प्रयोग किया उनकी दृष्टि फिर से लौट आई। संस्कारों के नहीं होने पर दुर्गति हो जाती है। गुरुदेव की बुद्धि इतनी तीव्र है कि उत्तर देने में माहिर है,हमें आचार्यों की वाणी से जुड़ना होगा मुनि श्री योगसागर जी ने कहा की मैंने पहली बार अनंत सागर जी के मुख से धर्म की व्याख्या सुनी आज बहुत अच्छा लग रहा था वह अच्छी व्याख्या कर रहे थे इतना बढ़िया बोल रहे थे साहित्यिक भाषा में बोल रहे थे बैरागी कभी भी प्रदर्शन नहीं करता है उपदेश वैराग्य बढ़ाने के लिए साधन है हम लोगों को आचार्य श्री ने प्रवचन करना नहीं सिखाया हित,मित,मिष्ट, वचन बोलना चाहिए मैंने महाकवि आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज जैसी विभूति का दर्शन किया था वह णमोकार मंत्र और चत्तारि दंडक बोलते थे उनके मुख से सुनकर वह मुझे याद हो गया था। जो सुनकर के छोड़ देता है वह हरा नहीं हो पाता है जैसे बांसुरी हरी नहीं हुई सूखे पेड़ पौधे तो हरे हो गए। आचार्य श्री ज्ञानसागर जी ने राजस्थान में अध्यात्म की बांसुरी बजाई जो दक्षिण तक फैल गई। बुंदेलखंड में मुझे भी हरियाली मिल गई, यहां के लोगों को संस्कार देते हैं तो संस्कारित हो जाते हैं हम जो भी कार्य करते हैं हानि लाभ जरूर देखें हमारे मुख से ऐसे वचन नहीं निकले जिससे किसी को कष्ट हो गुरु वाणी मिली है उसका उपयोग करें। आज बालक कॉम्पलेक्स तिलि में मुनि श्री निर्णय सागर जी महाराज ओर मुनि श्री पदम सागर जी महाराज के सानिध्य में आज आचार्य श्री जी की पूजन हुई जिसमें कालोनी ओर अन्य जगहों से आये लोगो ने धर्म लाभ लिया। मुनि श्री निर्णय सागर जी ने कहा कि कल बालक कॉम्प्लेक्स में पाठ शाला की कलश स्थापना करने की बात कही।उन्होंने कहा कि पाठ शाला सिर्फ बच्चों को ही नही पुरुषों और महिलाओं को भी पढ़ना चाहिए। हमें पर कल्याण के साथ ही अपनी आत्मा का कल्याण करना चाहिए। आज की आहार चर्या भी बालक कॉम्पलेक्स में ही हुई नीरज वैद्यराज पत्रकार 07582888100
  5. सागर 22/12/2018 *मुख से कष्टकारी वचन नही निकाले- मुनि श्री* सागर (मध्यप्रदेश )में *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य* *ज्येष्ठ* *मुनि श्री योग सागर जी*, मुनि श्री पवित्र सागर जी, मुनि श्री प्रयोग सागर जी, मुनि श्री संभव सागर जी,मुनि श्री पूज्य सागर जी, मुनि श्री विमल सागर जी ,मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी , मुनि श्री शैल सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी , मुनि श्री अतुल सागर जी , मुनि श्री भाव सागर जी , मुनि श्री निस्सीम सागर जी, मुनि श्री शाश्वत सागर जी एवं आर्यिका श्री ऋजुमति माता जी ससंघ आर्यिका श्री गुण मति माताजी ससंघ आर्यिका श्री अनंत मति माताजी ससंघ, आर्यिका श्रीउपशांत मति माताजी ससंघ आर्यिका श्री अकंप मति माताजी ससंघ आर्यिका भावना मति माताजी ससंघ 14 मुनिराज एवं 49 आर्यिकाओ के सानिध्य में आचार्य श्री की पूजन हुई एवं धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री अनंत सागर जी ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में संस्कारों का महत्व होता है व पद प्राप्त कर लेता है जिसके पाने के बाद कोई पद शेष नहीं रहता है एक व्यक्ति जिन्होंने चारित्र धारण करके विभिन्न सिद्धियां हासिल करली थी उनका नाम पूज्य पाद स्वामी था जब भी हम शांतिनाथ भगवान के चरणों में जाएंगे हमारी समस्या का हल हो जाएगा हमारे पास और कुछ नहीं है हमारे पास भक्ति है पूज्य पाद स्वामी जी ने कहा कि हमारी दृष्टि कब पवित्र होगी जब इन शब्दों का प्रयोग किया उनकी दृष्टि फिर से लौट आई। संस्कारों के नहीं होने पर दुर्गति हो जाती है। गुरुदेव की बुद्धि इतनी तीव्र है कि उत्तर देने में माहिर है,हमें आचार्यों की वाणी से जुड़ना होगा मुनि श्री योगसागर जी ने कहा की मैंने पहली बार अनंत सागर जी के मुख से धर्म की व्याख्या सुनी आज बहुत अच्छा लग रहा था वह अच्छी व्याख्या कर रहे थे इतना बढ़िया बोल रहे थे साहित्यिक भाषा में बोल रहे थे बैरागी कभी भी प्रदर्शन नहीं करता है उपदेश वैराग्य बढ़ाने के लिए साधन है हम लोगों को आचार्य श्री ने प्रवचन करना नहीं सिखाया हित,मित,मिष्ट, वचन बोलना चाहिए मैंने महाकवि आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज जैसी विभूति का दर्शन किया था वह णमोकार मंत्र और चत्तारि दंडक बोलते थे उनके मुख से सुनकर वह मुझे याद हो गया था। जो सुनकर के छोड़ देता है वह हरा नहीं हो पाता है जैसे बांसुरी हरी नहीं हुई सूखे पेड़ पौधे तो हरे हो गए। आचार्य श्री ज्ञानसागर जी ने राजस्थान में अध्यात्म की बांसुरी बजाई जो दक्षिण तक फैल गई। बुंदेलखंड में मुझे भी हरियाली मिल गई, यहां के लोगों को संस्कार देते हैं तो संस्कारित हो जाते हैं हम जो भी कार्य करते हैं हानि लाभ जरूर देखें हमारे मुख से ऐसे वचन नहीं निकले जिससे किसी को कष्ट हो गुरु वाणी मिली है उसका उपयोग करें। आज बालक कॉम्पलेक्स तिलि में मुनि श्री निर्णय सागर जी महाराज ओर मुनि श्री पदम सागर जी महाराज के सानिध्य में आज आचार्य श्री जी की पूजन हुई जिसमें कालोनी ओर अन्य जगहों से आये लोगो ने धर्म लाभ लिया। मुनि श्री निर्णय सागर जी ने कहा कि कल बालक कॉम्प्लेक्स में पाठ शाला की कलश स्थापना करने की बात कही।उन्होंने कहा कि पाठ शाला सिर्फ बच्चों को ही नही पुरुषों और महिलाओं को भी पढ़ना चाहिए। हमें पर कल्याण के साथ ही अपनी आत्मा का कल्याण करना चाहिए। आज की आहार चर्या भी बालक कॉम्पलेक्स में ही हुई नीरज वैद्यराज पत्रकार 07582888100
  6. सागर* *14-12-2018* *गजरथ फेरी हुई* *भाग्योदय तीर्थ सागर (मध्यप्रदेश) में * *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य* ज्येष्ठ * मुनि श्री योग सागर जी, * मुनि श्री पवित्र सागर जी, मुनि श्री निर्णय सागर जी , मुनि श्री अभय सागर जी मुनि श्री प्रयोग सागर जी, मुनि श्री प्रभात सागर जी, मुनि श्री संभव सागर जी,मुनि श्री पदम सागर जी मुनि श्री पूज्य सागर जी, मुनि श्री विमल सागर जी , मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी , मुनि श्री शैल सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी , मुनि श्री अतुल सागर जी , मुनि श्री भाव सागर जी , मुनि श्री निस्सीम सागर जी, मुनि श्री निरीह सागर जी , मुनि श्री शाश्वत सागर जी एवंआर्यिका श्री ऋजुमति माता जी ससंघ आर्यिका श्री उप शांत मति माताजी आर्यिका श्री अनंत मति माताजी और आर्यिका श्री गुण मति माताजी आर्यिका श्री अकंप मति माताजी आर्यिका भावना मति माताजी ससंघ भाग्योदय तीर्थ सागर में 19 मुनि राजो एवं 49 आर्यिकाओ के सानिध्य में पंचकल्याणक का समापन एवं गजरथ परिक्रमा। *पंचकल्याणक महोत्सव में मोक्ष कल्याणक के अवसर पर* मुनि श्री योग सागर जी ने कहा की आज मोक्ष हुआ भगवान को आज आजादी की प्राप्ती हुई । स्वतंत्रता का अर्थ है स्व ,तंत्र स्व की जहाँ मुख्यता हैं । अभी हम परतंत्र हैं, हम सभी भावना भाये की हमे भी निर्वाण की प्राप्ति हो।आज मुनि श्री प्रयोग सागर जी महाराज के केशलोंच हुए। 15 दिसंबर को प्रातः 7:00 बजे मुनि श्री ससंघ वर्णी कॉलोनी पहुँचेगे वहां नई वेदिका की प्रतिष्ठा होगी आहार चर्या भी वर्णी कॉलोनी में होगी दोपहर में रामपुरा में महामस्तकाभिषेक होगा काकागंज में प्रतिमाएं विराजमान होंगी शाम को मुनि श्री ससंघ दीनदयाल नगर पहुंचेंगे 16 दिसंबर को दीनदयाल नगर में वेदी पर प्रतिमाएं विराजमान होंगी मंदिर जी का कलशारोहण भी होगा मुनि श्री निर्णय सागर जी और मुनि श्री पदम सागर जी भी भाग्योदय पंचकल्याणक में शामिल हुये । आज 14 दिसंबर को प्रातः काल भगवान का मोक्ष कल्याणक होगा दोपहर में एक बजे विशाल गजरथ फेरी होगी जिसमें भारत के अनेक नगरों महानगरों से श्रद्धालु पधारें गजरथ परिक्रमा में मुनि संघ एवं आर्यिका संघ, ब्रह्मचारी भैया, ब्रह्मचारणी दीदी, सौधर्मेंद्र, कुबेर, महायज्ञ नायक, भगवान के माता पिता, एवं प्रमुख पात्र, हजारों इंद्र इंद्राणी, गजरथ, दिव्य घोष, एरावत हाथ आचार्य श्री विद्यासागर दिव्य घोष गौरझामर, बाहुबली कालोनी महिला मंडल दिव्य घोष, रमपुरा दिव्य घोष सागर, अंकुर कालोनी दिव्य घोष, गजरथ में हजारों लोगों ने उपस्थित होकर धर्म लाभ लिया। *प्रेषक* नीरज वैद्यराज पत्रकार 07582888100
  7. सागर* *13-12-2018* *प्रभु की आहार चर्या सम्पन्न हुई* *भाग्योदय तीर्थ सागर (मध्यप्रदेश) में * *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य* ज्येष्ठ * मुनि श्री योग सागर जी, * मुनि श्री पवित्र सागर जी, मुनि श्री अभय सागर जी, मुनि श्री प्रयोग सागर जी, मुनि श्री प्रभात सागर जी, मुनि श्री संभव सागर जी, मुनि श्री पूज्य सागर जी, मुनि श्री विमल सागर जी , मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी , मुनि श्री शैल सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी , मुनि श्री अतुल सागर जी , मुनि श्री भाव सागर जी , मुनि श्री निस्सीम सागर जी, मुनि श्री निरीह सागर जी , मुनि श्री शाश्वत सागर जी एवंआर्यिका श्री ऋजुमति माता जी ससंघ आर्यिका श्री उप शांत मति माताजी आर्यिका श्री अनंत मति माताजी और आर्यिका श्री गुण मति माताजी आर्यिका श्री अकंप मति माताजी आर्यिका भावना मति माताजी ससंघ भाग्योदय तीर्थ सागर में विराजमान है *पंचकल्याणक महोत्सव में ज्ञान कल्याणक के अवसर पर* मुनि श्री योग सागर जी ने कहा की मैं 1980 से सागर आ रहा हूं मुझे मुनि दीक्षा सागर में ही मिली इसलिए मैं सागर का ही हूं साधु आहार पेट की भूख के लिए करते हैं आज मुनि श्री अतुल सागर जी महाराज के केशलोंच हुए। मुनि श्री योग सागर जी महाराज की पिछी का का परिवर्तन हुआ पुरानी पिच्छिका भगवान के माता पिता बनने वाले श्री राकेश जैन पिडरुआ वाले नाभिराय और श्रीमती नमीता जैन मरूदेवी को प्राप्त हुई । 15 दिसंबर को प्रातः 7:00 बजे मुनि संघ वर्णी कॉलोनी पहुंचेगा वहां नई वेदिका की प्रतिष्ठा होगी आहार चर्या भी वर्णी कॉलोनी में होगी दोपहर में रामपुरा में महामस्तकाभिषेक होगा काकागंज में प्रतिमाएं विराजमान होंगी शाम को मुनि संघ दीनदयाल नगर पहुंचेंगे 16 दिसंबर को दीनदयाल नगर में वेदी पर प्रतिमाएं विराजमान होंगी मंदिर जी का कलशारोहण भी होगा मुनि श्री निर्णय सागर जी और मुनि श्री पदम सागर जी भी भाग्योदय पंचकल्याणक में शामिल होंगे । 14 दिसंबर को प्रातः काल भगवान का मोक्ष कल्याणक होगा दोपहर में एक बजे विशाल गजरथ तेरी होगी जिसमें भारत के अनेक नगरों महानगरों से श्रद्धालु पधार रहे हैं। नीरज वैद्यराज पत्रकार 07582888100
  8. *_🦋_* *_13-12-18, गुरूवार_* _*🥀सागर में सागर ही सागर🥀*_ _*☀पुज्य श्रेष्ठ मुनि योगसागर जी ससंघ (68 पिच्छी) के मंगल सानिध्य में होने वाले आगामी कार्यक्रम...*_ *_■ 15 दिसंबर , वर्णी कॉलौनी,सागर में श्री वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव..सुबह 06 बजे से 10 बजे तक_* *_■ 15 दिसंबर, रमपुरा ,सागर में पूज्य वासुपूज्य भगवान का महामस्काभिषेक दोप• 1 बजे से..!!_* *_■ 16 दिसंबर, दीनदयाल नगर, सागर में श्री जिनबिम्ब प्रतिष्ठा महोत्सव एंव मूलनायक श्री शांतिनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक..!!_* _★निर्देशन- प्रतिष्ठाचार्य सम्राट, वाणी भूषण बा•ब्र विनय भैया जी_ *_💫नीरज वैद्यराज पत्रकार* *_07582888100_*,
  9. सागर* *13-12-2018* *प्रभु की आहार चर्या सम्पन्न हुई* *भाग्योदय तीर्थ सागर (मध्यप्रदेश) में * *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य* ज्येष्ठ * मुनि श्री योग सागर जी, * मुनि श्री पवित्र सागर जी, मुनि श्री अभय सागर जी, मुनि श्री प्रयोग सागर जी, मुनि श्री प्रभात सागर जी, मुनि श्री संभव सागर जी, मुनि श्री पूज्य सागर जी, मुनि श्री विमल सागर जी , मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी , मुनि श्री शैल सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी , मुनि श्री अतुल सागर जी , मुनि श्री भाव सागर जी , मुनि श्री निस्सीम सागर जी, मुनि श्री निरीह सागर जी , मुनि श्री शाश्वत सागर जी एवंआर्यिका श्री ऋजुमति माता जी ससंघ आर्यिका श्री उप शांत मति माताजी आर्यिका श्री अनंत मति माताजी और आर्यिका श्री गुण मति माताजी आर्यिका श्री अकंप मति माताजी आर्यिका भावना मति माताजी ससंघ भाग्योदय तीर्थ सागर में विराजमान है *पंचकल्याणक महोत्सव में ज्ञान कल्याणक के अवसर पर* मुनि श्री योग सागर जी ने कहा की मैं 1980 से सागर आ रहा हूं मुझे मुनि दीक्षा सागर में ही मिली इसलिए मैं सागर का ही हूं साधु आहार पेट की भूख के लिए करते हैं आज मुनि श्री अतुल सागर जी महाराज के केशलोंच हुए। मुनि श्री योग सागर जी महाराज की पिछी का का परिवर्तन हुआ पुरानी पिच्छिका भगवान के माता पिता बनने वाले श्री राकेश जैन पिडरुआ वाले नाभिराय और श्रीमती नमीता जैन मरूदेवी को प्राप्त हुई । 15 दिसंबर को प्रातः 7:00 बजे मुनि संघ वर्णी कॉलोनी पहुंचेगा वहां नई वेदिका की प्रतिष्ठा होगी आहार चर्या भी वर्णी कॉलोनी में होगी दोपहर में रामपुरा में महामस्तकाभिषेक होगा काकागंज में प्रतिमाएं विराजमान होंगी शाम को मुनि संघ दीनदयाल नगर पहुंचेंगे 16 दिसंबर को दीनदयाल नगर में वेदी पर प्रतिमाएं विराजमान होंगी मंदिर जी का कलसा रोहण भी होगा मुनि श्री निर्णय सागर जी और मुनि श्री पदम सागर जी भी भाग्योदय पंचकल्याणक में शामिल होंगे । 14 दिसंबर को प्रातः काल भगवान का मोक्ष कल्याणक होगा दोपहर में एक बजे विशाल गजरथ तेरी होगी जिसमें भारत के अनेक नगरों महानगरों से श्रद्धालु पधार रहे हैं। नीरज वैद्यराज पत्रकार 07582888100
  10. सागर* *12-12-2018* * आदि कुमार ने छोडा राज पाट* *भाग्योदय तीर्थ सागर (मध्यप्रदेश) में * *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य* ज्येष्ठ * मुनि श्री योग सागर जी, * मुनि श्री पवित्र सागर जी, मुनि श्री अभय सागर जी, मुनि श्री प्रयोग सागर जी, मुनि श्री प्रभात सागर जी, मुनि श्री संभव सागर जी, मुनि श्री पूज्य सागर जी, मुनि श्री विमल सागर जी , मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी , मुनि श्री शैल सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी , मुनि श्री अतुल सागर जी , मुनि श्री भाव सागर जी , मुनि श्री निस्सीम सागर जी, मुनि श्री निरीह सागर जी , मुनि श्री शाश्वत सागर जी एवंआर्यिका श्री ऋजुमति माता जी ससंघ आर्यिका श्री उप शांत मति माताजी आर्यिका श्री अनंत मति माताजी और आर्यिका श्री गुण मति माताजी आर्यिका श्री अकंप मति माताजी आर्यिका भावना मति माताजी ससंघ भाग्योदय तीर्थ सागर में विराजमान है *पंचकल्याणक महोत्सव में तप कल्याणक के अवसर पर* दोपहर में बालक आदि कुमार ने नीलांजना नृत्य देख कर वैराग्य धारण किया। कल्याण के दिन था इस बहनों ने आचार्य विद्यासागर महाराज के आशीर्वाद से मुनि श्री योग सागर महाराज जी के सामने आजीवन ब्रहमचर्य व्रत लिया सभी बहनों की इच्छा आर्यका माताजी बनने की है। प्रतिष्ठाचर्या विनय भैया ने मुनि श्री योग सागर महाराज जी के साथ दिक्षा विधि कराई। पालकी उठाने के लिए मनुष्यों को पहले चुना गया क्योंकि वह संयम धारण कर सकते हैं इंद्र नहीं कर सकते।मुनि श्री योग सागर जी महाराज नेनी दीक्षा के पूर्व बालक चोट की आदि कुमार के वस्त्रों को शरीर से अलग किया ओर सभी वस्त्र सौधर्म इंद्र को सौपे। नव दीक्षित मुनि आदिकुमार को पिच्छीका सभी आर्यिका संघ ने दी और सभी ब्राह्मी सुंदरी ओर मरु देवी ने कमण्डल भेंट किया। 13 दिसंबर को केवल ज्ञान कल्याणक के दिन प्रातः आहार चर्या भगवान की होगी और दोपहर में प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा होगी । दोपहर में मुनि श्री के प्रवचन रात्रि सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे 14 दिसंबर को प्रातः काल भगवान का मोक्ष कल्याणक होगा दोपहर में एक बजे विशाल गजरथ तेरी होगी जिसमें भारत के अनेक नगरों महानगरों से श्रद्धालु आएंगे * नीरज वैद्यराज पत्रकार * 07582888100
  11. 🙏🙏मंगल विहार 🙏🙏 आचार्य श्री108 विद्यासागर जी महाराज जी की परम प्रभाविका शिष्या आर्यिका तपोमति माताजी का विहार आज सुबह 8बजे धर्मनगरी छपारा से सिवनी की ओर हुआ। आज की आहार चर्या सादक सिवनी में होगी।
  12. सागर* *12-12-2018* * तप की महिमा अपरंपार है* *भाग्योदय तीर्थ सागर (मध्यप्रदेश) में * *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य* ज्येष्ठ * मुनि श्री योग सागर जी, * मुनि श्री पवित्र सागर जी, मुनि श्री अभय सागर जी, मुनि श्री प्रयोग सागर जी, मुनि श्री प्रभात सागर जी, मुनि श्री संभव सागर जी, मुनि श्री पूज्य सागर जी, मुनि श्री विमल सागर जी , मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी , मुनि श्री शैल सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी , मुनि श्री अतुल सागर जी , मुनि श्री भाव सागर जी , मुनि श्री निस्सीम सागर जी, मुनि श्री निरीह सागर जी , मुनि श्री शाश्वत सागर जी एवंआर्यिका श्री ऋजुमति माता जी ससंघ आर्यिका श्री उप शांत मति माताजी आर्यिका श्री अनंत मति माताजी और आर्यिका श्री गुण मति माताजी आर्यिका श्री अकंप मति माताजी आर्यिका भावना मति माताजी ससंघ भाग्योदय तीर्थ सागर में विराजमान है *पंचकल्याणक महोत्सव में तप कल्याणक के अवसर पर* प्रात:काल मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज ने कहा कि दान देने के बाद हर्ष होना चाहिए। इन क्रियाओं से अति मात्रा में पुण्य इकट्ठा हो रहा है जैसे सीजन मैं पैसा कमाते हैं से ही पंचकल्याणक में पुण्य को इकट्ठा किया जाता है । प्री वेडिंग महिला संगीत एक गलत परंपरा है इसमें सुधार होने चाहिए। पहले लड़की विवाह वाले नगर में नहीं जाती थी आचार्य श्री कहते हैं ढाई दिन गृहस्थों के होते हैं ढाई दिन मुनि राजो के होते हैं । जिसने इस देश को देवालय बनाया उसका नाम धर्म है ,चेतन प्रतिष्ठा का नाम धर्म है देह में स्थित जो आत्मा है, उसे मूर्ति बनाओ । आचार्य श्री विद्यासागर जी रत्ना तरह रूप देते हैं आप उनके कुछ त्याग करके प्राप्त कर सकते हैं। ठंडी एवं गर्मी में दिगंबर साधु के पास एक ही ड्रेस होता है । जिनको निंदा और प्रशंसा एक समान है मुनि लाखों वर्षों तक जीयू या मृत्यु आज ही हो जाए इसको मानने वाला होता है। मैं 20 चातुर्मास होने के बाद इतनी सारी प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा एक साथ प्रथम बार ही देख रहे हैं। आचार्य भगवान को प्रत्येक व्यक्ति ने अपने ह्रदय में छुपा रखा है । आप दूध तो चाहते हो लेकिन गाय रखना नहीं चाहते। पशुओं का पालन करने के लिए गाय का पालन करना चाहिए जिसके साथ अन्य सामग्री की प्राप्ति होती है । संस्कारित व्यक्ति को ही दीक्षा दी जाती है। हिंसक ही वस्त्र पहनेंगे तो कैसे अहिंसा पलगी अहिंसक वस्त्र पहने और संस्कारित रहे । ब्रह्मचर्य व्रत सबसे कठिन व्रत है संयम में रहकर ही इस व्रत का पालन करना चाहिए। आदिनाथ के पंच कल्याणक होते हैं ।अधिकांश सूर्य मंत्र एकांत में दिया जाता है । मुख्य आंतरिक क्रियाएं प्रमुख पात्रो के माध्यम से होती है । मंत्र जन्मदिन के दिन धारण करें मुनि श्री प्रभात सागर जी महाराज ने कहा कि छोटे से कार्य से ही बढ़ जाता है पुण्य, पुण्यशाली जीवो का पुण्य तीव्र होता है ।पुण्य ही सब कुछ करता है ,पूजन करते समय परिणामो में संघ किलिस्ता नहीं आना चाहिए ।पहले श्रावकचार पढ़ना चाहिए ।फिर अध्यात्म ग्रंथ पढ़ना चाहिए गुरु से पढ़ना चाहिए शुरुआत में आचार्य का कार्य बहुजन होता है *नीरज वैद्यराज पत्रकार * 07582888100
  13. *सागर* *10-12-2018* *भक्ति अच्छे भाव से करना चाहिए :- * सागर (मध्यप्रदेश) में *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य* ज्येष्ठ मुनि श्री योग सागर जी, मुनि श्री पवित्र सागर जी, मुनि श्री अभय सागर जी, मुनि श्री प्रयोग सागर जी, मुनि श्री प्रभात सागर जी, मुनि श्री संभव सागर जी, मुनि श्री पूज्य सागर जी, मुनि श्री विमल सागर जी , मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी , मुनि श्री शैल सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी , मुनि श्री अतुल सागर जी , मुनि श्री भाव सागर जी , मुनि श्री निस्सीम सागर जी, मुनि श्री निरीह सागर जी , मुनि श्री शाश्वत सागर जी एवं आर्यिका श्री ऋजुमति माता जी ससंघ आर्यिका श्री उप शांत मति माताजी आर्यिका श्री अनंत मति माताजी और आर्यिका श्री गुण मति माताजी आर्यिका
  14. *सागर* *10-12-2018* *भक्ति अच्छे भाव से करना चाहिए :- * सागर (मध्यप्रदेश) में *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य* ज्येष्ठ मुनि श्री योग सागर जी, मुनि श्री पवित्र सागर जी, मुनि श्री अभय सागर जी, मुनि श्री प्रयोग सागर जी, मुनि श्री प्रभात सागर जी, मुनि श्री संभव सागर जी, मुनि श्री पूज्य सागर जी, मुनि श्री विमल सागर जी , मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी , मुनि श्री शैल सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी , मुनि श्री अतुल सागर जी , मुनि श्री भाव सागर जी , मुनि श्री निस्सीम सागर जी, मुनि श्री निरीह सागर जी , मुनि श्री शाश्वत सागर जी एवं आर्यिका श्री ऋजुमति माता जी ससंघ आर्यिका श्री उप शांत मति माताजी आर्यिका श्री अनंत मति माताजी और आर्यिका श्री गुण मति माताजी आर्यिका
  15. *सागर* *10-12-2018* *भक्ति अच्छे भाव से करना चाहिए :- मुनिश्री* सागर (मध्यप्रदेश) में *सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य* ज्येष्ठ मुनि श्री योग सागर जी, मुनि श्री पवित्र सागर जी, मुनि श्री अभय सागर जी, मुनि श्री प्रयोग सागर जी, मुनि श्री प्रभात सागर जी, मुनि श्री संभव सागर जी, मुनि श्री पूज्य सागर जी, मुनि श्री विमल सागर जी , मुनि श्री अनंत सागर जी, मुनि श्री धर्म सागर जी , मुनि श्री शैल सागर जी, मुनि श्री अचल सागर जी , मुनि श्री अतुल सागर जी , मुनि श्री भाव सागर जी , मुनि श्री निस्सीम सागर जी, मुनि श्री निरीह सागर जी , मुनि श्री शाश्वत सागर जी एवं आर्यिका श्री ऋजुमति माता जी ससंघ आर्यिका श्री उप शांत मति माताजी आर्यिका श्री अनंत मति माताजी और आर्यिका श्री गुण मति माताजी आर्यिका श्री भावना मति माताजी ससंघ भाग्योदय तीर्थ सागर में विराजमान है पंचकल्याणक महोत्सव में गर्भ कल्याणक के दूसरे दिन के अवसर पर प्रात:काल आर्यिका श्री गुण मति माताजी ने प्रवचन दिए एवं गुरु की महिमा का वर्णन किया ओर कहा कि भारतीय संस्कृति आध्यत्म की रही हैं मुनि श्री योग सागर जी महाराज ने कहा कि हमे भक्ति अच्छे भाव से करना चाहिये मंदिर में फार्मिल्टी नही करना चाहिए इस अवसर पर भारत के विभिन्न नगरों से लोग आ रहे हैं प्रात:काल अभिषेक शांतिधारा विधान एवं शाम को आरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहे हैं। मुनि श्री अभय सागर जी महाराज के केश लोंच भी हुये *प्रेषक*। नीरज वैद्यराज पत्रकार सागर 07582888100
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