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Vidyasagar.Guru
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@Alka Jain 164 आपको बहुत बहुत बधाई
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आज सुबह आचार्य श्री के दर्शन और आशीर्वाद लेने के लिए उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजबादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादब पूर्व मंत्रि मंडल के साथ खजुराहो पहुचे
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खजुराहो में आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी को समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता शफीक खान और डा अर्चना जैन की पुस्तक "बस्तर में अहिंसा की महिमा" का विमोचन आचार्य श्री के ससंघ सानिध्य में हुआ।पुस्तक में बस्तर के वनवासी अंचल में अहिंसा और शाकाहार का वर्णन है, पुस्तक की ई-प्रति सादर संलग्न प्रेषित है |
खजुराहो - आचार्य श्री को बस्तर में अहिंसा की महिमा पुस्तक की प्रथम प्रति समर्पित करते हुए लेखक शफीक खान
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कुण्डलपुर से खजुराहो की अहिंसा पदयात्रा का गुरुदेव से आशीर्वाद व् मुख्यमंत्री ने दी शुभ कामनाये 1 से 7 अक्टूबर तक मिलेगा गुरुदेव का आशीर्वाद |
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अब आप संयम स्वर्ण महोत्सव मोबाइल एप्प में भी तत्त्वार्थ सूत्र का स्वाध्याय कर सकते हैं |
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.app.vidyasagar
कुल ११ प्रतियोगिता
तत्त्वार्थ सूत्र प्रस्तावना प्रतियोगिता क्रमांक 1
https://vidyasagar.guru/quizzes/quiz/36-1
तत्त्वार्थ सूत्र - प्रस्तावना यहाँ से पढ़े फिर प्रतियोगिता में भाग लें
https://vidyasagar.guru/paathshala/tattvarthasutra/tattvarth-sutra-prastavna/
तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय 1 प्रतियोगिता क्रमांक 2
https://vidyasagar.guru/quizzes/quiz/37-2
तत्त्वार्थ सूत्र - अध्याय 1 यहाँ से पढ़े फिर प्रतियोगिता में भाग लें
https://vidyasagar.guru/paathshala/tattvarthasutra/adhyay-1/
तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय 2 प्रतियोगिता क्रमांक 3
https://vidyasagar.guru/quizzes/quiz/38-3
तत्त्वार्थ सूत्र - अध्याय 2 यहाँ से पढ़े फिर प्रतियोगिता में भाग लें -
https://vidyasagar.guru/paathshala/tattvarthasutra/adhyay-2/
तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय 3 प्रतियोगिता क्रमांक 4
https://vidyasagar.guru/quizzes/quiz/39-4
तत्त्वार्थ सूत्र - अध्याय 3 यहाँ से पढ़े फिर प्रतियोगिता में भाग लें
https://vidyasagar.guru/paathshala/tattvarthasutra/adhyay-3/
तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय 4 प्रतियोगिता क्रमांक 5
https://vidyasagar.guru/quizzes/quiz/40-5
तत्त्वार्थ सूत्र - अध्याय 4 यहाँ से पढ़े फिर प्रतियोगिता में भाग लें
https://vidyasagar.guru/paathshala/tattvarthasutra/adhyay-4/
तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय 5 प्रतियोगिता क्रमांक 6
https://vidyasagar.guru/quizzes/quiz/41-6
तत्त्वार्थ सूत्र - अध्याय 5 यहाँ से पढ़े फिर प्रतियोगिता में भाग लें
https://vidyasagar.guru/paathshala/tattvarthasutra/adhyay-5/
तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय 6 प्रतियोगिता क्रमांक 7
https://vidyasagar.guru/quizzes/quiz/42-7
तत्त्वार्थ सूत्र - अध्याय 6 यहाँ से पढ़े फिर प्रतियोगिता में भाग लें
https://vidyasagar.guru/paathshala/tattvarthasutra/adhyay-6/
तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय 7 प्रतियोगिता क्रमांक 8
https://vidyasagar.guru/quizzes/quiz/43-8
तत्त्वार्थ सूत्र - अध्याय 7 यहाँ से पढ़े फिर प्रतियोगिता में भाग लें
https://vidyasagar.guru/paathshala/tattvarthasutra/adhyay-7/
तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय 8 प्रतियोगिता क्रमांक 9
https://vidyasagar.guru/quizzes/quiz/44-9
तत्त्वार्थ सूत्र - अध्याय 8 यहाँ से पढ़े फिर प्रतियोगिता में भाग लें
https://vidyasagar.guru/paathshala/tattvarthasutra/adhyay-8/
तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय 9 प्रतियोगिता क्रमांक 10
https://vidyasagar.guru/quizzes/quiz/45-10
तत्त्वार्थ सूत्र - अध्याय 9 यहाँ से पढ़े फिर प्रतियोगिता में भाग लें
https://vidyasagar.guru/paathshala/tattvarthasutra/adhyay-9/
तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय 10 प्रतियोगिता क्रमांक 11
https://vidyasagar.guru/quizzes/quiz/46-11
तत्त्वार्थ सूत्र - अध्याय 10 यहाँ से पढ़े फिर प्रतियोगिता में भाग लें
https://vidyasagar.guru/paathshala/tattvarthasutra/adhyay-10/
आपका सहयोग
1. अगर आपको तत्त्वार्थ सूत्र स्वाध्याय अच्छा लग रहा हैं - तो आप इसके बारें में सभी को बताये
2. प्रतियोगिता में ५० % या ५० % से अधिक अंक आने पर सभी को लक्की ड्रा में उपहार के लिए शामिल किया जायेगा |
3 उपहार में एक डायरी दी जाएगी जिसमे प्रत्येक पेज पर आचार्य श्री के हायकू, विचार, एवं चित्रों को भी शामिल किया गया हैं |
4. अगर किसी प्रतोयोगिता में एक हज़ार से ज्यादा प्रतियोगी भाग लेंगे तो, उपहार में हथकरघा निर्मित श्रमदान की साड़ी अथवा कुरता पजामा दिया जायेगा | सभी को प्रतियोगिता के बारें में बताएं |
5. हमारा उद्देश्य - आप स्वध्ययाय करें, प्रतियोगिता में भाग ले, और अधिक से अधिक संख्या में प्रतियोगिता में सभी को भाग लेने की प्रेरणा दे |
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*जरा याद करो बलिदान*
21 अक्टूबर 2018 दिन रविवार को खजुराहो में राष्ट्र संत परम पूज्य आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद और सानिध्य में होगा - “जरा याद करो बलिदान” कार्यक्रम जिसके तहत आजादी के लिए मर मिटने वाले शहीद परिवारों के वर्तमान वंशजों को दिया जाएगा "*स्वराज सम्मान*" कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं |
स्थान - खजुराहो जैन मंदिर
समय - 2:00 बजे से 4:00 बजे तक
दिनांक - 21 अक्टूबर 2018 दिन रविवार
आयोजक - चातुर्मास समिति व सकल दिगंबर जैन समाज
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आचार्य विद्यासागर जी महाराज ससंघ की उपस्थिति में खजुराहो श्रमदान पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह जी चौहान हथकरघा के वस्त्रो का अवलोकन करते हुए |
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सामूहिक कार्य का श्रेय समूह को ही जाता है, कोई वियक्ति विशेष को नही -आचार्य विद्यासागर जी
स्वर्णोदय जिनालय के शिलान्यास समारोह में पधारे मुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री | विश्व पटल पर संस्कृति धरोहरों में अपना स्थान बनाने के बाद जिसे अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनेस्को ने विश्व संपदा के रूप में चंदेलकालीन मंदिरों को उत्कृष्ट स्थान पूरे विश्व मे दिलाया। आज उस इतिहास में एक नई ऊर्जा के साथ स्वर्णोदय तीर्थ न्यास अतिशय क्षेत्र खजुराहो में एक भव्य स्वर्णिम जिनालय का जो कि विश्व मे सबसे ऊंचा एवं शिल्पकारी में खजुराहो को विश्व पटल पर न कि एक पर्यटन नगरी के रूप में बल्कि स्वर्णिम तीर्थ स्थान के रूप में पह्चान दिलाएगा। अपने उद्बोधन में मान्यनिय मुख्यमंत्री ने अचार्य विद्यासागर जी ने जीवदया सम्मान प्राप्त करने वाले सभी पशु पक्षी प्रेमियों को हार्दिक बधाई दी। तथा उन्होंने इस कार्य को संचालित करने के लिए अलग मंत्रालय बनाने की घोषणा की। स्वर्णोदय तीर्थ न्यास समिति के विशेष निमंत्रण पर मान्यनिय मुख्य मंत्री, वित्त मंत्री जयंत मलैया एवं श्री मल्ल कुमार जैन पंडित सुधीर शर्मा, श्री रमेश जैन, विनोद जैन, योगेश जैन ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चरण पखारकर आशीर्वाद लिया। समिति के महामंत्री इंजी० रमेश जैन ने सम्पूर्ण भारत वर्ष से पधारे तीर्थ यात्रियों का एवं मुख्य मंत्री वित्त मंत्री जिला प्रशासन खजुराहो डेवलपमेंट एशोसिएशन तथा समस्त खजुराहो वासियों का ह्रदय से स्वागत हार्दिक अभिनंदन किया। तथा उन्होने पंडित सुधीर शर्मा का कार्यक्रम में विशेष सहयोग देने एवं कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आभार वयक्त किया।
आचार्य महाराज के सम्मुख मुख्यमंत्री के उद्गार/भावनाओं की अभिव्यक्ति
1. देश का प्रथम "गौसंवर्धन मंत्रालय"होगा मध्यप्रदेश में -शिवराज सिंह
2. जीव दया के क्षेत्र में सबको मिलकर कार्य करना -शिवराज सिंह चौहान
3.आचार्य श्री जी की कृपा बरसती रहे -मुख्यमंत्री
इस अवसर पर पूरे देश से जैन समुदाय के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे वैसे तो यह भीड़ प्रतिदिन होती है पर आज का दिन कुछ विशेष भीड़ बाला वाला रहा विदित हो आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज खजुराहो में चतुर्मास कर रहे हैं जिनके चलते प्रतिदिन ही हजारों की संख्या में उनके अनुयाई यहां पहुंच रहे हैं | कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्मचारी श्री सुनील भैया जी एवं दीपक भैया जी ने किया।
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श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्व शान्ति महायज्ञ
दिनांक 4 से 11 अक्टूबर 2018 स्थान : स्वर्णोदय तीर्थ क्षेत्र खजुराहो
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पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का आशीर्वाद
नि:शुल्क औषधि
डेंगू, लंगड़ा बुखार, चिकिनगुनियां
29, 30 सितम्बर व 1 अक्टूबर 2018
प्रात: 10 से रात्रि 1 बजे तक
छप्पे लाल, जुहारमल जैन
कमानियां गेट, जबलपुर (म. प्र.)
संपर्क सूत्र : 9179699566
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कार्यक्रम सुचना ३० सितम्बर २०१८, खजुराहो
आचार्य श्री के सानिध्य में
1 कुंडलपुर मंदिर पर आधारित पुस्तक (४ भाग) का होगा विमोचन
2. मध्य प्रदेश शासन द्वारा होगा जीवदया पुरस्कार वितरण
कार्यक्रम में पधारेंगे निम्न मुख्या अतिथि और लेंगे गुरुवर का आशीष
माननीय, श्री शिवराज सिंह चौहान ( मुख्य मंत्री म. प्र) माननीय, श्री प्रकाश जावड़ेकर (मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पदासीन केंद्रीय मंत्री) माननीय, श्री मुख्तार अब्बास नकवी (केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री) माननीय, श्री जयंत कुमार मलैया, (वित्त मंत्री, मध्यप्रदेश) आप सभी से अनुरोध आप सभी इस कार्यक्रम में पधारें |- Read more...
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"मूकमाटी" भोज विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में जुड़ी
दिगम्बर जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी के द्वारा आधुनिक हिन्दी महाकाव्य में अप्रतिम योगदान स्वरूप धर्म, दर्शन और आध्यात्मिक दृष्टि से सम्पन्न लोकविश्रुत कालजयी ‘मूकमाटी' महाकाव्य का सृजन किया गया है। मानव जीवन मूल्यों एवं साहित्य के भूलते जा रहे आस्था भाव को युवा पीढ़ी एवं छात्रों को प्रदान करने वाली इस अभिनव कृति को म. प्र. भोज( मुक्त विश्वविद्यालय, भोपाल के एम. ए. हिन्दी पूर्वार्ध-स्नातकोत्तर उपाधि पाठ्यक्रम में अब शामिल किया गया है।
हिन्दी सन्त काव्य परम्परा तथा आचार्य विद्यासागर के काव्य में लोक मंगल भावना, आचार्य विद्यासागर-जीवन और व्यक्तित्व परिचय, आचार्य विद्यासागर का जीवन दर्शन एवं रचना संसार (संक्षिप्त परिचय), ‘मूकमाटी' का महाकाव्यत्व- उद्देश्य, कथानक, पात्र योजना एवं चरित्र चित्रण, संवाद योजना, परिस्थिति चित्रण, अभिव्यंजना सौंदर्य का विश्लेषण व 'मूकमाटी' के प्रमुख पद्यों की व्याख्या रूप इस प्रश्न पत्र में पाँच इकाइयाँ समायोजित की गई हैं। चार प्रश्नपत्रों वाले इस पाठ्यक्रम की पुस्तकें विश्वविद्यालय से प्राप्त की जा सकती हैं।
इस पाठ्यक्रम में शामिल होने हेतु ऑन् लाइन फार्म भरे जा रहे हैं। लगभग पचपन सौ रुपये शुल्क वाले इस चतुर्थ प्रश्नपत्र में विशेष कवि - आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज कृत 'मूकमाटी' को पढ़ाए जाने वाले इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के इच्छुक विद्यार्थियों को आगामी ३० सितम्बर तक ऑन लाइन ही फार्म भरना होगा। परीक्षा में तैयारी कराने हेत डॉ. शीलचन्द पालीवाल, पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष - एस. एस. एल. जैन पी. जी. कॉलेज, स्वर्णकार कॉलोनी एवं शिक्षक निर्मलकुमार जैन, गाड़ी अड्डा रोड, गल्ला मण्डी के पास, | विदिशा से सम्पर्क करके निःशुल्क मार्गदर्शन लिया जा सकता है।
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"मूकमाटी" महाकाव्य निजी विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में भी शामिल
दिगम्बर जैनाचार्यप्रवर सन्तशिरोमणि श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपनी सुदीर्घ साधना से अर्जित दिव्यज्ञान को गागर में सागर के समान भरकर सन् १९८७ में हिन्दी साहित्य जगत् को अप्रतिम योगदान के रूप में ‘मूकमाटी' महाकाव्य प्रदान किया था। यह कालजयी महाकाव्य अपनी साहित्यिक आभा से जनमानस की चेतना को प्रकाशित कर रहा है व आत्मोत्थान एवं सामाजिक समरसता के दिव्य सन्देश के माध्यम से सुषुप्त चेतना को जाग्रत कर रहा है। ‘मूकमाटी' महाकाव्य की विषयवस्तु पर केन्द्रित होकर मध्यप्रदेश, नई दिल्ली, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़ आदि प्रदेशों के अनेक विश्वविद्यालयों में अद्यतन ४डी. लिट्., २४ पी-एच. डी. के शोध प्रबन्ध एवं ६ एम. फिल., २ एम. एड. तथा ५ एम. ए. के लघुशोध प्रबन्ध रूप में ४१ शोधकार्य हो चुके/रहे हैं।
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से दीक्षित ज्येष्ठ मुनि श्री समयसागर जी महाराज के साथ मुनि श्री प्रशस्तसागर जी, मुनि श्री मल्लिसागर जी तथा मुनि श्री आनन्दसागर जी महाराज का वर्षायोग-२०१८ विन्ध्य क्षेत्र की सुप्रसिद्ध धर्मनगरी सतना में हो रहा है। संघस्थ मुनि श्री मल्लिसागर जी महाराज की सत्प्रेरणा से श्री रुचिर जैन, ( साईं कृपा, जे. आर. बिरला मार्ग, सन्तोषी माता के पास ) सतना, म. प्र. ने अथक एवं सार्थक प्रयास किया। इसी के परिणामस्वरूप निजी विश्वविद्यालय के रूप में प्रसिद्ध 'श्री कृष्णा विश्वविद्यालय' ने अपने पाठ्यक्रम में अब'मूकमाटी'महाकाव्य को भी शामिल कर लिया है।
श्री कृष्णा विश्वविद्यालय, छतरपुर, म. प्र. के कुलसचिव के पत्र क्रमांक १९/एसकेयू/२०१८, दिनांक ०७-०९-२०१८ के अनुसार “सन्त शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक ‘मूकमाटी' को स्नातकोत्तर उपाधि हिन्दी विषय के पाठ्यक्रम चतुर्थ सेमेस्टर के तृतीय प्रश्नपत्र में वैकल्पिक प्रश्नपत्र 'कोई एक साहित्यकार-आचार्य विद्यासागर' के रूप में पढ़ाये जाने हेतु पाठ्यक्रम में सम्मिलित कर लिया है।''
"मूकमाटी" महाकाव्य अब तक बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी (उत्तरप्रदेश), पण्डित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छत्तीसगढ़ ), राष्ट्रसन्त तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ, नागपुर ( महाराष्ट्र), सौराष्ट्र विश्वविद्यालय, राजकोट (गुजरात), अटलबिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय, भोपाल (म. प्र.), बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल (म. प्र.), विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन (म. प्र. ) आदि के एम. ए./एम. फिल.-हिन्दी तथा अंग्रेजी आदि के विविध पाठ्यक्रमों में भी ‘मूकमाटी' महाकाव्य सम्मिलित किया जा चुका है।
मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के लिए मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा केन्द्र, भोपाल' द्वारा निर्मित 'कक्षा नवमी' विषयक 'नवनीत- हिन्दी विशिष्ट' नामक पाठ्यपुस्तक २०१८ के संस्करण में 'कविता का स्वरूप एवं विकास' के अन्तर्गत 'पद्य साहित्य का इतिहास' शीर्षक के दसवें पाठ 'विविधा' में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का जीवन परिचय सहित' मूकमाटी'महाकाव्य के पृष्ठ १६९-१७० पृष्ठों पर मुद्रित कविता का चयनित अंश तीसरे पाठ के रूप में स्वाभिमान' नाम से संकलित व प्रकाशित होकर अब मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों के ज्ञानार्जन में सहयोगी बनेगा।
इसके अतिरिक्त रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर, मध्यप्रदेश भोज ( मुक्त) विश्वविद्यालय, भोपाल, सेज यूनिवर्सिटी, इन्दौर (म.प्र.), बस्तर विश्वविद्यालय, जगदलपुर ( छत्तीसगढ़ ) इत्यादि के पाठ्यक्रमों में भी ‘मूकमाटी' महाकाव्य को शामिल किये जाने सम्बन्धी प्रक्रिया गतिमान है।
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राष्ट्रपति को मूकमाटी सचित्र की प्रति सादर भेट
आचार्य श्री विद्यासागर जी के 50 वें दीक्षा दिवस पर संयम स्वर्ण महोत्सव के अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद महोदय को भारतीय ज्ञानपीठ के प्रबंधन्यासी साहू अखिलेश जैन के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल में श्री स्वर्दशभूषण जैन (न्यासी, भारतीय ज्ञानपीठ), श्री अशोक पाटनी, श्री एस. के. जैन, डॉ. सौगनी, श्री प्रभात जैन(मुम्बई) और श्री पंकज जैन आदि ने आचार्य श्री के द्वारा लिखित पुस्तक मूकमाटी सचित्र की प्रति भेट की।
यह महाकाव्य धर्म-दर्शन एवं अध्यात्म के सार को आज की भाषा एवं मुक्त - छन्द की मनोरम काव्य शैली में निबद्ध कर कविता रचना को नया आयाम देने वाली एक अनुपम कृति। आचार्य श्री विद्यासागर जी की काव्य प्रतिभा का यह चमत्कार है कि माटी जैसी निरीह, पददलित, व्यथित वस्तु को महाकाव्य का विषय बनाकर उसकी मूकवेदना और मुक्ति की आकांक्षा को वाणी दी है। कुम्भकार शिल्पी ने मिट्टी की ध्रुव और भव्य सत्ता को पहचानकर कूटछानकर, वर्णसंकर कंकर को हटाकर उसे निर्मल मूदुता का वर्णलाभ दिया है। यह महाकाव्य साहित्य जगत् और आध्यत्मिक जगत् के लिए सदैव उपादेय है।
इस महाकाव्य अनेकों शोध कार्य हो चुके है। वर्तमान में यह महाकाव्य 36 विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल है। 19 भाषाओं में इसका अनुवाद प्रकाशित हो चुका है। अभी हाल ही में भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली से यह महाकाव्य सचित्र रूप में प्रकाशित हुआ है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज द्वारा लिखित काव्य मूक माटी को माननीय राष्ट्रपति श्रीमान रामनाथ जी कोविंद को प्रदान करते हुए समाज के सृष्टि गन अशोक जी पाटनी एवं अन्य.
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