स्वर्णोदय जिनालय (खजुराहो) के शिलान्यास समारोह में पधारे मुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री
सामूहिक कार्य का श्रेय समूह को ही जाता है, कोई वियक्ति विशेष को नही -आचार्य विद्यासागर जी
स्वर्णोदय जिनालय के शिलान्यास समारोह में पधारे मुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री | विश्व पटल पर संस्कृति धरोहरों में अपना स्थान बनाने के बाद जिसे अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनेस्को ने विश्व संपदा के रूप में चंदेलकालीन मंदिरों को उत्कृष्ट स्थान पूरे विश्व मे दिलाया। आज उस इतिहास में एक नई ऊर्जा के साथ स्वर्णोदय तीर्थ न्यास अतिशय क्षेत्र खजुराहो में एक भव्य स्वर्णिम जिनालय का जो कि विश्व मे सबसे ऊंचा एवं शिल्पकारी में खजुराहो को विश्व पटल पर न कि एक पर्यटन नगरी के रूप में बल्कि स्वर्णिम तीर्थ स्थान के रूप में पह्चान दिलाएगा। अपने उद्बोधन में मान्यनिय मुख्यमंत्री ने अचार्य विद्यासागर जी ने जीवदया सम्मान प्राप्त करने वाले सभी पशु पक्षी प्रेमियों को हार्दिक बधाई दी। तथा उन्होंने इस कार्य को संचालित करने के लिए अलग मंत्रालय बनाने की घोषणा की। स्वर्णोदय तीर्थ न्यास समिति के विशेष निमंत्रण पर मान्यनिय मुख्य मंत्री, वित्त मंत्री जयंत मलैया एवं श्री मल्ल कुमार जैन पंडित सुधीर शर्मा, श्री रमेश जैन, विनोद जैन, योगेश जैन ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चरण पखारकर आशीर्वाद लिया। समिति के महामंत्री इंजी० रमेश जैन ने सम्पूर्ण भारत वर्ष से पधारे तीर्थ यात्रियों का एवं मुख्य मंत्री वित्त मंत्री जिला प्रशासन खजुराहो डेवलपमेंट एशोसिएशन तथा समस्त खजुराहो वासियों का ह्रदय से स्वागत हार्दिक अभिनंदन किया। तथा उन्होने पंडित सुधीर शर्मा का कार्यक्रम में विशेष सहयोग देने एवं कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आभार वयक्त किया।
आचार्य महाराज के सम्मुख मुख्यमंत्री के उद्गार/भावनाओं की अभिव्यक्ति
1. देश का प्रथम "गौसंवर्धन मंत्रालय"होगा मध्यप्रदेश में -शिवराज सिंह
2. जीव दया के क्षेत्र में सबको मिलकर कार्य करना -शिवराज सिंह चौहान
3.आचार्य श्री जी की कृपा बरसती रहे -मुख्यमंत्री
इस अवसर पर पूरे देश से जैन समुदाय के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे वैसे तो यह भीड़ प्रतिदिन होती है पर आज का दिन कुछ विशेष भीड़ बाला वाला रहा विदित हो आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज खजुराहो में चतुर्मास कर रहे हैं जिनके चलते प्रतिदिन ही हजारों की संख्या में उनके अनुयाई यहां पहुंच रहे हैं | कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्मचारी श्री सुनील भैया जी एवं दीपक भैया जी ने किया।
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